बहुजन मुकित पार्टी ने जारी किया घोशणा पत्र!
बहुजन मुकित पार्टी की आवश्यकता क्यों?
बामसेफ एवं भारत मुकित मोर्चा से प्रेरणा लेकर बहुजन मुकित पार्टी का निर्माण किया गया है। मूलनिवासी बहुजन समाज के राष्ट्रव्यापी जनआन्दोलन निर्माण के लिए बामसेफ एवं भारत मुकित मोर्चा समाज में जिन मूलभूत मुददों की लड़ार्इ लड़ रहा है, उन मुददों पर भारत की पार्लियामेंट में कोर्इ भी राजनीतिक पार्टी लड़ार्इ नहीं लड़ रही है। वर्तमान में इस राजनैतिक परिसिथति को देखते हुए पार्लियामेंट के अंदर उन मुददों एवं मूलनिवासी बहुजन समाज के हितों की लड़ार्इ लड़ने के लिए बहुजन मुकित पार्टी का निर्माण किया गया है।
2014 के लोक सभा चुनाव की तैयारी
बहुजन मुकित पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में पूरी तैयारी के साथ लड़ने का निर्णय किया है, और 2014 के चुनाव में कम से कम 400 लोकसभा की सीटों से चुनाव लड़ेगी और अधिक से अधिक देश के सभी लोकसभा की सीटें लड़ेगी। पूरे देशभर से बहुजन मुकित पार्टी के समर्थन में उत्साह का वातावरण निर्माण हुआ है, अन्य पार्टी में फंसे हुए लोग भी खुलकर कह रहे हैं कि अभी तक हम मजबूरी की वजह से अन्य पार्टियों में थे, हमारे सामने कोर्इ विकल्प नहीं था, लेकिन अब हमें विकल्प के तौर पर बहुजन मुकित पार्टी मिल गयी है, जिसमें शासक वर्ग की किसी भी प्रकार की कोर्इ घुसपैठ नहीं है और ना ही होगी।
बहुजन मुकित पार्टी चुनाव क्यों लड़ना चाहती हैं?
वर्तमान द्विदलीय (बायपोलर सिस्टम) संसदीय पद्धति का परिणाम
शासक जाति के लोगों ने बहुजन समाज की गुलामी को दृढ़ (मजबूत) करने के लिए वर्तमान में नया तरीका अपनाया हुआ है, वह तरीका है सŸााधारी और विपक्ष दोनों ने आपसी सांठगांठ से बायलोपर सिस्टम का निर्माण किया। जैसे कि कांग्रेस के माध्यम से यूपीए और बीजेपी के माध्यम से एनडीए द्विदलीय सिस्टम से क्षेत्रीय पार्टियों ओर क्षेत्रीय दल उनके पिछलग्गू बने हुए हैं। वो चाहे स्वार्थ की वजह से हो या सीबीआर्इ के डर की वजह से उनके षडयंत्र का हिस्सा बने हुए हैं जबकि दोनों की नीति एवं नियत एक ही है। वर्ष 1991 में कांग्रेस ने एलपीजी, एसर्इजेड का कार्यक्रम लागू किया। बाद में बीजेपी सŸाा में आयी उसी कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। जिसमें कम्युनिस्ट भी शामिल हैं और अन्य क्षेत्रीय दल भी शामिल हैं, जो लोकतंत्र के लिए सबसे घातक साबित हुआ है। द्विदलीय सिस्टम के षडयंत्रकारी चक्रव्यूह को तोड़ने का कार्य समाज के साथ और समर्थन से बहुजन मुकित पार्टी करेगी। इसलिए बहुुजन मुकित पार्टी चुनाव लड़ना चाहती है।
बहुजन मुकित पार्टी का घोषणा पत्र
(1) 1957 में तत्कालीन आर.पी.आर्इ. के नेताओं ने बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर जी की हत्या के बारे में संसद में सवाल उठाए थे। बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर जी की हत्या के बारे में डी.आर्इ.जी. सक्सेना कमेटी गठित की गयी थी, लेकिन उस रिपोर्ट को अभी तक कांग्रेस या बीजेपी की सरकार ने संसद में नहीं रखा था उसे सार्वजनिक नहीं किया गया। बहुजन मुकित पार्टी मौका मिलते ही सक्सेना कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करेगी और खूनियों के चेहरे से नकाब हटायेगी।
