रोज 19 को निगलता है पंजाब में कैंसर
मंगलवार, 12 मार्च, 2013 को 16:44 IST तक के समाचार
कैंसर ने अपना पता पंजाब के
दबड़ीखाना गांव की इस गली में ढूंढा है, जहां चार लोगों को कैंसर हुआ
जिनमें से तीन की मौत. ज़िंदा बचने वाली एक महिला है जिसका परिवार अब अपना
घर बेच कर कहीं और चला गया है.
करीब 450 मकानों वाला दबड़ीखाना गांव फ़रीदकोट
जिले में है. पंजाब के उस भयावह कैंसर आंकड़े का हिस्सा है, जिसके मुताबिक
पिछले पांच साल में 34 हजार से ज्यादा जानें इस बीमारी से जा चुकी हैं.आंख में आंसू
उसके भाई 19 साल के सिमरनजीत सिंह ने बताया, ''दरअसल वो मां के बारे में बात होने पर रोने लगती है.'' कुलजीत कौर के बारे में बात करते हुए बेटे की आंखें भी भर आती हैं.हजारों की मौत
दो करोड़ 77 लाख से अधिक आबादी वाले राज्य में हर रोज़ लगभग 19 लोगों की कैंसर के कारण मंत्यु होती है.
इस सर्वेक्षण के मुताबिक पिछले पांच सालों में 34,430 लोग कैंसर की वजह से मारे गए हैं. इनमें से सबसे अधिक लुधियाना ज़िले में हैं जहां 3,945 लोग इसकी वजह से अपनी जान गंवा बैठे.
इसी सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि 87,000 से अधिक लोग अभी कैंसर से पीड़ित हैं.
फरीदकोट, मुक्तसर, मानसा, बठिंडा जैसे ज़िलों वाला पंजाब का मालवा क्षेत्र कैंसर से सबसे अधिक प्रभावित माना जाता है.
इस सर्वेक्षण के मुताबिक पिछले पांच सालों में 34,430 लोग कैंसर की वजह से मारे गए हैं. इनमें से सबसे अधिक लुधियाना ज़िले में हैं जहां 3,945 लोग इसकी वजह से अपनी जान गंवा बैठे.
इसी सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि 87,000 से अधिक लोग अभी कैंसर से पीड़ित हैं.
फरीदकोट, मुक्तसर, मानसा, बठिंडा जैसे ज़िलों वाला पंजाब का मालवा क्षेत्र कैंसर से सबसे अधिक प्रभावित माना जाता है.
उसने बताया, ''पिता जी पास के गांव के गुरुद्वारे मे ग्रंथी हैं और साथ ही देहाड़ी का काम करते हैं. वे वहीं रहते हैं. जो कुछ हो सकता है वो भेज देते हैं.''
''राजस्थान के बीकानेर के अस्पताल में इलाज चला और फरीदकोट में भी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. एक महीने तो मां कुछ खा ही नहीं पाई.''
सामने घर में रहने वाली नसीब कौर की लगभग 50 वर्ष की आयु में मौत हुई थी. उनकी पति भी देहाड़ी पर मज़दूरी करते थे. दो बेटे हैं. घरवालों ने बताया कि उन्हें बच्चेदानी का कैंसर था.
पड़ोस के घर में रहने वाले प्रभु सिंह पेट के कैंसर से पीड़ित थे. दो साल पहले उनकी मौत हुई थी. परिवार वालों ने बताया कि पहले तो पता ही नहीं चला कि कैंसर है और जब चला तो काफी देर हो चुकी थी. पंजाब के मालवा क्षेत्र में बहुत सारे कैंसर के पीड़ितों की तरह उन्हें भी बीकानेर के अस्पताल ले जाया गया लेकिन दो-तीन महीने इलाज के बाद ही उनकी मौत हो गई.
"सर्वे में सामने आया है कि जितना शोर था उतना कैंसर यहां नहीं है. जो लोग कहते थे कि पंजाब में 10 लाख या 20 लाख कैंसर के मरीज़ हैं और हर घर में कैंसर है वो सब झूठ साबित हुए हैं."
सर्वे कराने वाले पंजाब के पंजाब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी प्यारा लाल गर्ग
इस गांव में रहने वाले और कैंसर पर काम करने वाली एक गैर सरकारी संस्था से संबंध रखने वाले गुरप्रीत सिंह बताते हैं कि कई महीने पहले उन्होंने यहां एक सर्वेक्षण किया था जिसमें सामने आया कि पिछले छह-सात सालों में लगभग 35 लोग यहां कैंसर की वजह से मारे गए हैं.
वे कहते हैं, ''आजकल गांव में लोगों को कैंसर के बारे में थोड़ी जानकारी होने के चलते वे इसका इलाज कराने लगे हैं.''
लेकिन ऐसा नहीं है कि कैंसर केवल इसी गांव में है. पूरे पंजाब में कैंसर पांव पसार चुका है.
हाल में पहली बार राज्य सरकार ने पूरे राज्य में एक सर्वेक्षण कराया है जिससे दिल दहला देने वाले आंकड़े सामने आए हैं.
गंभीरता
सर्वे कराने वाले पंजाब के पंजाब स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी प्यारा लाल गर्ग कहते हैं, ''सर्वे में सामने आया है कि जितना शोर था उतना कैंसर यहां नहीं है.''
वे तर्क देते हैं, ''जो लोग कहते थे कि पंजाब में 10 लाख या 20 लाख कैंसर के मरीज़ हैं और हर घर में कैंसर है वो सब झूठ साबित हुए हैं.''
वे कहते हैं, ''एक लाख की आबादी में केवल 91 लोग कैंसर से प्रभावित हैं हालांकि मुक्तसर, फरीदकोट, मानसा जैसी जगहों में यह संख्या अधिक है.''
'उजड़ती हुई सभ्यता'
वहीं राज्य में खेती और इससे जुड़े मुद्दों पर करीबी नजर रखने वाली गैर सरकारी संस्था खेती विरासत मिशन के उमेंद्र दत्त कहते हैं, ''कैंसर इतना गंभीर हो चुका है कि पंजाब एक उजड़ती हुई सभ्यता बन चुकी है.''वे कहते हैं, ''मुझे यह कहने में कोई संकोच नही है कि पंजाब के पर्यावरण में ज़हर घुला हुआ है. डेढ फीसदी भौगोलिक क्षेत्र में 18 फीसदी कीटनाशकों का इस्तेमाल होता है. लगभग सारा वर्ष यहां के लोग कीटनाशकों से एक्सपोस्ड हैं.''
फरीदकोट के बाबा फरीद अस्पताल के कैंसर विशेषज्ञ डॉ मनजीत जौड़ा कहते हैं, ''यहां कैंसर का कोई एक कारण नहीं है. कीटनाशकों की वजह से यहां की ज़मीन और फिर हवा और पानी प्रदूषित है जिसकी वजह से यहां कैंसर इतने बुरे तरीके से फैला है.''
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