गुरुवार, 27 जून 2013
हिन्दुस्तान मे हमेशा मंदिर विध्वंश और लुट के लिये और हिन्दुओ
[इतिहास ये भी है लेकिन इसे लोग पढ़ते नहीं हैं .पढ़ लेते हैं तो याद नहीं रखते हैं .याद रखते हैं तो शातिराना ढंग से चुप रहते हैं .बस साम्प्रदायिक विष वमन के लिए इतिहास को तोडा मरोड़ा जाता है. लेकिन इससे इतिहास के तथ्य नहीं बदलते, सत्य लुप्त नहीं हो जाता है .]
1) ब्राम्हण केरलनाथ आदि शंकराचार्य, 788-820 Century AD का कार्यकाल है। इसने 820 AD में केदारनाथ में अपने प्राणत्यागे थे। और ब्राम्हण केरलनाथ आदि शंकराचार्य, की समाधि केदारनाथ में बनाई गई, इसके गुनाहों को छुपाने के लिए ब्राम्हण केरलनाथ आदि शंकराचार्य को देवभूमि का महादेव के नाम से प्रचलित किया गया। जहा प्राकृतिक विपदा से भारी संख्या में जानमाल की हानि हुई है।
33 करोड़ देवी-देवता भारत में पैदा हुए। भारत में पैदा होने के बावजूद भारत की ही अखंडता को ही नहीं बनाये रख सके और 33 करोड़ देवी-देवताओ और उनके चमत्कारों के लिए विख्यात देश के लगातार टुकड़े होते चले गए :-
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