शुक्रवार, 28 जून 2013

समस्या हमारी है तो समाधान का रास्ता हमें ही ढूढ़ना होगा-मा.वामन मेश्राम
साथियों भारत मुकित मोर्चा द्वारा आज अम्बेडकर नगर में मण्डल स्तरीय महारैली का आयोजन किया गया है। और इस रैली में मण्डल से आये हुए सभी कार्यकर्ता खास तौर पर महिलायें बड़ी संख्या में उपसिथति है। इसके पहले मैं अपनी बात शुरू करू इससे पहले आप सभी लोगों का इस रैली में आने के लिए हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। और इस रैली में जिन विषयों पर चर्चा करनी है वह विषय मूलनिवासी बहुजनों के लिए आने वाले समय में सारे देशभर में विषय खड़े करवाने वाली बात है।
साथियों आजादी मिले लगभग 65, 66 साल हो गया है। तथाकथित आजादी जो लोग इसको आजादी कहते है। इस आजादी में हमारें लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। अनुसूचित जाति के लोगाें की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ आदिवासियों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। पिछड़े वर्ग की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। और जो अल्पसंख्यक लोग है उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। समस्याओं का केवल संचय हुआ संगड़य हुआ। और हजाराें हमारी समस्याओं का संचय हो रहा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि इस देश का जो शासक वर्ग है उन्हाेंने हमारी समस्याओं का समाधान नहीं किया। केवल संचय किया इसलिए उन लोगों के कानों तक आवाज पहुँचानें के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल महारैली का आयोजन किया गया था।  और जो महारैली किया गया था उस रैली में हम लोगाें ने कर्इ मुíे उपसिथत किये थे। कर्इ मुíों को हमनें आज जो शासक वर्ग है उन तक पहुँचाने की कोशिश की ताकि वे हमारे लोगों की समस्याआें का समाधान करें। परन्तु जब हमनें देखा कि वे हमारे लोगों की समस्याओं का समाधान करनें को तैयार नहीं है। तो हमनें योजना बनार्इ उस समय ही हमनें चेतावनी दी थी। यदि इन समस्याआें का सामधान नहीं किया गया तो सारे देशभर में लगभग 100 मण्डल महारैलीयों का सारे देशभर में आयोजन किया जायेगा और सारे देशभर के लोगों तक इन समस्याओं के जागरण और महाजागरण कर सारे देशभर में महारैलीयों का आयोजन किया जायेगा। यह चेतावनी हमनें 3 मार्च को रामलीला मैदान में दी थी। इसलिए इन मुíों पर सारे देशभर में, सारे देश के लोगों को जागृति करने के लिए, जागरण करने के लिए, काम चल रहा है क्याेंकि यदि हमारें देश का शासक वर्ग हमारी समस्याआें का समाधान करने वाला नहीं है तो हम लोगों सारे देश के लोगों को जगाना होगा जागृत करना होगा और जो शासक वर्ग है उसका बन्दोबस्त करना होगा। इसलिए हमनें निर्णय लिया कि सारे देशभर में करीब 100 मण्डल है तो 100 मण्डल स्तर के कार्यक्रम सारे देशभर के अन्दर कराये जायेगें। और इस तरह से सारे देशभर में मण्डल स्तर के कार्यक्रम चल रहे है। अब मण्डलस्तर का एक बड़ा कार्यक्रम अम्बेडकर नगर में हो रहा है, जिन मुíों की हमनें तीन मार्च के रैली में उठाया था। उन्हीं मुíों को आप लोगों को समझाने के लिए बताने के लिए उन मुíों  को आप लोगों को बताना चाहता हूँ। ये बातें आप लोगों के सामने इसलिए उठाना चाहता हूँ क्योंकि आप लोग गाँव, देहात से यहाँ आये है। तो आप लोगों को इन मुíों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। ताकि जितनी बड़ी संख्या में हमारे लोगें है वे सारे के सारे लोग इस रैली में तो नहीं है वे लोग इसके बारे में सोचते है कि जागृति हो और जागृति होने के बाद अपने गांव, ब्लाक, तहसील में जाकर इन मुíो पर लोगाें को जागृति करने का काम करें। इसलिए जो तीन मार्च को रामलीला मैदान में जो मुíे उठाये गये थे उन मुíाेंं पर यहां भी मैं चर्चा करना चाहता हूँ।
साथियों पहला मुूíा है केन्द्र सरकार ने जाति आधारित गिनती और ओबीसी की जाति आधारित गिनती के साथ धोखाधड़ी की साथियों इस देश में जो 52 प्रतिशत लोग है। और केवल सारे देश के 52 फीसदी लोगों का ही नहीं सारे देश के जो 121 करोड़ लोग है उन लोगों से संबनिधत है। आप लोगों के जानकारी के लिए मैं यह बात बताना चाहता हूँ कि 2010 में पार्लियामेंट में हंगामा हुआ और हंगामा होने के बाद जाति आधारित गिनती और ओबीसी की जाति आधारित गिनती पर संसद बन्द हो गयी तो प्रधानमंत्री ने संसद को शुरू करने के लिए आश्वासन दिया था कि हम जाति आधारित गिनती और ओबीसी की जाति आधारित गिनती करेगें। परन्तु जो आश्वासन प्रधानमंत्री ने दिया था अभी उस बात को दो साल से ज्यादा हो गये। प्रधानमंत्री जैसा व्यकित संसद में आश्वासन देता हो और देश के संसद के साथ धोखाधड़ी करता हो। ऐसे धोखेबाज प्रधानमंत्री पर कैसे विश्वास किया जाये जो प्रधानमंत्री संसद के साथ धोखेबाजी करता हो वह कितना बड़ा धोखेबाज होगा क्याेंकि उससे बड़ा धोखेबाज और किसी को नहीं माना जा सकता है। संसद का यह कानून है कि कोर्इ राज्यमंत्री कोर्इ कैबिनेट मंत्री या कोर्इ प्रधानमंत्री यदि संसद में कोर्इ आश्वासन देता है यदि वह उस आश्वासन का पालन नहीं करता है। तो उसे अपराधिक कार्य माना जाता है। तो इस तरह से प्रधानमंत्री ने आपराधिक कार्य किया तो इस आपराधिक कार्य का दण्ड यदि संसद के लोग प्रधानमंत्री को नहीं देना चाहते है तो देश की प्रजा आने वाले 2014 के लोकसभा के चुनाव में इस धोखेबाज प्रधानमंत्री को अगर वह धोखा करता है अगर वह 52 प्रतिशत ओबीसी के साथ धोखा करता है या देश के लोगों के साथ धोखा करता है। तो ऐसे धोखेबाज आदमी का बन्दोबस्त करने का अधिकार प्रजा के पास है। अगर प्रधानमंत्री धोखा करता है तो आने वाले 2014 के चुनाव में भारत की प्रजा को निर्धारित करना होगा। और यह बात मैं प्रजा के ऊपर छोड़ देता हूँ आप लोगों के ऊपर छोड़ देता हूँ कि धोखेबाज प्रधानमंत्री का क्या करना है।
साथियों दूसरा मुíा है शेडयूल कास्ट और शेडयूल ट्रार्इब लोगों के पदोन्नति में आरक्षण का मुíा  है एससी, एसटी पदोन्नति में आरक्षण का मुíा और ओबीसी को भी पदोन्नति में आरक्षण होना चाहिए और ओबीसी के साथ जो गैर-संवैधानिक क्रिमिलेयर लगाया गया है। उसको हटाना चाहिए यह एक मुíा है। तो इसमें तीन मुíे को रखा गया है। पहला मुíा है अनुसूचित, और जनजाति को पदोन्नति में आरक्षण का मुíा। साथियों यह बड़े दुख की बात है जो बात मैं बताना चाहता हूँ कि पदोन्नति के आरक्षण के सन्र्दभ में सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया और उŸार प्रदेश के हार्इकोर्ट ने जो निर्णय दिया। व निर्णय सुनकर आप