विषय -एड0 महमूद प्राचा अधिवक्ता सुप्रीम र्कोट को जान से मारने की धमकी देने के विरोध में धरना।
महोदय,
बेगुनाह मुसलमानों को कानूनी राहत दिलाने वाले एड0 महमूद प्राचा अधिवक्ता सुप्रीम र्कोट को जान से मारने की धमकी देने के विरोध में बहुजन मुक्ति पार्टी जिला इकाई वाराणसी द्वारा दिनांक 30 मार्च 2014 को राष्ट्रव्यापी एक दिवसीय धरना, प्रदर्षन के क्रम में लालबहादुर शास्त्री घाट, कचहरी पर अनुमति न मिलने के कारण निजी स्थान पर प्रातः 11 बजे से दिया गया। जिसमें जिला महासचिव डाॅ0 डी.के. गौतम ने कहा कि निर्दोष मुसलमानों को बेवजह फर्जी मुकदमें में फसाया जा रहा है और माननीय एड0 महमूद प्राचा जी ने कानूनी लड़ाई लड़ कर जिस तरह निर्दोष मुसलमानो को राहत दिलाई इससे घबराकर अण्डरवल्र्ड के लोगों द्वारा धमकी दिया जा रहा है जो गलत है जिसका हम विरोध करतें है। आगे बहुजन मुक्ति पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष मनीष सोनकर जी ने कहा कि इस प्रकार गैर संवैधानिक रुप से दी जाने वाली धमकी व इसमें सरकार का सहयोग न मिलने से देष की आम जनता की भावनाओ को काफी ठेस पहँुच रहा है जिसका खामियाजा 2014 के लोकसभा चुनाव में सरकार को भुगतना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मान्यवर हकीमूददीन अंसारी जी ने जेल में बन्द निर्दोष मूलनिवासी मुस्लिमों को कानूनी सहायता देने पर एड0 महमूद प्राचा अधिवक्ता सुप्रीम र्कोट को धन्यवाद दिया और कहा कि भारत में आये दिन निर्दोष मूलनिवासी मुस्लिमोंश्को बेवजह जेल में डाल दिया जाता है वर्षों तक चार्जसीट दाखिल नही होती और बाद में अदालत उन्हे बाईज्जत बरी कर देती है लेकिल जेल में बिताये दिनो से उनका भविष्य खत्म हो जाता है इसका जिम्मेदार कौन है? जांच एजेन्सी के खिलाफ कार्यवाही क्यों नही होती सरकार इसका जवाब दे। श्री एस. एम. मुषरिफ (महाराष्ट्र) की किताब ‘‘करकरे का कातिल कौन’’ पढने से मालूम हो जायेगा कि आई. बी. व अन्य जांच एजेन्सियो से आर. एस. एस. से क्या रिस्ता है। बहुजन मुक्ति पार्टी और भारत मुक्ति मोर्चा के सहयोग से एड0 महमूद प्राचा जी ने कई मुस्लिम नौजवानो की लडाई लडकर राहत दिलायी ऐसे व्यक्ति को अण्डरवल्र्ड के लोगों द्वारा धमकी दिये जाने पर सरकार की चुप्पी शंदेह के घेरे में है यदि सरकार ऐसे लोगो के खिलाफ कार्यवाही नही करती है तो बहुजन मुक्ति पार्टी पूरे देष में तहसील व ब्लाक स्तर तक जन आंदोलन करेगी। सभा में मुख्य रुप से विनय कुमार, धर्मेन्द्र, दुलारे, अरविन्द, अमर, आलोक, उमाषंकर, विक्की, विनोद, लक्ष्मण, विकाष जायसवाल, उषा यादव, मीनू गुप्ता, प्रेमा देवी इत्यादि लोग उपस्थित थे। तथा सभा का संचालन मा0 नियाज अंसारी संगठन सचिव बहुजन मुक्ति पार्टी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन मा0 अषरफ हुदा (षहर दक्षिणी विधान सभा अध्यक्ष) ने की।
1. समान शिक्षा, अनिवार्य शिक्षा और निःशुल्क शिक्षा के अन्तर्गत गुणवŸाा वाली शिक्षा सभी को प्राप्त हो। इसके लिए प्राथमिक शिक्षा (च्तपउंतल म्कनबंजपवद), मिडिल स्कूल, और हाई स्कूल के बेहतरीन उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए केन्द्र सरकार द्वारा एक लाख गांवों में 5 वर्ष के अन्दर ही विद्यालय खोले जायेंगे। जिसकी परीक्षा पास करने के लिए प्रतिवर्ष प्रत्येक कक्षा का वार्षिक योग्यता परीक्षा देना अनिवार्य होगा।
2. भारत में सबको उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान खोला जायेगा। इसकी शाखाऐं प्रत्येक राज्यों में खोली जायेगी।
3. ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के लिए 75 प्रतिशत सीटंे आरक्षित होंगी। जिसमंे 50 प्रतिशत सीटें एससी, एसटी, ओबीसी एवं मायनाॅरिटी के लिए होंगी। गुणवŸाा पूर्ण शिक्षा के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को 10 प्रतिशत बजट खर्च किया जायेगा।
4. विश्व के 200 विश्वविद्यालयों के श्रेणी में भारत का एक भी विश्वविद्यालय उस स्तर का नहीं है। इसके लिए भारत मंे विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय खोले जायेंगे, जिसमंे 50 प्रतिशत कोटा (एससी, एसटी, ओबीसी तथा मायनाॅरिटी) का होगा।
5. विश्वस्तरीय गुणवŸाा वाली शिक्षा प्राप्त करने के लिए भारत से प्रतिवर्ष कम से कम एक लाख और ज्यादा से ज्यादा 5 लाख विद्यार्थियों को विदेशों मंे भेजा जाएगा। यह योजना कक्षा 5 से ही लागू होगी। इसमंे 85 प्रतिशत छात्र एससी, एसटी, ओबीसी तथा मायनाॅरिटी कम्युनिटी से
होंगे।
6. भारत के 83 करोड़ लोगों को आय (प्दबवउम) प्रतिदिन कम से कम 6 रूपये तथा अधिकतम 20 रूपये है। ऐसे 20 करोड़ लोगों को भुखमरी रेखा पर जीवन जीने वाला परिवार माना जायेगा और उनको सम्मान पूर्वक जीने के लिए ‘‘सम्मानित जीवन निर्वाह निधि’’ योजना के अन्तर्गत 11000/ रूपये (ग्यारह हजार रूपये) प्रतिमाह दिया जायेगा।
7. भारत के धार्मिक मंदिरों तथा धार्मिक स्थलों की सम्पŸिा का राष्ट्रीयकरण किया जाएगा अर्थात् मंदिरों की सम्पŸिा को राष्ट्रीय घोषित कर दिया जायेगा तथा उस सम्पŸिा को जन-कल्याण योजनाओं मंे खर्च किया जायेगा।
8. भारत के एससी, एसटी, ओबीसी और मायनाॅरिटी कम्युनिटी के छात्रों के लिए व्यवसायिक शिक्षा, सभी सरकारी एवं प्राईवेट स्कूलो मंे दी जाएगी। मेरिट वाले बच्चों को एडमिशन एवं शिक्षण के लिए पैसे की कमी ना पड़े, इसके लिए बैंक से लोन की गांरटी दी जायेगी।
9. भारत मंे कृषि विकास के लिए कृषि मंत्रालय को अलग से कृषि बजट पेश करने की व्यवस्था की जायेगी। जिस प्रकार रेल बजट पेश किया जाता है।
10. भारत में वर्षा के कारण प्रतिवर्ष होने वाले बाढ़ से बचाव के लिए सभी छोटी-बड़ी नदियों को जोड़कर बांध बनाये जायेगंे। जहाँ-जहाँ पानी की समस्या है, वहाँ पानी वितरित किया जायेगा। जिससे फसलों की सिंचाई होगी।
