छोटे-छोटे ताबूतों में बड़ा सा जनाज़ा
- 2 घंटे पहले
मंगलवार को पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल में मारे गए 140 लोगों में से अधिकतर का नमाज़े जनाज़ा चल रहा है.
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के हमले में मारे गए लोगों में स्कूल स्टाफ़ के भी 9 लोग थे. पाकिस्तानी सेना के अनुसार सभी सात हमलावर भी मारे गए.
दुनिया भर में इस घटना की निंदा हो रही है, यहां तक कि अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद तालिबान ने भी इसकी निंदा की है.
इस्लामी रीति रिवाज के अनुसार मंगलवार शाम से ही कुछ लोगों का अंतिम संस्कार किया जाने लगा.
अल्लाह बदला लेगा
मारे गए बच्चों के रिश्तेदारों के अलावा सैकड़ों लोग भी जनाज़े में शामिल हुए.
मारे गए एक बच्चे के पिता ने समाचार एजेंसी एपी से कहा, ''वो सिर्फ़ 15 साल का था और आठवीं कक्षा में पढ़ता था. कल रात मैंने उससे बात की थी. आज सुबह वो मुझ से पहले उठा और स्कूल चला गया''
मारे गए एक और बच्चे 10 साला गुल शेर के चाचा साजिद ख़ान ने कहा कि उनका भतीजा डॉक्टर बनना चाहता था लेकिन वो कफ़न में लिपटा हुआ है.
उन्होंने आगे कहा, ''हमलोग उन आतंकवादियों से बदला नहीं ले सकते लेकिन मैं अल्लाह से दुआ करता हूं कि वो उनसे बदला ले.''
दुनिया भर में इस हमले की भर्त्सना हो रही है, यहां तक कि तहरीक-ए-तालिबान पाकि्स्तान के वैचारिक साथी अफ़ग़ानिस्तान के तालिबान ने भी इसकी निंदा करते हुए इसे ग़ैर-इस्लामी क़रार दिया है.
अफ़ग़ानिस्तान तालिबान के प्रवक्ता ज़हीबुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि वे लोग पेशावर हमले में मारे गए बच्चों के रिश्तेदारों को शोक संदेश भेज रहे हैं.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें