क्या राजनीति ऐसी होती है?
आज देश मंे क्या चल रहा है। इसकी जानकारी सभी को होगी लेकिन राजनीति कि प्रकार चल रही है इसकी जानकारी कुछ चुनिंदा लोगांे को ही है। देश में लगातार किसान आत्महत्या कर रहे है, महिलाआंे पर अत्याचार बढ़ रहे है। गरीबी, बेरोजगारी दिन दुगनी रात चौगुनी बढ़ रही है और देश के जो नेतागण है दिन प्रतिदिन उनके केवल भाषण दे रहे है अश्वासन दे रहे है कि हम कुछ करेंगे लेकिन अभी तक कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाया गया कि इस देश का इन समस्याआंे का समाधान किया जायेगा। आज से करीब 11—12 महीने पहले इस देश मंे लोकसभा के चुनाव हो रहे थे देश में भाजपा पार्टी द्वारा किसानों का हितौषी बताकर मोदी को उछाला और देश का प्रधानमंत्री बनाने की घोषण करते हुए बताया कि अगर मोदी जी की सरकार बनती है सभी समस्याआंे का समाधान होगा। और चुनाव हुआ मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बने लेकिन क्या वास्तव मंे समस्याआंे का समाधान हुआ? अभी और कितना झूठ बोलेगें? कल इस देश में करीब 60 साल राज करने वाली कांग्रेस पार्टी ने किसानांे की हितैषी बनकर रामलीला मैदान मंे रैली की इस रैली मंे कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी जी ने बताया कि हम किसानांे की लड़ाई लड़ेगे लेकिन यह नहीं बताया कि किस प्रकार लड़ेगे। जिस कांग्रेस सरकार ने इस देश मंे सबसे ज्यादा राज किया लेकिन किसानांे की समस्याओं का समाधान नहीं किया वह अब सत्ता से बाहर होते ही कह रही है कि हम किसानों की लड़ाई लड़ेगे। जब सत्ता थी कुछ किया नहीं अब वोट लेने के लिए लड़ाई लड़ेगें। चुनाव होता है तो नेता जी बड़े प्यार से कहते है कि अबकी हमारी सरकार आयेगी तो सबकी समस्याआंे का समाधान करेगी। और चुनाव जीत जाने के बाद वहीं नेताजी के पास जब लोग जाते है तो नेताजी कहते है कि अभी हम चर्चा कर रहे है कि किस प्रकार से इस समस्या का समाधान निकाला जाये। और समस्याओं का समाधान ढूढ़ते ढूढ़ते पॉंच साल चले जाते है और फिर चुनाव आ जाता है। चुनाव मंे लाखांे करोड़ो रूपये खर्च किये जाते है। अभी गुजरात में के वेरावल में भाजपा महिला सांसद पूनम मदाम के डांस पर 30 सेकंड में 3 करोड़ रुपए लुटा दिए गए। यह पैसा अगर गरीबों में बटा जाता तो कुछ परिवार को कम से कम दो—तीन दिन का खाना तो नसीब होता ही। लेकिन हम नेताओं को चुनाव मंे अपनी समस्याआंे को देखकर वोट देकर चुनकर भेजते है लेकिन हमारे नेताओं हमारा वोट लेकर हम को ही भूल जाते है। अब तो बहुत हुआ अब कुछ करो।
क्या होगा इस देश जब चारो तरफ गरीबों होगी
किसान मरेगें खेतों मंे तो क्या धरती अनाज देगी।
जागो! जागो!
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