11. नदियों को जोड़ने का कार्य तुरन्त शुरू किया जायेगा ताकि पानी का उपयोग औद्योगिक विकास के लिए एवं औद्योगिकरण करने के लिए पानी का सदुपयोग किया जा सके।
12. भारत में कृषि कों एवं कृषि विकास के लिए, कृषि उत्पादन लागत मूल्य से 25 प्रतिशत ज्यादा मूल्य दिया जायेगा और केन्द्र सरकार इसकी गांरटी देगी। कृषि प्रधान देश में कृषि को महत्व दिया जायेगा।
13. भारत में अलग-अलग कृषि क्षेत्रों में अलग-अलग कृषि उत्पाद होते हैं, उन सभी मूल्यवान कृषि उत्पादों का औद्योगिक कार्यो के लिए उपयोग किया जायेगा। कृषि उत्पाद आधारित उद्योगों का मालिकाना हक किसानों का होगा।
आरक्षण
14. भारत की समस्त सार्वजनिक और निजी (च्तपअंजम) संस्थाआंे मंे शत-प्रतिशत (100 प्रतिशत) आरक्षण की व्यवस्था की जायेगी।
15. ओबीसी की जाति आधारित गिनती करवाकर संख्या के आधार पर आरक्षण को लागू की जाएगी।
16. भारत के प्रति परिवार के एक ही व्यक्ति को सरकारी अथवा गैर सरकारी (प्राइवेट) संस्थाआंे में नौकरी मिलेगी। परिवार के बाकी योग्य लोगों को स्वयं रोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा एवं स्वयं रोजगार को प्रोत्साहन के लिए न्यूनतम 2 प्रतिशत ब्याज पर बैंको से कर्ज उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार की होगी।
17. भारत के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के शिक्षित बेरोजगारों जैसे पोस्ट ग्रेजुएट (स्नातकोŸार) को 5000/ रूपये, ग्रेजुएट (स्नातक) को 3000 रूपये, इन्टरमीडिएट (10$2) के लिए 2500/-रूपये तथा हाई स्कूल (मैटिक) पास बेरोजगारों को 2000/- रूपये प्रतिमाह बेरोजगारी भŸाा दिया जायेगा।
18. स्वयं रोजगार निर्माण एवं बेरोजगारी निर्मूलन के लिए केन्द्र सरकार में कैबिनेट स्तर का मंत्रालय खोला जायेगा।
19. भारत के सरकारी एवं प्राईवेट संस्थानों में आरक्षण में प्रमोशन संख्या के अनुपात में दिया जायेगा। अनुसूचित जाति में भी आरक्षण के लिए वर्गीकरण (कैटेगराईजेशन) ।ए ठए ब् वर्ग बनाया जाएगा। जैसे । पिछड़ी अनुसूचित जाति, ठ अतिपिछड़ी अनुसूचित जाति, ब् अत्याधिक पिछड़ी अनुसूचित जाति मंे वर्गीकृत किया जायेगा।
20. अनु.जनजातियों मंे भी यही प्रक्रिया अपनायी जायेगी। ।ठब् जैसी । पिछड़ी अनु.जनजाति जाति ठ अति पिछड़ी अनु. जाति और ब् अत्याधिक पिछड़ी अनु.जनजाति।
21. वर्गीकरण की प्रक्रिया में ओबीसी को चार वर्गो ।ठब्क् में वर्गीकृत किया जायेगा, तथा रेनके कमीशन के सिफारिशांे को लागू किया जायेगा।
22. भारत में जिन प्रान्तांे मंे एन.टी-डी.एन.टी. के लोग रहते है, उन प्रान्तों में उन वर्गो में पढ़ने वाले छात्रों के लिए आवासीय विद्यालय खोले जायेगंे।
23. भारत मंे आरक्षण को लागू करने वाला केन्द्रीय आयोग (आरक्षण कार्यान्वयन आयोग) का गठन होगा। आयोग की शाखायंे प्रत्येक राज्य में खोली जायंेगी।
