ये कैसा महोत्सव है
गुरूवार, मार्च 11, 2010,16:15 [IST]
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काठमांडू। चार महीने पहले नेपाल के दक्षिण में स्थित
मैदानी इलाके में दुनिया भर से लोग पशु बलिदान समारोह के लिए जमा हुए थे और
अब इस पर्वतीय देश के पश्चिम में सैकड़ों लोग याक का खून पीने के महोत्सव
के लिए जमा हो रहे हैं। प्राचीन तिब्बती राजशाही के दौरान उत्तरी नेपाल के
मस्तांग इलाके में इस तरह का ही एक महोत्सव आयोजित किया जाता है। मस्तांग
इलाका कभी तिब्बती राजशाही के अधीन हुआ करता था।
फिलहाल याक का खून पीने का महोत्सव पश्चिमी नेपाल के एक दूरदराज जिले म्याग्दी में आयोजित किया जा रहा है और इसमें हिस्सा लेने के लिए बच्चे, पुरुष और महिलाएं बड़ी संख्या में वहां पहुंचने लगे हैं। इसे समारोह को 'खून खाने' समारोह नाम दिया गया है। इसका शाब्दिक अर्थ 'खून पीना' है।
इस समारोह के अंतर्गत याक झुंडों के स्थानीय मालिक लोगों को पीने के लिए जीवित याक का खून उपलब्ध कराते हैं। इसके लिए पैसे लिए जाते हैं और लोग कतार में खड़े होकर याक का खून पाने का इंतजार करते हैं। लोगों का मानना है कि याक का खून पीने से कई तरह की बीमारियां खत्म हो जाती हैं।
मादा याकों को इस समारोह में शामिल नहीं किया जाता। सिर्फ दो वर्ष से अधिक उम्र के याक का खून ही लोगों को दिया जाता है। खून निकालने की प्रक्रिया वहशीपन से भरपूर होती है। लोग याक को सींग और पैर के सहारे पकड़े होते हैं और फिर पेशेवर खून निकालने वाले बड़ी सफाई से याक का खून निकालते हैं। इन पेशेवर खून निकालने वालों को स्थानीय भाषा में 'आमजी' कहा जाता है।
'आमजी' बड़ी सफाई से एक नुकीला हथियार याक की नसों में घुसाता है और बाहर निकल रही खून की धार को कप में जमा करता है। खून से भरे कप एक के बाद एक लोगों को दिए जाते हैं। अंधविश्वास से भरे लोग बड़े चाव से याक का गर्म खून पीते हैं। प्रत्येक याक के शरीर से 20 से 40 कप खून निकाला जाता है।
फिलहाल याक का खून पीने का महोत्सव पश्चिमी नेपाल के एक दूरदराज जिले म्याग्दी में आयोजित किया जा रहा है और इसमें हिस्सा लेने के लिए बच्चे, पुरुष और महिलाएं बड़ी संख्या में वहां पहुंचने लगे हैं। इसे समारोह को 'खून खाने' समारोह नाम दिया गया है। इसका शाब्दिक अर्थ 'खून पीना' है।
इस समारोह के अंतर्गत याक झुंडों के स्थानीय मालिक लोगों को पीने के लिए जीवित याक का खून उपलब्ध कराते हैं। इसके लिए पैसे लिए जाते हैं और लोग कतार में खड़े होकर याक का खून पाने का इंतजार करते हैं। लोगों का मानना है कि याक का खून पीने से कई तरह की बीमारियां खत्म हो जाती हैं।
मादा याकों को इस समारोह में शामिल नहीं किया जाता। सिर्फ दो वर्ष से अधिक उम्र के याक का खून ही लोगों को दिया जाता है। खून निकालने की प्रक्रिया वहशीपन से भरपूर होती है। लोग याक को सींग और पैर के सहारे पकड़े होते हैं और फिर पेशेवर खून निकालने वाले बड़ी सफाई से याक का खून निकालते हैं। इन पेशेवर खून निकालने वालों को स्थानीय भाषा में 'आमजी' कहा जाता है।
'आमजी' बड़ी सफाई से एक नुकीला हथियार याक की नसों में घुसाता है और बाहर निकल रही खून की धार को कप में जमा करता है। खून से भरे कप एक के बाद एक लोगों को दिए जाते हैं। अंधविश्वास से भरे लोग बड़े चाव से याक का गर्म खून पीते हैं। प्रत्येक याक के शरीर से 20 से 40 कप खून निकाला जाता है।
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