सोमवार, 24 जून 2013

Rahul verma मुरादाबाद








राष्ट्रीय समस्याआें को खत्म करने के लिए राष्ट्रव्यापी जन-आन्दोलन ही एक मात्र रास्ता है-मा.वामन मेश्राम
भारत मुकित मोर्चा के बैनर तले चल रहे मण्डल स्तरीय महासम्मेलन के तहत दिनांक 21 जून 2013 को स्थान डा.भीमराव अम्बेडकर पार्क सिविल लाइन, मुरादाबाद में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस सम्मेलन के उदघाटक मा. जेठू सिंह (मण्डल अध्यक्ष रेलवे, एससी, एसटी एसोशिएशन, मुरादाबाद) ने अपनी बात रखते हुए कहा जिस प्रकार देश में राष्ट्रीय समस्याआें को बढ़ावा मिल रहा है केन्द्र सरकार की बहुजन विरोधी नीतियों ने देश के आर्थिक हालात को खराब कर दिया है महंगार्इ को आसमान तक पहुँचा दिया है उसी प्रकार रेलवे विभाग में भी निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसका नतीजा हमारे सामने देखने को मिल रहा है कर्इ विभागाें में निजीकरण की शुरूआत करने के लिए ठेकेदारी प्रथा चल पड़ी है आज कर्मचारियों पर अतिरिक्त भार डाला जा रहा है। जहां आज लगभग ढार्इ लाख कर्मचारियों की कमी है कर्इ बार कर्मचारियों के काम की बजाय जातिय भावना से व्यवाहर करने के मामले सामने आते है देश की तथाकथित आजादी के 66 वर्ष बाद भी व्यवाहरिकता सुधरी नहीं है। हालाकि कर्मचारियों के रेलवे संगठन है मगर उतनी ताकत नहीं है जितनी शासक वर्ग के ब्राह्राणवादियों की है इसलिए अब जनता भी हर तरह से बदलाव चाहती है जो भारत मुकित मोर्चा करने जा रहा है हमारे महापुरूषाें का अधूरा सपना पूरा करने के लिए हमें एक साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा सामाजिक मजबूती लानी होगी जिसके लिए भारत मुकित मोर्चा के द्वारा वामन मेश्राम जी की जितनी प्रशंसा करे उतनी कम है।
इसके अलावा मुख्य अथिति मा.श्रीपाल सैनी (राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय सैनी सेवा समाज) विशेष अतिथि कौशलेन्द्र प्रताप सिंह यादव (संपादक सोशल बे्रनवास) एड.जे.एस.कश्यप (कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष, बहुजन मुकित पार्टी) डा. विजय पाल सिंह, एड. हरिओम, आयु. मीरा सैनी, एड.महावीर प्रसाद मौर्य, र्इ.मणिकांत, मा. मुस्तकिम कौफी आदि ने आज भारत में शासक वर्ग (ब्राह्राणों) की केन्द्रीय व्यवस्था में कमियाें खामियों को उजागर किया और बहुजन विरोधी नीतियों के खिलाफ  भाषणों में गुस्सा छलक रहा था। आज जिस कदर आतंकवाद, भ्रष्टाचार, भुखमरी, नक्सलवाद और वर्तमान में प्रकृति की आपदाआें पर सरकार की ओर से पूर्व तैयारी की कमी यह दर्शाती है कि शासक वर्ग समस्याआें को कम करने के बजाय बढ़ावा दे रही है। जिस पर राजनीति हो रही हैं इसलिए अब समय है समाज में जागृति लाने का समाज की समस्याओं को खत्म करने के लिए बहुजनों के प्रत्येक परिवार की भागीदारी से जन जागृति और व्यवस्था परिवर्तन के लिए राष्ट्रव्यापी जन-आन्दोलन खड़ा करने के लिए एक मंच पर आने की पहल करनी होगी। जिसके लिए उचित मंच भारत मुकित मोर्चा बहुजनों को पुकार रहा है इस प्रकार सामाजिक चेतना की बातों ने उपसिथति लोगों में सामाजिक जागृति और कुछ कर गुजरने का उत्साह दिया। अन्त में इस सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए मा.वामन मेश्राम (राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारत मुकित मोर्चा) ने कहा कि आप लोगों की बाते सुनकर और उपसिथत लोगों के मनोबल से लग रहा है कि आप सभी की समस्याएं गम्भीर है व्यवस्था से पीडि़त है मगर इस व्यवस्था से बाहर निकलने के लिए सभी को प्रयास करना होगा एक कहावत है कि एक हाथ से ताली नहीं बजती उसी प्रकार राष्ट्रीय समस्याआें को खत्म करने के लिए कुछ व्यकितयों में जागृति से बहुजन समाज जागृत होगा ऐसा नहीं कहा जा सकता है इसलिए हमारे बहुजन समाज की राष्ट्रीय समस्याएं है तो हमें तैयारी भी राष्ट्रीय स्तर की करनी होगी जिसके लिए हमें जिला, तहसील, ब्लाक एवं 6 लाख गांंवो तक सामाजिक जागृति का प्रचार-प्रसार करना होगा। और राष्ट्रीय स्तर का जन-आन्दोलन खड़ा करना होगा। जिसके लिए बहुजनाें के प्रत्येक जातिय पक्ष का साथ सहयोग करना होगा तब जाकर जन-आन्दोलन सफल होगा। आजादी मिलेगी तो राष्ट्रीय समस्याएं स्वयं समाप्त हो जायेगी विश्व के जहां समास्यएं उत्पन्न हुर्इ है तो समाधान के लिए जन-आन्दोलन हुआ है और सफल रहा है। भारत में हमारा समाज 85 फीसदी है शासक वर्ग 15 फीसदी है इसलिए दुनिया की कोर्इ ताकत हमें आजाद करने से नहीं रोक सकती बशर्ते हम सभी में जागृति और समस्याआें के विरोध में एकजुटता लायेगें और दलाल भड़वो को सबक सिखाया जाये तो वह दिन दूर नहीं, हजारों सालों की गुलामी को छोड़ने में समय नहीं लगेगा, इस प्रकार   वामन मेश्राम साहब ने लोगों को शासक वर्ग द्वारा बहुजन विरोधी नीतियों को उजागर करते हुए और जिनसे बाहर निकलने का रास्ता बताया सभी उपसिथत जन समूह ने स्वीकारा और साथ सहयोग देने का संकल्प लिया।

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