24. संवैधानिक वर्गीकृत समूहों के अन्तर्गत प्रत्येक समूह जैसे (अनु.जाति, अनु.जनजाति, अन्य पिछड़ी जातियां, मायनाॅरिटी कम्युनिटी और सामान्य वर्ग) की अलग-अलग प्रतियोगिता की परीक्षा ली जायेगी, उनके अपने-अपने समूह के अन्तर्गत ही मेरिट लिस्ट बनायी जायेगी। उसमें सर्वोŸाम अभ्यार्थियों को वर्गीकरण में जगह दी जायेगी। इससे बैक लाॅग की समस्या खत्म कर दी जायेगी।
25. आरक्षण में क्रीमिलेयर सम्पूर्ण भारत में पूरी तरह खत्म कर दिया जायेगा। यह व्यवस्था प्रत्येक क्षेत्रों में लागू होगी।
26. भारत के सभी सामाजिक समूह वर्गो में जैसे अनु.जाति को । और ठ दो भागों मंे विभाजित करके हिस्सेदारी का अनुपात 50ः50 का होगा। । वर्ग में अमीर और शिक्षित वर्ग को रखा जायेगा तथा ठ वर्ग में गरीबों और कम पढ़े-लिखे लोगांे को रखा जायेगा। यह प्रक्रिया सभी सामाजिक समूहों में लागू किया जायेगा अर्थात् एससी, एसटी, ओबीसी एवं मायनाॅरिटी कम्युनिटी मंे लागू किया जायेगा।
27. भारत की समस्त निजीकरण व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए एक पूर्ण संवैधानिक आयोग का गठन किया जायेगा। जो तीन माह में समीक्षा रिपोर्ट तैयार करके संसद में पेश करेगा। इसे स्वतंत्रत रूप से संसद मंे बहस करायी जायेगी।
28. भारतीय संसद मंे भारत के पिछड़े वर्गो (अनु.जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और मायनाॅरिटी के उत्थान और विकास की चर्चा के लिए संसद के प्रत्येक सत्र मंे अलग-अलग समय सीमा का निर्धारण आरक्षित किया जायेगा।
29. भारत में पिछड़े वर्गो (अनु.जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, मायनाॅरिटी कम्युनिटी के विकास और उत्थान के लिए अलग-अलग स्वतंत्र मंत्रालय बनाये जायेंगे तथा इसके लिए प्रतिवर्ष एक लाख करोड़ रूपये का प्रावधान किया जायेगा।
30. भारत का विकास और भारत के लोगों के विकास के लिए, दो अलग-अलग संकल्पनाआंे को अलग-अलग रखा जायेगा तथा दोनों संकल्पनाओं का समान रूप से विकास किया जायेगा।
31. भारत मंे क्षेत्रीय अंसतुलित विकास जैसे किसी राज्य का ज्यादा विकास और किसी राज्य का कम विकास होता है, इसको दूर किया जायेगा। प्रत्येक राज्य का बराबर विकास कराने के लिए कैबिनेट स्तर का एक स्वतंत्र मंत्रालय बनाया जायेगा, जो राज्यों तथा राज्यांे के लोगांे के विकास के लिए कार्य करेगा।
32. सम्पूर्ण भारत में कम से कम 60 राज्यांे, तथ ज्यादा से ज्यादा 100 राज्यांे का निर्माण किया जायेगा। क्योंकि छोटे राज्यांे का विकास तेजी से हुआ है, इसी बात को ध्यान मंे रखकर छोटे राज्यांे का निर्माण करना होगा ताकि राज्यांे के लोगों का समुचित विकास हो सके।
33. महानगरों की बढ़ती आबादी को ध्यान मंे रखते हुए महानगरांे पर आबादी का बोझा ना बढ़ पाये, इसके लिए नये नगरों और महानगरांे का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए 250 नयंे अतिरिक्त नगरांे का निर्माण किया जायेगा।
