मंगलवार, 20 अगस्त 2013

RSS के पंडीतोँ का खुद्द का संविधान है

RSS के पंडीतोँ का खुद्द का संविधान है

RSS के शेँडीधारी लोगोँ को वह Videshi होणे का एहसास है । RSS के पंडीतोँ का खुद्द का संविधान है जिसका नाम Manu Smriti है । वह आज भी शास्रोँ के नियमानुसार चलते है । RSS के चेलोँ का खुद का एक झंडा भी है वह उसकी ही पुजा करते है । RSS के स्वयंसेवक Bharat को Parshu Ram / Pushyamitra Shung का Hindusthan बनाना चाहते है । उन्हे Buddha के Bharat से नफरथ है । उन्हे Samrat ashoka से नफरथ है । उन्हे chatrapati shivray, Rastrapita fule, Rajshree Shau, और Dr. Babasaheb Ambedkar जीँ से नफरथ है । क्योँकी Mulnivasi Bahujan के यही वे महामानव है जिन्होने बम्मनो के नकली धर्म कि पोलखोल कि थी. मै कहेता हुँ कि, Videsh Brahamin को इतना ही ईस नकली Gulaam धर्म के प्रति प्रेम था तो बम्मनो ने Aarya Samaj की स्थापना क्योँ की?? क्योँकी वे अच्छी तरह से जानते है कि, दुनिया मे Samaj नाम की कोई चिज है ही नही ।
सिर्फ Cast है. समाज तो सिर्फ Buddha के काल मे था जिसका नाम Bahujan Samaj था. बहुजन मतलब बहुसंख्य लोग. इसलिए अल्पसंख्य बम्मनोँ ने हमे जातीयो मे बटोरकर खुद Aarya Samaj कि स्थापना कि. यह सभी History Rss के Cadders अच्छी तरह से जानते है, इसलिए वह कभी चौरंगी झंडा नही लहराते । क्योँकी झंडे मे सम्राट अशोका का चक्र है जो कि Buddhist संस्कृती कि पहचान है. और Rss के Sevak तो बौध्द धम्म को अपना कट्टर शत्रू मानते है । इतना ही नही बल्की हमारे Bharat की भाषा Pali थी ब्राम्हणोँ ने पाली के ही कुछ Words चुराकर उसकी संस्कृत भाषा बना दी. RSS के कट्टर पंथी लोग संस्कृत का / Manu Smriti का हर रोज पठन करते है. क्या ऐसे ढोँगी संगटन के लोगोँ को हमारे देश मे रहेने का कोई अधिकार है?? क्या यह लोग Bharat के असली दुश्मन है???
              - निरंजन लांडगे...

http://www.bahujanindia.in/index.php?option=com_content&view=article&id=15712:-rss--------&catid=129:2011-11-30-09-48-05&Itemid=534

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