गुरुवार, 13 जून 2013

गौरखपुर















भारत मुकित मोर्चा की मण्डल स्तरीय महारैली, गौरखपुर में दिनांक 12 जून 2013 को स्थान नार्मल स्कूल स्काऊट ग्राऊन्ड गोरखपुर में दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक हजारों की उपसिथति में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुर्इ जिसका विषय था, शासक वर्ग ब्राह्राणों ने आजाद भारत में आतंकवाद, भ्रष्टाचार, भुखमरी, व नक्सलवाद जैसी राष्ट्रीय समस्यायें पैदा की -एक गम्भीर मन्थन पर उदघाटक:- गोपाल प्रसाद(एसोसिएट प्रो. विश्वविधालय गोरखपुर) मुख्यअतिथि:- प्रो.सी.बी.अंकुर (विश्वविधालय गोरखपुर) विशेष अतिथि, प्रो.हीरालाल यादव (से.नि.भूगोल विभाग वि.वि. गोरखपुर) डा. समीम रार्इन (एशिसिएट प्रो. भगवान महावीर पी.जी.कालेज, कुशीनगर) डा. दयानन्द कुमार, मा. पन्नीलाल निषाद, मा.सत्य नारायण यादव, आदि ने अपनी बात रखते हुए कहा कि मान्यवर वामन मेश्राम जी के नेतृत्व में भारत मुकित मोर्चा द्वारा जो हमारे समाज में जागृति फैलार्इ जा रही है। यह हमारे और हमारे मूलनिवासी समाज के लिए गर्व की बात है। जो बाबा साहब के अधूरे कार्य को पूरा करने में मेश्राम साहब की जितनी प्रशंसा करे वह कम है। इसलिए अपने भाषणों के साथ-सहयोग देने की बात के साथ समाज के जागृति और शासक वर्ग की बेर्इमानियों को उजागर करने के साथ मूलनिवासी समाज की ताकत बनाने पर जोर दिया ताकि शासक वर्ग के षडयंत्रो से समय रहते बचा जा सके जो आज मूलनिवासी समाज को षडयंत्र और धोखे से बेकार-लाचार और गुलाम बनाकर रख दिया है।
सामाजिक जागृति और शासक वर्ग की मूलनिवासी बहुजनों के खिलाफ नीतियों का खुलकर विरोध किया और भविष्य में बड़ा सम्मेलन करने हेतू अहवान करते हुए जागृति के विस्तार हेतु भारत मुकित मोर्चा का सहयोग करने को कहा! अन्त में अध्यक्षता करते हुए वामन मेश्राम (राष्ट्रीय अध्यक्ष भारत मुकित मोर्चा) ने अपने प्रबोधन में कहा कि आज भारत में शासक वर्ग लोकतंत्र के चारों स्तम्भों पर कुण्डली मारकर बैठा है। बैठा ही नहीं है। अपने वर्चस्व के मजबूती देने के लिए मूलनिवासी बहुजनों के सत्यानाश में एक षड़यंत्र के तहत आतंकवाद, भ्रष्टाचार, भुखमरी, नक्सलवाद, आदि राष्ट्रीय समस्याओं  को जन्म दिया है। जो आज भी विधामान है। मगर आज अफसोस की बात है, कि इन समस्याओं ने देश को और बहुजनों को खोखला कर दिया है। फिर भी शासक वर्ग समस्याओं को बढ़ाने के लिए नित नये षडयंत्र कर रहा है। बयानों में व्यवस्था सुधारने की बात करते है। और परदे के पीछे षडयंत्र जारी है। इसलिए राष्ट्रीय समस्याओं के बढ़ने के साथ घोटाला, भ्रष्टाचार जारी है। जिसकी वजह से आज भारत में एक तरफ पूँजीपतियों क धन रखने की जगह नहीं है। वही दूसरी तरफ 85 करोड़ लोगों को भुखमरी और कंगाली में जीने के लिए मजबूर कर दिया है। इस कार्यक्रम में महिलाआें ने भी बढ़ चढ़कर भाग लिया।

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