34. भारत का समायोजित विकास करने के लिए छोटी-छोटी प्रशासिनक इकाईयांे को बढ़ावा देने के लिए 1000 जिलों का गठन किया जायेगा।
35. भारत के छोटे-छोटे गाँवांे को समुचित विकास करने के लिए एक लाख गाँवों का तीव्र विकास किया जायेगा। जिसमंे सारे देश के 6 लाख गाँवांे के लोगांे को एक साथ, एक ही जगह पर सारी सुविधायंे उपलब्ध हो सकें।
36. भारत में लगभग 12 करोड़ लोग झुग्गी-झोपड़ी तथा टाट-पट्टियों की झोपड़ी बनाकर रहते हैं। उन झोपड़-पट्टी, बस्तियों को समाप्त करके उनके स्थान पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनायी जायेगी। इन्हीं बिल्डिंगों मंे प्रति परिवार को लगभग 600 वर्गफुट का एक फ्लैट दिया जायेगा। जिसमें सभी मूलभूत सुविधायें उपलब्ध होगी।
37. भारत के असंगठित क्षेत्रों के कुशल और अकुशल मजदूरों के हित में सख्त कानून बनाया जायेगा तथा श्रम कानूनों को ज्यादा मजबूत बनाया जायेगा।
38. भारत में चहुमुखी विकास के लिए तीव्र गति से औद्योगिकीकरण हो सके, इसके लिए स्पेशल औद्योगिक नीति बनायी जायेगी।
39. भारत में अन्याय और अत्याचार को रोकने के लिए कानून बनाकर पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया जायेगा, जिससे पिछड़े वर्गो (एससी, एसटी, ओबीसी, एनडी, डीएनटी, वीजेएनटी) पर कोई व्यक्ति या संगठन अन्याय ना कर सकें।
40. अत्याचार निरोधक दल, स्वयं सेवी संस्थाआंे के माध्यम से विकसित किया जाएगा। स्वयं सेवी संस्थाएं उन्हीं लोगांे की होगी। अत्याचार पर रोक लगाने के लिए तथा लोगांे की सुरक्षा के लिए हथियार भी दिये जायेेगंे, इसके लिए कानून बनाये जायेगें।
फसाद
41. भारत में फसाद, आतंकवाद, नक्सलवाद आदि के नाम पर किसी भी समूह या जाति के निर्दोष व्यक्ति जिसने अपराध नहीं किया हो, ऐसे किसी भी व्यक्ति को जेल मंे डाला जाता है और बाद में सबूतों के अभाव मंे छोड़ दिया जाता है तो ऐसे भुक्त भोगी व्यक्ति को राहत राशि के नाम पर कम से कम 25 लाख रूपये दिये जायेंगे और ऐसे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जाँच मंे ठोस सबूत मिलते है तो ऐसे अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाई करते हुए निलम्बित कर दिया जायेगा तथा मामला कोर्ट मंे भेज दिया जायेगा।
अन्य राष्ट्रीय मुद्दे
42. भारत मंे भूमि अधिग्रहण कानून किसानों के अनुकूल बनायें जायेंगे। (ैमर््) के माध्यम से पूँजीपतियों द्वारा ली गयी किसानों की जमीनों का मालिकाना हक किसानों को दिया जायेगा। ली गयी जमीन उद्योगपति और पूँजीपति के पास ही रहेगी, लेकिन उस जमीन से होने वाले लाभ में किसानों की हिस्सेदारी निश्चित की जायेगी।
43. राईट टू एजूकेशन (त्ज्म्) इसे गुणवŸाा पूर्ण शिक्षा देने के लिए दुबारा संसद मंे पास किया जायेगा।
44. राईट टू इंर्फोमेशन (त्ज्प्) अर्थात सूचना का अधिकार कानून को और मजबूत किया जायेगा और इसे भी दुबारा संसद मंे पास किया जायेगा।
