शनिवार, 9 जून 2012

सामने आया तेल की कीमतों का सच: हर रोज 137 करोड़ कमाए इंडियन ऑयल ने

और आखिर सच सामने आ ही गया। देश की तेल विपणन कंपनी इंडियन आयल कॉरपोरेशन लिमिटेड का शुद्ध मुनाफा 2011-12 की अंतिम तिमाही में 224 प्रतिशत के भारी उछाल से 12,670 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। यानि हर रोज़ करीब 137 करोड़ रुपयों का मुनाफ़ा। ग़ौरतलब है कि इसी कंपनी के चेयरमैन आर.एस बुटोला ने दो दिनों पहले सरकार के बचाव में उतर कर कहा था कि तेल की कीमतें बढ़ाना जरूरी है वर्ना कंपनी को करोड़ों रुपए का घाटा सहना पड़ेगा।
उधर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत भी पांच महीनों के न्यूनतम स्तर पर आ गया है। कच्चे तेल की कीमत जिसके आधार पर पेट्रोल की कीमत का निर्धारण किया जाता है, 124 डालर प्रति बैरल से घटकर 116-117 डालर प्रति बैरल पर आ गई है। हालांकि रुपया अमेरिकी डालर के मुकाबले 53.17 से लुढ़ककर 55.30 पर आ गया है।
सवाल ये भी है कि क्या सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को जनता की जेब काट कर मुनाफ़ा कमाना जायज़ माना जा सकता है? ग़ौरतलब है कि इसी आईओसी को 2010-11 में चौथी तिमाही में भी 3905-16 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था। इस तिमाही के दौरान भी कंपनी की अन्य आय 1860 करोड़ रुपए रही। इस अवधि में कंपनी की बिक्री 30 प्रतिशत बढ़कर 98,236 करोड़ 35 लाख रुपए से 1.28 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई।
दिलचस्प बात ये है कि जब मीडिया के कुछ मित्रों ने इन तर्कों में से कुछ को बुटोला साहब के सामने रखा तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि कीमतों में कुछ कमी की जा सकती है। कुछ मतलब… सवा या डेढ़ रुपए.. मात्र।

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