बोधगया धमाके: ख़ुफ़िया एजेंसियों ने किया था आगाह
रविवार, 7 जुलाई, 2013 को 16:29 IST तक के समाचार
बोधगया के महाबोधि मंदिर में
धमाकों के बाद बिहार के पुलिस महानिदेशक अभयानंद ने इस बात को स्वीकार किया
है कि खुफिया एजेंसियों ने संभावित हमलों के बारे में आगाह किया था.
उन्होंने कहा कि इसके बाद मंदिर परिसर की सुरक्षा
बढ़ाई गई थी. रविवार को पटना में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने ये भी
कहा कि इस बात को लेकर सुरक्षा एजेंसियों की बैठक हुई जिसमें सुरक्षा कड़ी
करने का फैसला किया गया है.क्लिक करें (तस्वीरें :महाबोधि मंदिर का ताज़ा हाल)
महानिदेशक का कहना है कि मंदिर को फिलहाल आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया या है. स्थिति का पूरी तरह जायजा लिए जाने के बाद ही श्रद्धालुओं को वहां जाने की अनुमति दी जाएगी.
अभयानंद ने कहा कि रविवार तड़के हुए इन बम धमाकों में दो लोग घायल हुए हैं.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने ये बताने से इनकार कर दिया कि हमले में किस तरह के बम का इस्तेमाल किया गया था.
उनका कहना है कि सुरक्षा एजेंसियों को इस बात का पता चल चुका है कि वो बम किस तरह के थे, लेकिन जांच की दृष्टि से इसे सार्वजनिक करना उचित नहीं होगा.
लापरवाही का आरोप
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि इस तरह के हमले भारत की मिली जुली संस्कृति पर आघात हैं और इन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी ने माना है कि ये एक चरमपंथी हमला है.
घटनास्थल की जाँच करने आ रही एनएसजी और एनआईए की टीम ख़राब मौसम के कारण वापस लौट गई है.
धमाके के बाद राज्य सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लग रहा है.
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य में पुलिस व्यवस्था पंगु हो चुकी है. उन्होंने कहा, "जब से गठबंधन टूटा है तब से राज्य सरकार केवल राजनीतिक जुगाड़ में लगी हुई है और कानून व्यवस्था की पूरी तरह से उपेक्षा हो रही है. इसी लापरवाही के चलते ही ये हमला हुआ है."
"ख़ुफ़िया एजंसियों से मिली जानकारी के बाद मंदिर परिसर और आसपास की सुरक्षा बढ़ाई गई थी, लेकिन फिर भी हमला हुआ. यह दुखद है. "
नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
रिपोर्ट तलब
नीतीश कुमार ने ये भी कहा कि वे मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था केंद्रीय औद्यौगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को सौंपने का आग्रह केंद्र सरकार से करेंगे. इस हमले की जांच के बारे में नीतीश ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम जांच करेगी.बिहार में विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने भी धमाके के बाद राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, "आईबी और अन्य ख़ुफ़िया एजंसियों से मिली रही जानकारी के बावजूद भी हमला होना सरकार राज्य सरकार की नाकामी है."
भाजपा के महासचिव एवं सांसद राजीव प्रताप रुडी घटनास्थल का मुआयना करने के लिए गया रवाना हो गए हैं. रुडी ने कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति लालू राज के दौर में वापस पहुँच गई है.
क्लिक करें (महाबोधि मंदिर: धमाकों के बाद मंदिर की तस्वीरें)
उधर गृह मंत्रालय ने भी राज्य सरकार से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है.
धमाकों से थर्राया मंदिर परिसर
बताया जा रहा है कि मंदिर परिसर में पहला धमाका सुबह सवा पांच बजे हुआ. इसके बाद मंदिर के पास तीन और धमाके हुए.धमाके के बाद मंदिर परिसर में काफी ज़्यादा धुंआ फैल गया था और धमाकों की आवाज़ दूर तक सुनी गई.
महाबोधि मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव एन दोरजी ने बीबीसी को बताया, "धमाके से धुंआ बहुत फैल गया. लेकिन मंदिर परिसर को कोई नुकसान नहीं हुआ है, इससे लगता है कि बम कम तीव्रता के थे."
दोरजी के मुताबिक सबसे पहला धमाका मंदिर परिसर के अंदर स्थित बोधि वृक्ष से सटे चबूतरे के पास हुआ. एक दूसरा धमाका मंदिर के अंदर दीप प्रज्वलित करने की जगह स्थित एक एंबुलेंस में हुआ. इसे दीप घर के सभी शीशे टूट गए हैं.
इन धमाकों में दो लोगों के घायल होने की सूचना है, इसमें एक बर्मी बौद्ध पुजारी है और दूसरे स्थानीय निगमा बौद्ध मठ के अनुयायी हैं.
सुबह के वक्त मंदिर परिसर में ज़्यादा भीड़ भाड़ नहीं होने से किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं है. मंदिर परिसर में किसी तरह के नुकसान की कोई ख़बर नहीं है.
तीन अन्य धमाके महाबोधि मंदिर से सटे कर्मपा मंदिर के पास हुए हैं. कर्मपा मंदिर के पास से भी एक जिंदा बम बरामद किया गया है.
पहले मिली थी धमकी
"जब से गठबंधन टूटा है तब से राज्य सरकार केवल राजनीतिक जुगाड़ में लगी हुई है और कानून व्यवस्था की पूरी तरह से उपेक्षा हो रही है. इसी लापरवाही के चलते ही ये हमला हुआ है."
सुशील कुमार मोदी, नेता विपक्ष, बिहार विधानसभा
इसके बाद मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने का दावा किया गया था. लेकिन पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के चलते ये हमला हुआ है.
स्थानीय विधायक हरि मांझी ने बीबीसी हिंदी को बताया,"यह पूरी तरह से प्रशासनिक लापरवाही के चलते हुआ है, जब पहले से ही धमकी मिल रही थी तो मंदिर के अंदर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए थी."
महाबोधि मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव एन दोरजी ने बताया कि मंदिर परिसर से बाहर की सुरक्षा की जिम्मेदारी बिहार पुलिस की है जबकि मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रबंधन समिति की है और इसके लिए निजी सुरक्षा गार्डों की मदद से ली जाती है.
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