भारत में हैं सबसे ज़्यादा गुलाम'
गुरुवार, 17 अक्तूबर, 2013 को 13:50 IST तक के समाचार
भारत में विश्व में सबसे अधिक एक
करोड़ 40 लाख लोग गुलामों जैसा जीवन बिना बिता रहे हैं, ये दावा किया गया है
ग्लोबल स्लेवरी इंडेक्स में.
इस सूची के अनुसार दुनिया भर में करीब तीन करोड़
लोग गुलामों की ज़िंदगी जी रहे हैं. हालांकि जनसंख्या प्रतिशत के अनुसार
सर्वाधिक, करीब चार प्रतिशत, आधुनिक गुलाम अफ्रीकी देश मॉरीतानिया में हैं.लेकिन इस सूची में यह भी कहा गया है कि कुल जनसंख्या के अनुपात के हिसाब से यह आंकड़ा मॉरीतानिया में सबसे ज़्यादा है. यहाँ की चार प्रतिशत आबादी गुलामों जैसी ज़िंदगी जी रही है.
गुलामी की आधुनिक परिभाषा
गुलामी की आधुनिक परिभाषा के अनुसार यह सूची ऑस्ट्रेलिया की अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था क्लिक करें 'वॉक फ्री फाउंडेशन' ने तैयार की है.इसमें कर से संबंधित क्लिक करें बंधुआ मज़दूरी, जबरन शादी और मानव तस्करी शामिल हैं.
डब्लूएफएफ के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी निक ग्रोनो ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "हमारी बात बहुत सी सरकारें सुनना नहीं चाहेंगी."
इस संस्था द्वारा दुनिया भर में दो करोड़ 90 लाख आठ हज़ार गुलाम होने का अनुमान आधुनिक गुलामी के बारे में किए गए अन्य आकलन से काफी ज़्यादा है.
विभिन्न देशों में गुलामों की संख्या
- भारत - 1,39,56,010
- चीन - 29,49,243
- पाकिस्तान - 21,27,132
- नाइजीरिया - 701,032
- इथोपिया - 6,51,110
- रूस - 5,16,217
- थाईलैंड - 4,72,811
- डीआर कांगो- 4,62,327
- म्यांमार - 3,84,037
- बांग्लादेश - 3,43,192
'भारत में सबसे अधिक गुलाम'
इस कल्याणकारी संस्था का कहना है कि भारत, चीन, पकिस्तान और नाइजीरिया में सबसे ज़्यादा गुलाम हैं.यदि इन देशों में पाँच अन्य देशों के आधुनिक गुलामों की संख्या जोड़ दी जाए तो विश्व में आधुनिक गुलामी के कुल अनुमान का तीन चौथाई आंकड़ा हो जाता है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि क्लिक करें भारत को लोगों की संख्या के आधार पर मिला गुलामी में पहला स्थान देश के भीतर ही लोगों का शोषण होने के कारण हो सकता है.
'गुलामी मिली पुरखों से'
सबसे अधिक अनुपात के हिसाब से मॉरीतानिया को पहला स्थान इसलिए मिला क्योंकि वहाँ बहुत से लोगों को गुलामी अपने पुरखों से विरासत में मिलती है.सूची में मॉरीतानिया के बाद हैती को दूसरा और पकिस्तान को तीसरा स्थान दिया गया है.
इस सर्वेक्षण को अमरीका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और पूर्व ब्रितानी प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर का समर्थन हासिल है.
समाचार एजेंसी एपी के अनुसार हिलेरी क्लिंटन ने कहा, "हालांकि यह सूची पूरी तरह से ठीक नहीं है लेकिन यह एक शुरुआत का मौका देती है."
उन्होंने कहा, "मैं विश्व के नेताओं से अपील करती हूँ कि वे इस सूची को देखें और इस अपराध से निपटने के लिए अपना ध्यान केंद्रित रखें."
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