लोग हैरान हो जाओंगे कि उन्हाेंने निर्णय दिया कि पदोन्नति में आरक्षण समाप्त नहीं किया जा रहा है। मगर अखबार वालों ने घोषित किया समाप्त कर दिया। और मायावती ने भी माना कि समाप्त कर दिया गया है परन्तु पदोन्नति मे आरक्षण समाप्त कर दिया गया ऐसा प्रचार किया जा रहा है। और इसकी वजह से उसमें लिखा गया है कि पदोन्नति में आरक्षण बरकरा है अगर सरकार चाहती है तो जो सुप्रीम कोर्ट ने शर्ते लगार्इ है उन नियमों के अनुसार राज्य सरकार उसको लागू कर सकती है। मायावती की भी सरकार लागू कर सकती है और अखिलेश सरकार भी लागू कर सकती है। दोनों के दोनों धोखाधड़ी कर रहे है। पदोन्नति में आरक्षण बरकारा है प्रो.रामगोपाल यादव है ये समाजवादी पार्टी के सांसद और राजसभा के मेम्बर है उन्हाेंने इणिडया टूडे को कहा कि पदोन्नति में आरक्षण समाप्त कर दिया सुप्रीम कोर्ट ने अब जो प्रोफेसर आदमी हो उसको पढ़ना चाहिए ऐसे वह गधे जैसी बात कर रहा है।  इणिडय टूडे का इन्टव्यूह है मेरे पास तो इणिडया टूडे के पत्रकार ने पूछा कि ओबीसी को रिजर्वेशन इन प्रमोशन देने में आप की क्या राय है। यह एससी, एसटी का हो गया ओबीसी को पदोन्नति में आरक्षण देने की क्या राय है। तो कहा  जब सुप्रीम कोर्ट ने, एससी, एसटी का पदोन्नति में आरक्षण खत्म कर दिया तो हम ओबीसी के पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में है। हम ओबीसी को पदोन्नति में आरक्षण नहीं मिलना चाहिए इसके समर्थन में है। विधानसभा में समाजवादी पार्टी को ओबीसी के लोगों ने वोट दिया और ओबीसी के लोगों ने सरकार बनार्इ और बोल रहा है कि ओबीसी के पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में है। ओबीसी की सरकार है और ओबीसी को ही नहीं देना चाहते है। मैंने बहुत सारे यादव लोगों से पूछा हम लोग बुड़बक लोग है अकल नहीं है हम लोगों में बैकवर्ड क्लास कमीशन में एक यादव है सचिव है उसने एक सांसद को फोन किया वह मेरे पास बैठे राम अवधेश सिंह जी ने कहा कि गधे हो गये क्या, क्या बोल रहे है, संसद में इनको अकल है, ओबीसी के भी रिजर्वेशन इन प्रमोशन का विरोध कर रहे है। तो ओबीसी के ही आदमी उन लोगों को ऐसा लगता है कि वोट देकर इनको चुनवाकर लाया और चुनवाकर लाने के बाद पता नहीं इनके दिमाग में भूत चला गया जैसे कोर्इ आदमी भांग पीता है और भांग पीने के बाद कोर्इ आदमी पूरा पागल नहीं होगा आधा पागल होता है ऐसी बात कर रहे है। तो इस तरह से साथियों ओबीसी का भी जो रिजर्वेशन इन प्रमोशन है उसका भी विरोध कर दिया। और यह जो क्रिमिलेयर का मामला है उसने ओबीसी के रिजर्वेशन इन प्रमोशन का मामला खटार्इ में डाल दिया है। और इसका बेनीफिट जो ओबीसी को मण्डल कमीशन लागू होने होता है वह बिल्कुल भी नहीं हो रहा है।  हम क्रिमिलेयर के बहुत विरोध में है और जब 1992 में लागू हुआ था तब से हम लोग इसका विरोध कर रहे है। यह षडयंत्र है ओबीसी के विरोध में इसलिए निशिचत रूप से जागरण अभियान चलाना चाहिए। ओबीसी को पता ही नहीं बाम्बे जैसा बड़ा शहर वहांँ के ओबीसी के लोग पुलिस स्टेशन में जाते है और बोलते है हम लोगों को नान क्रिमिलेयर स्र्टीफिकेट दे दो। पुलिस आफिसर बोलता है कि अरे भार्इ हम लोग क्रिमिनल का सार्टिफिकेट देते है नान क्रिमिलेयर का सार्टिफिकेट नहीं देते। हमारे यहां धन्धा यह है कि कोर्ट में केस दायर करने का और लोगों को साबित करने का कि हा यह आपराधि है।  