शनिवार, 28 जुलाई 2012

जब फिल्म में जेम्स बॉंड 007 के साथ थीं महारानी...

 शनिवार, 28 जुलाई, 2012 को 11:47 IST तक के समाचार

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महारानी की वेशभूषा में एक महिला ओलंपिक स्टेडियम में हेलिकॉप्टर से उतरी
शनिवार को लंदन में ओलंपिक का उद्घाटन समारोह कुछ ऐसा था कि ओलंपिक स्टेडियम और टीवी दर्शकों को ब्रिटेन की संस्कृति, सभ्यता, विकास और इतिहास के बदलने और बनने की झलक एक साथ एक मंच पर देखने को मिल गई.
इसी कार्यक्रम के दौरान कई छोटी फिल्में दिखाई गईं जिनमें से एक में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ 'जेम्स बॉन्ड' फिल्मों के नायक, अभिनेता डेनियल क्रेग के साथ दिखाई गईं.
इस छोटी सी फिल्म में दिखाया गया कि कैसे 'जेम्स बॉन्ड' ब्रिटेन की महारानी 'एलिजाबेथ' को पहले एक कार और फिर एक हेलिकॉप्टर में एस्कॉर्ट करके ओलंपिक स्टेडियम तक लेकर आते हैं और परंपरा के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रमुख जॉक रोखे उनका स्वागत करते हैं.
इस वीडियो को इसी साल मार्च के अंत में 'स्लम डॉग मिलियनेयर' के निर्देशक डैनी बॉयल ने फिल्माया था.
"इसे महारानी पर फिल्माया जाना था और ये सब कुछ उनकी सुरक्षा घेरे को बिना तोड़े करना था जो एक बेहद संवेदनशील मुद्दा थे."
निक ब्राउन, बीबीसी निर्देशक, यूके ड्रामा प्रोडक्शन्स
बीबीसी के यूके ड्रामा प्रोडक्शन के निर्देशक निक ब्राउन के अनुसार इस दृश्य की शूटिंग बहुत ही खुशनुमा माहौल में की गई, जिसमें डेनियल क्रेग, महारानी एलिजाबेथ और कुछ स्कूली बच्चों ने भाग लिया था.
फिल्म की शूटिंग दो दिन तक चली और इसका थीम था ''हैप्पी एंड ग्लोरियस''.
निक के अनुसार जब डैनी ने इस फिल्म को बनाने की परिकल्पना की थी तब सब कुछ असंभव सा लग रहा था, क्योंकि इसमें बंकिमघम पैलेस के लॉन से लेकर खुले आसमान और टेम्स नदी की लहरों पर शूटिंग करनी थी.
और चूंकि इसे महारानी पर फिल्माया जाना था और ये सब कुछ उनकी सुरक्षा घेरे को बिना तोड़े करना था तो ये एक बेहद संवेदनशील मुद्दा था.
बॉंड
बॉन्ड फिल्मों के अभिनेता डेनियल क्रेग इस फिल्म में महारानी के साथ नजर आए
ये शूटिंग मार्च महीने में की गई थी और दुर्भाग्यवश उस समय वहां का मौसम भी काफी खराब था. भयंकर बारिश के कारण यहां लंदन में बाढ़ जैसी स्थिती हो गई थी.
उड़ने की इजाज़त
इस सब के दौरान महारानी की तरफ से तो नहीं लेकिन अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने में काफी दिक्कतें आ रहीं थी.
टेम्स नदी के उपर दो हेलिकॉप्टरों के उड़ने, उसे फिल्माने और नदी पर होने वाली ट्रैफिक से बचने के लिए कई जगहों से मंजूरी लेनी पड़ी.
जब ये सारी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ये दृश्य फिल्माने की मंज़ूरी मिल गई तो कभी बादलों ने तो कभी लंदन के किसी कोने में बम की खबर ने सब कुछ बिगाड़ दिया.
लेकिन बॉयल की कोशिशें नाकाम नहीं हुई और एक दिन सुबह-सुबह जब आसमान पर लगे बादल छंटे और सूरज ने गरमाहट बिखेरी तब टॉवर ब्रिज पर की जाने वाली शूटिंग पूरी हुई.
निक ब्राउन के अनुसार, ''मुझे वो दिन अभी भी याद है जब फिल्म की निर्माता लीसा ऑसबर्न ने उन्हें उस दिन की तस्वीरें भेजीं जिसमें दिन की शुरुआत में पूरी टीम को बारिश में भीगते हुए, फिर बाद में बादल रहित नीला आसमान और अंतिम दृश्य की कुछ बेहतरीन तस्वीरें कैद थीं.''
''हम खुशकिस्मत थे कि तीसरी कोशिश के दौरान टेम्स नदी के घुमावदार रास्तों की खूबसूरती को फिल्मा सके और इस दौरान सूरज ने भी हमारा पूरा साथ दिया.''
निक कहते हैं, ''इस फिल्म को बनाने में काफी मेहनत की गई है. तकनीकी मदद के अलावा जिस चीज का इसे बनाने में अहम् योगदान रहा वो टीम के उन कुछ लोगों का साथ था जो हर नाउम्मीदी, निराशा और खराब मौसम के दौरान डटकर मैदान में खड़े रहे.''
''अंत में जो परिणाम सबके सामने आया है वो बहुत सारी खुशी, प्यार, आश्चर्य और उत्साह से भरा हुआ है..जिसने इस यादगार रात को स्मरणीय बना दिया है.''

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