रविवार, 15 दिसंबर 2013

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Top of 2012 – साल के टॉप-5 घोटाले

पोस्टेड ओन: 30 Dec, 2012 जनरल डब्बा में
2011 की तरह 2012 में भी देश में हुए घोटालों ने काफी सुर्खियां बटोरीं. इन घोटालों के चलते केंद्र सरकार और विपक्षी पार्टी की काफी किरकिरी हुई. आइए जानते हैं कि इस साल के सबसे बड़े घोटाले कौन से हैं जिसने देश के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा.

1.86 लाख करोड़ रुपए का कोयला घोटाला
2012 में जो मुद्दा भ्रष्टाचार के लिए सबसे अधिक चर्चा में रहा है वह है कोल घोटाला. संसद के मानसून सत्र में कोयला, पावर और एविएशन पर सीएजी की रिपोर्ट पेश की गई. सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार कोयला क्षेत्र में अनुमानित 1.86 लाख करोड़ रुपए का कोयला आवंटन घोटाला आया है. इस घोटाले को अब तक का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा था. इस घोटाले में राजनेता से लेकर बड़े-बड़े व्यापारियों के नाम सामने आए. देश की विपक्षी पार्टी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से तत्काल इस्तीफे की मांग की. संसद का मानसून सत्र इसी घोटाले की भेट चढ़ गया.


महाराष्ट्र में 1000 करोड़ रुपए का घोटाला
दूसरा जो सबसे बड़ा घोटाला रहा वह है केंद्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र में चल रहे बाल विकास योजना में 1000 करोड़ रुपए का घोटाला. यह योजना बच्चों और महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए चलाई जाने वाली महत्वाकांक्षी योजना है. देश में चल रही खाद्य सुरक्षा सरकारी योजनाओं की निगरानी के लिए नियुक्त सुप्रीम कोर्ट के कमिश्नरों ने अपनी जांच रिपोर्ट में इस घोटाले का खुलासा किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के निजी कंपनियों ने फर्जी महिला मंडल का गठन करके केंद्र सरकार की पूरी योजना को अपने कब्जे में ले लिया. यह घोटाला ठेकेदारों और निजी कंपनियों व नेताओं की सांठगांठ से किया गया.

सिंचाई घोटाले में अपनी ‘पावर’ दिखाई अजीत पवार ने
महाराष्ट्र में एक और घोटाला सामने आया जिसने केंद्र सहित राज्य की सत्ता को हिला दिया था. वहां के सिचाई मंत्री अजित पवार पर आरोप था कि उन्होंने वर्ष 1999 से वर्ष 2009 के बीच सिंचाई मंत्री रहते हुए 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक के ठेके मनमाने ढंग से दिए जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा. यही वह दौर था जब विदर्भ में बड़ी संख्या में किसानों ने आत्महत्या की थी. इस घोटाले के बाद अजित पवार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. राज्य में अजीत पवार की मजबूत स्थिति को देखते हुए एनसीपी के कई मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए. हाल ही में सिंचाई परियोजना में सरकार के श्वेत पत्र में क्लीन चिट दिए जाने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई.

विकलांगों का पैसा खा गए पूर्व कानून मंत्री
2012 में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन के नाम पर विकलांगों के लिए चलाए जाने वाला मेमोरियल ट्रस्ट में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया. इस भ्रष्टाचार में फर्रुखाबाद से सांसद और विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद तथा उनकी पत्नी लुईस खुर्शीद पर जनहित के नाम पर जालसाजी का बड़ा आरोप लगा. एक निजी न्यूज चैनल के स्टिंग आपरेशन के मुताबिक, पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के ट्रस्ट को साल 2010 और 2011 में 100 करोड़ रुपए से भी अधिक सरकारी अनुदान मिला, जिसे फर्जी हस्ताक्षर और मुहर के सहारे डकार लिया गया. इस संवेदनशील मुद्दे पर यह कयास लगाया जा रहा था कि केंद्र की यूपीए सरकार जांच करेगी. लेकिन जांच तो नहीं हुई उलटे सलमान खुर्शीद को कानून मंत्री से विदेश मंत्री बना दिया गया.

पार्टी लॉच से पहले अरविंद ने खोले राज
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने साल के अंतिम महीनों में देश के बड़े नेताओं और कारोबारियों पर भ्रष्टाचार के कुछ ऐसे आरोप लगाए जिसने भारतीय राजनीति में हड़कंप मचा दिया. उन्होंने अपना पहला शिकार गांधी परिवार के दामाद राबर्ट वाड्रा को बनाया. अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि रियल एस्टेट डेवलपर डीएलएफ समूह ने गलत तरीकों से रॉबर्ट वाड्रा को 300 करोड़ रुपयों की संपत्तियां कौड़ियों के दामों में दे दीं. इसका सीधा मतलब है कि डीएलएफ़ समूह ने रॉबर्ट वाड्रा के प्रभाव के देखते हुए परोक्ष रूप से गांधी परिवार के प्रति वफादारी निभाई.
अरविंद ने अपना दूसरा शिकार भाजपा अध्यक्ष नीतिन गडकरी को बनाया. केजरीवाल ने कहा कि महाराष्ट्र सिंचाई घोटाले के बारे में अंजलि दमानिया द्वारा आरटीआई के जरिये हासिल की गई जानकारी और दस्तावेजों से यह मामला सामने आया, जिसमें नागपुर में उमरेड तालुका के एक गांव में जमीनों का अधिग्रहण किया गया. हालांकि अरविंद के इस खुलासे के बाद अंजलि दमानिया भी सवालों के घेरे में आ गईं. नीतिन गडकरी पर लगाए गए आरोपों के बाद बीजेपी के कई नेता भी गडकरी के खिलाफ हो गए थे और उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने की मांग करने लगे.
तीसरा आरोप कारोबार के दिग्गज और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी पर लगाया. अरविंद केजरीवाल ने केजी डी-6 बेसिन पर कांग्रेस और बीजेपी का रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के साथ साठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि लगता है देश को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नहीं बल्कि मुकेश अंबानी चला रहे हैं. अरविंद ने मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के स्विस बैंक में खाते होने की भी बात कही. अरविंद केजरीवाल के ये खुलासे कई दिनों तक मीडिया की सुर्खियां बने रहे और जनता का ध्यान भी इस ओर खींचा.

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