तो हमारे यहां क्रिमिलन साबित करने का धन्धा है और आप बोल रहे है क्रिमिलेयर सार्टिफिकेट दो यह हमारे यहां नही होता। तो अदर बैकवर्ड क्लास के लोगों को यह भी पता नहीं है नान क्रिमिनल क्या है और नान क्रिमिलेयर क्या है? इसका मतलब ओबीसी के जो नेता लोग है कार्यकर्ता लोग है उनको ओबीसी को जगाने का काम करना चाहिए वह काम नहीं कर रहे है। अब मुलायम सिंह यादव जी यहां के अखबार में कह रहे है कि एससी, एसटी को पदोन्नति में आरक्षण मिल गया तो ब्राह्राणों का क्या होगा? मुलायम उनकी चिन्ता कर रहे है जिनके 80 प्रतिशत लोग पहले हर व्यवस्था में बैठे हुए है। यह मगर खबर है क्या है? सामान्य वर्ग के हितो का क्या होगा? अब मुलायम सिंह जी ने ओबीसी का विरोध किया कि हम ओबीसी के भी विरोध में है। तो 2014 में ओबीसी के लोगों को दिखाना चाहिए मुलायम सिंह जी को दिखाना कि देखों भार्इ आप हमारा विरोध करते है चलों हम भी देखतें है। और पहले 80 प्रतिशत लोग ब्राह्राणों के अधिकारी लोग व्यवसथा में बैठे हुए है। इस पर मुलायम सिंह ने अखबार में बयान दिया कि ऐस अधिकारी लोग हमारी नहीं सुनते, आजम खाँ ने स्टेटमेन्ट दिया कि ये अधिकारी लोग किसी की भी नहीं सुनते अरे ये जो अधिकारी नहीं सुनते ये कौन है? ये ब्राह्राण है, क्षत्रिय है, वैश्य है, भूमिहार  है कौन है ये अधिकारी नहीं सुनते है। इसीलिए तो हम कह रहे है एससी, एसटी, ओबीसी और माइनोरिट के अधिकार वहां होने चाहिए। अन्यथा कोर्इ भी सीएम जब तक सफल नहीं हो सकता जब तक उसका डीएम नहीं होगा। वहीं सीएम सफल हो सकता है जिसका डीएम जिले में काम करने वाला होगा। अब यह बात मुलायम सिंह जी को हम समझाये 75 साल की उम्र मे,ं हम उनको समझाये तो ये जो खबर है इस बात को सिद्ध करती है, कोर्इ काल्पनिक बातें नहीं कहीं जा रही है।  वो ऐसा बयान देते है उनको क्या लगता है जानते है कि अगर हम ब्राह्राणों का तृष्टीकरण करेंगे तो ब्राह्राण 2014 में हमको वोट दे देगा। ऐसा मुलायम सिंह जी सोचते है वो ऐसा सोचते है कि ब्राह्राण बुडबक है। ब्राह्राण गधा है उसको समझ में नहीं आता। या तो बीजेपी जायेगी तो कांग्रेस आयेगी और कांग्रेस जायेगी तो बीजेपी आयेगी। पहला ब्राह्राण जायेगा तो दूसरा ब्राह्राण आयेगा। दूसरा ब्राह्राण जायेगा तो पहला ब्राह्राण आयेगा यानि राजाराम जायेगा तो सीताराम आयेगा। सीताराम जायेगा तो राजाराम आयेगा तो उसमें मुलायम सिंह को कोर्इ प्रधानमंत्री क्यों बनायेगा ब्राह्राण गधा है। आपको याद दिलाना चाहता हूँ कि जब रामनरेश यादव जी उŸार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे तो ब्राह्राणों ने नारा लगाया था कि रामनरेश यादव वापस जाओ और वापस जाकर भैस चराओं। यह बात मुलायम सिंह यादव जी भूल गये। और जब मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने तो क्या नारा लगा कि मुलायम सिंह वापस जाओ वापस जाकर भैंस चराओ तुम्हारा काम भैस चराना है। तुम्हारा काम देश चलाना नहीं है। यह नारा जब नरेश सिंह जी मुख्यमंत्री बने थे तब भी लगता था। लेकिन जब समाजवादी और बहुजन समाजवादी पार्टी द्वारा मुलायम सिंह मुख्यमंत्री बने तो यह नारा नहीं लगा