45. लोकपाल कानून में अभी भी बहुत कमियां-खामियां हैं, उसे दूर किया जायेगा और सभी राज्यांे मंे लोकायुक्त बनाये जायेंगे।
46. भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए पूर्ण प्रतिनिधत्व जनतंत्र लाया जायेगा और इससे ब्राह्मणों का एकाधिकार खत्म हो जायेगा। भ्रष्टाचार को उच्च स्तर पर खत्म करने से ही निचले स्तर पर भ्रष्टाचार समाप्त हो जायेगा।
47. केन्द्र सरकार एवं सभी राज्य सरकारें तथा स्थानीय राज्य संस्थायंे एवं स्वायŸा संस्थायें और पब्लिक अंडरटेकिग संस्थाआंे मंे कार्य की गुणवŸाा के अनुसार समय सीमा में कार्य करने की अवधि निर्धारित किया जायेगी। पूर्ण गणुवŸाा एवं समय सीमा में कार्य नहीं करने वाले कार्मिकांे की दोषी घोषित कर दण्डित किया जायेगा।
48. प्रत्येक भारतीय नागरिक को स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत लाया जायेगा ताकि गरीब से गरीब आदमी को अच्छी से अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।
49. स्वास्थ्य, शिक्षा व रोजगार प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है, इन्हंे उपलब्ध कराया जायेगा।
50. सम्पूर्ण भारत मंे स्थायी प्रवृŸिा के कार्याे व नियमित कार्यो को जैसे स्वास्थ्य सफाई, शिक्षा, आन्तरिक एवं बाह्य सुरक्षा एवं अन्य मूलभूत आवश्यक कार्यों निश्चित कार्यो को केन्द्र सरकार के अधीन रखा जायेगी। संविधान में ऐसी व्यवस्था की जायेगी कि भविष्य मंे उनका निजीकरण न हो सके।
51. जनप्रतिनिधियांे की ठेकेदारी खत्म की जायेगी। जैसे विधायक निधि, सांसद निधि इत्यादि। प्रधानमंत्री लोकसभा का सदस्य होगा। जनप्रतिनिधियों का कार्य सिर्फ कानून बनाना और कानून की रक्षा करने के लिए सर्तक रहना होगा जिससे न्यायालयों के बाहरी हस्तक्षेप को रोका जा सके।
52. अनुसूचित जनजातियों (एस.टी.) के लिए भारतीय संविधान की अनुसूची 5वीं एवं अनुसूची 6वीं को तुरन्त लागू किया जायेगा।
53. देशभर मंे सफाईकर्मी का काम करते वक्त सीवर लाईन मंे मृत्यु हो जाती है, ऐसे मृतक के परिवार को 1 करोड़ रूपये का प्रावधान केन्द्र सरकार करेगी जिसका संयुक्त बैंक एकाउन्ट सरकार और मृतक परिवार का होगा। जिसका प्रतिमाह ब्याज उस परिवार को दिया जायेगा।
54. प्रचार माध्यम मंे पिं्रट मीडिया और इलेक्ट्रोनिक मीडिया जो अंधश्रद्धा और कर्मकाण्ड फैलाने का काम करेगा, उसका लाईसेंस रद्द कर दिया जायेगा।
55. सरकार के द्वारा एससी, एसटी, ओबीसी और मायॅनोरिटी वर्ग के लिए पत्रकारिता एवं मीडिया टेªडिंग की व्यवस्था की जायेगी और इस कार्य के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।
56. भारत की न्यायपालिका विशेषकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजांे की नियुक्ति, भारतीय प्रशासनिक सेवा की भाँति ही परीक्षा के माध्यम से करायी जायेगी। जिसमंे अनुपातिक प्रतिनिधित्व का कोटा होगा।
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