मूलनिवासी नायक हिन्दी पेपर सभी मूलनिवासियों का अपना पेपर है। यह पेपर शासक वर्ग द्वारा किये जा रहे मूलनिवासियों पर अत्याचार और उनके हक-अधिकारों में कटौती कर रहे हैं उसका खुलासा करने के लिए बामसेफ और भारत मुकित मोर्चा द्वारा यह दैनिक हिन्दी पेपर चलाया जा रहा है। इस पेपर में शासक वर्ग द्वारा की गर्इ अब तक के सभी घोटालाें और मूलनिवासी के हक-अधिकाराें का हनन जो किया जा रहा है उन सब का खुलासा मूलनिवासी नायक हमेशा करता आया है और करता रहेगा। इसलिए सभी मूलनिवासी बहुजनों को यह पेपर रोज पढ़ना चाहिए और शासक वर्ग की मूलनिवासी बहुजन विरोधी नीतियों से सावधानी बरतनी चाहिए। जिससे हमारे महापुरूषों ने जो हमारे आजादी की लड़ार्इ लड़ी और ब्राह्राणों से लड़-झगड़कर हक और अधिकार दिलाये है उन हक और अधिकारों को बचा सके। आज मूलनिवासी बहुजनाें की सिथति ऐसी हो गर्इ है कि प्रत्येक मूलनिवासी आज भूखों मर रहा है। जिसका मूल कारण ब्राह्राणवाद है। इस ब्राह्राणवाद की वजह से हमारे किसान भार्इ आत्म हत्यायें कर रहे है। ब्राह्राणों ने अपने भार्इयों को पुन: देश में बुलाने के लिए किसानों की जमीनों का अधिग्रहण कर रहे है और एफडीआर्इ, सेज आदि को पुन: भारत में बुला रहे है। और किसानों को आत्म हत्याएं करने पर मजबूर कर रहे है। यहीं हालात हमारे आदिवासी भार्इयाें की भी है जो अपने जगंल-जमीन को बचाने के लिए शासक वर्ग से लड़ार्इ लड़ रहे है। और अपनी जान गवा रहे है। अत: सभी मूलनिवासी को चाहिए कि भारत मुकित मोर्चा सभी 85 प्रतिशत मूलनिवासियों का आन्दोलन चला रहा है तो हम सब को इस आन्दोलन में तन-मन-धन से लग जाना चाहिए। और ब्राह्राणवाद को इस देश से उखाड़ फेकना चाहिए।-जय मूलनिवासी
अपने ही घर में मूलनिवासी क्याें इतना भयभीत हुए।
इतिहास को अपने पढ़कर भी क्यों अपना भूल अतीत गये।।
मूलनिवासी मौन पड़े अब भी क्या नादानी है
रग-रग में जो दौड़ रहा वह लहू नहीं क्या पानी है।
लहू अगर है सीने में तो फिर अब किसकी देरी है
यूरेशियन ब्राह्राण से कह दो भारत की धरती मेरी है।
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