क्याें नहीं लगा क्योंकि उनको मालूम था कि इससे एससी और ओबीसी का ध्रुवीकरण मजबूत हो जायेगा इसलिए यह नारा नहीं लगा। जब पहली बार बने थे तब यह नारा लगा था और मेरे पास डाकोमेन्ट है। साथियों मैं इसलिए यह बोल रहा है कि उŸार प्रदेश की परिसिथति अलग है कि मुलायम सिंह जायेगें तो मायावती आयेगीं। मायावती जायेगी तो मुलायम सिंह आयेेगें। उसी तरह से दिल्ली में कांग्रेस जो ब्राह्राणों का दल है वह जायेंगा तो बीजेपी जो ब्राह्राणों का दल है। वह आयेगा और बीजेपी जायेगी तो कांग्रेस आयेगी। ऐसी सिथति में उŸार प्रदेश का ब्राह्राण इतना बुड़बक है कि वह ब्राह्राण को प्रधानमंत्री बनाने के बजाय मुलायम को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट देगा। मुझे नहीं लगता कि ब्राह्राण इतना बुड़बक है। यह राजनीति जब मेरे जैसा गैर राजनीतिक आदमी समझता है क्या मुलायम सिंह जी सारी जिन्दगी राजनीति में उनको नहीं समझ में आती? उनको भी समझ में आता है मगर मजबूरी का नाम महात्मा गांधी पूछेगें जब दिल्ली में जायेगें तो पूछेगे हमको नहीं बतायेगें तो शरद यादव जी से कहेगें वे पूछेगें एक बार शरद यादव के पास वह आये थे और बोले आप हमारा समर्थन करें तो उन्हाेंने कहा कि मर जायेगें मगर समर्थन नहीं करेगें तो मैंने कहा आपने तो अच्छा जवाब दिया। क्या सब बुड़बक है। जो बात उन्हाेंने कहा था वह रिकार्ड है। यह बात उन्हाेंने दिल्ली में भी कहा था उन्हाेंने कहा कि मुलामय सिंह हमारे पास आये थे कि एससी, एसटी को पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में समर्थन दे मैंने कहा नहीं करेंगें।
साथियाें ये जो उŸार प्रदेश में मुलायम सिंह जी ब्राह्राणों का तृषिटकरण करने काम कर रहे है और दूसरी तरफ मायावती भी उसी के पीछे लगी है। हाथी नहीं गणेश है ब्रह्राा, विष्णु, महेश है। और ब्राह्राण कहता है कि ब्राह्राण संख बजायेगा तभी न हाथी बढ़ता जायेगा। तो इस तरह से साथियों ये जो दोनों के दोनों ब्राह्राणों का तृषिटकरण करने में लगे है। और 85 प्रतिशत प्रजा हमारी है अगर इन लोगों को खड़ा करो तो कितनी बड़ी ताकत मिल सकती है। बहुजनाें को छोड़ करके वे ब्राह्राणों के तृषिटकरण में लगे है। इसलिए हम लोगों ने पलान बनाया कि हम लोग इनके विरोध में खड़े होगेें इसलिए यह सारे देश में जन जागरण का काम चल रहा है।
तीसरा मुíा है मुसलमानों को उŸार प्रदेश में 18 प्रतिशत आरक्षण का मुíा अभी हालही में उŸार प्रदेश में विधान सभा का चुनाव हुआ समाजवादी पार्टी चुनाव घोषण पत्र घोषित किया और चुनाव घोषण पत्र में मुलायम सिंह जी ने मुसलमानों को आश्वासन दिया कि अगर आप हमारी सरकार बनाने में मदद करते है तो हम आप लोगाें को 18 प्रतिशत आरक्षण देगें। तो मुसलमानों ने समर्थन दिया और जो ओपेनियम पोल है वह कहता है कि 70 प्रतिशत से ज्यादा मुसलमानों ने समाजवादी पार्टी को वोट दिया इसका मतलब है 18 प्रतिशत आरक्षण के आश्वान पर मुसलमानों ने समाजवादी पार्टी को वोट दिया। मगर एक साल पूरा हो गया यह आश्वान पूरा नहीं हुआ मुलायम सिंह जी के बारे में मैं जानता हूँ कि जो वह आश्वान देते है। उसको पूरा करते है। मगर पता नहीं उन्हाेंने ये आश्वान क्यों नहीं पूरा किया अभी तक।

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