भारत के सभी धन मंदिर
सबसे अमीर भगवान पद्मनाभ स्वामी मंदिर में मिले खजाने से अब ये मंदिर सबसे धनी मंदिर बन गया है। पद्मनाभ मंदिर से लगभग एक लाख करोड़ रुपए से भी कहीं अधिक का खजाना मिला है और अभी एक तहखाना खुलना शेष है। ये मंदिर बेशुमार दौलत का स्वामी है।
दूसरे पायदान पर पहुंचे
भारत के धनी मंदिरों की लिस्ट में तिरुपति बालाजी दूसरे नबंर पर हैं। भगवान
करे पास इतना खजाना है जितना पूराने जमाने के राजा-महराजाओं के पास भी
नहीं था। तिरुपति के खजाने में आठ टन ज्वेलरी है, 650 करोड़ रुपए की
वार्षिक आय, अलग-अलग बैंकों में मंदिर का 3000 किलो सोना और 1000 करोड़
रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट हैं।
सोना चढ़ाने का खास महत्व
शिरडी स्थित साईं बाबा का मंदिर देश के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है।
सरकारी जानकारी के मुताबिक उनके पास 32 करोड़ रुपए के अभूषण हैं और 450
करोड़ रुपए का निवेश है। शिरडी का साई बाबा मंदिर की दैनिक आय 60 लाख रुपए
से ऊपर है और सालाना आय 210 करोड़ रुपए की सीमा पार कर चुकी है।
अमीर देवताओं में शुमार
मुंबई में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर, देश में चौथे नंबर का सबसे अमीर मंदिर
है। सिद्धिविनायक मंदिर की सालाना आय 46 करोड़ रुपए है वहीं 125 करोड़
रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा है। इस मंदिर की सालाना कमाई 46 करोड़ रुपए
है।
साल भर रहती है भीड़
भारत में सबसे ज्यादा लोग तिरूपति बालाजी मंदिर के बाद वैष्णो देवी मंदिर
में दर्शन के लिए जाते हैं। तकरीबन 8 लाख लोग सालाना माता के दर् के लिए
जाते है। माता वैष्णो देवी मंदिर की सालाना आय 500 करोड़ रुपए है, जबकि
प्रतिदिन की आय 40 करोड़ रुपए है।
खजाने का भंडार
भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर है गुरुवायूर मंदिर। केरल देवासन बोर्ड के अधीन
यह मंदिर दक्षिण भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। मंदिर की
सालाना आय 2.5 करोड़ रुपए है और लगभग 125 करोड़ रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट में
जमा है।
बेहतरीन कलाकृत्ति
कमाई के लिहाज से भले अपनी बड़ी पहचान न रखता हो, लेकिन स्थापत्य की,
भव्यता और समृद्धि के चमचमाते आकर्षण के कारण अक्षरधाम मंदिर ने बड़ी तेजी
से भारतीयों के बीच पहचान बनाई है। फिर चाहे वह गांधीनगर (गुजरात)
का अक्षरधाम हो या दिल्ली का। गांधी नगर स्थित अक्षरधाम मंदिर की सालाना आय
50 लाख से 1 करोड़ रुपए के बीच है।
आय के मामले में नहीं है पीछे
केरल का पद्मनाभ मंदिर जहां लगातार दौलत उगल रहा है वहीं इंदौर के खजराना
गणेश मंदिर आय के मामले में पीछे नहीं हैं। हालांकि दक्षिण भारत के मंदिरों
की तुलना में यहां चढऩे वाली राशि नगण्य है। चढ़ावे के मामले में खजराना
गणेश मंदिर पर भक्तों की श्रद्धा ज्यादा है। गणेश मंदिर के पास नकद के
अलावा जमीन भी है। होलकरों द्वारा राजबाड़ा के अंदर स्थापित मल्हारी मरतड
मंदिर चढ़ावे में आने वाली राशि के मामले काफी पीछे है।
सिखों का पवित्र स्थल
अमृतसर का स्वर्ण मंदिर सिखों के सबसे बड़े गुरुद्वारे के तौर पर प्रसिद्ध
है। जहां गर रोज तकरीबन 40 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है। अमृतसर का
स्वर्ण मंदिर और दिल्ली के तीन प्रमुख गुरुद्वारे रकाबगंज, बंगला साहिब और
गुरुद्वारा शीशगंज भी चढ़ावे की दृष्टि से बड़े संपन्न गुरुद्वारे हैं।
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