(2) भारत की चुनाव प्रणाली लोकतंत्र के विरोध में कार्यरत है, लेकिन दुनिया के अन्य देशों में मीडिया के माध्यम से यह प्रदर्शित किया जाता है कि चुनाव के माध्यम से लोकतंत्र मजबूत होता है, वास्तव में लोकतंत्र के नाम से नौटंकी किया जाता है। शासक जातियों की पार्टियों अपनी व्यवस्था के अनुरूप एससी एसटी ओबीसी मायनोरिटी के केंडीडेट का सिलेक्शन करके लड़ाती हैं। वह केंडीडेट एससीएसटीओबीसीमायनोरिटी का प्रतिनिधित्व करता ही नहीं बलिक कोर्इ भी समस्या पार्लियामेंट में उठाता ही नहीं है, अगर उठाता भी है तो पार्टियां व्हीप (पार्टी अनुशासन) जारी करके उनकी बोलती बंद कर देती है और मूलनिवासी बहुजन समाज की समस्याएँ बढ़ती ही जाती है। ये सब चुनाव प्रणाली की वजह से है। बहुजन मुकित पार्टी वास्तविक लड़ार्इ लड़ने के लिए एससी एसटी ओबीसीमायनोरिटी के वर्गो की संख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व करने वाले केंडीडेट को इलेक्ट कर पायेंगी। जो पार्लियामेंट के अंदर जाकर लड़ार्इ लड़ेगा। तब समाज की समस्या का समाधान होगा। इससे वर्तमान चुनाव प्रणाली में मूलभूत परिवर्तन किया जाएगा। जिससे एससीएसटीओबीसीमायनोरिटी के केंडीडेट के सिलेक्शन का अधिकार केवल उसी वर्ग के लोगों को होना चाहिए न कि पार्टी
हार्इकमान्ड को। ऐसी प्रणाली बहुजन मुकित पार्टी निर्माण करेगी।
(3) न्याय प्रक्रिया में सुधार: लोकतंत्र के चार पिलर (स्तम्भ) में से एक पिलर न्यायपालिका है। न्यायपालिका में भी एससी एसटी ओबीसी मायनोरिटी का प्रतिनिधित्व ना होने से न्यायपालिका उपरोक्त वर्गो के साथ संविधान के विरोध में जाकर निर्णय देती है। अर्थात न्यायपालिका ब्राह्राणवादी पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर कार्य करती है। संविधान निर्माण डा. बाबा साहेब अम्बेडकर को इसकी आशंका थी, इसलिए संविधान में प्रोविजन किया की रिजर्वेशन (प्रतिनिधित्व) स्टेट में होना चाहिए था। संविधान के विरोध में जाकर न्यायपालिका ने यह अधिकार, उपरोक्त वर्गों से छीना। एससी एसटी ओबीसी मायनोरिटी के नामधारी एमपी पार्लियामेंट में होने के बावजूद डर की वजह से न्यायपालिका के विरोध में आवाज नहीं उठाते। जबकि न्यायपालिका सर्वोच्च नहीं है, संसद सर्वोच्च है। उदाहरण के तौर पर साहबानों के केस में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को संसद ने रदद कर दिया था। लेकिन आज न्यायपालिका को संसद से सर्वोच्च बना दिया है। लोकतंत्र के विरोध में कार्यप्रणाली का मूलकारण प्रतिनिधित्व विहीन न्यायपालिका है, बहुजन मुकित पार्टी को अवसर मिलते ही सबसे पहले एससीएसटीओबीसीमायनोरिटी को संख्या के आधार पर न्यायपालिका में प्रतिनिधित्व (आरक्षण) लागू करेगी। जिससे बहुजन समाज में सभी वर्गो के साथ न्याय किया जा सके।
(4) शासक जातियों ने 65 वर्षो में आर्थिक असमानता के आधार पर बजट का वितरण किया है, इसके परिणाम से नक्सलवाद 260 जिलों तक पहुँच गया है और 83 करोड़ लोगों की अजर्ुन सेन गुप्ता कमेटी में बताया कि 29 करोड़ का प्रति व्यकित प्रतिदिन आय 6 रूपये हैं। 26 करोड़ का इंकम प्रति व्यकित प्रतिदिन 11 रूपया है और 28 करोड़ लोगों की इंकम प्रतिदिन प्रति व्यकित 20 रूपया है। इसलिए बहुजन मुकित पार्टी को अवसर मिलते ही एससीएसटीओबीसीमायनोरिटी वर्गो को संख्या के आधार पर बजट का वितरण करेगी।
(5) वर्तमान उच्च शिक्षा, प्रोफेशनल शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा को खत्म करने का शासक जातियों की पार्टियों ने कार्य किया है। इसलिए बहुजन मुकित पार्टी बजट का 10 प्रतिशत शिक्षा पर लगायेगी और एससीएसटीओबीसीमायनोरिटी के विधार्थियों को मुफ्त शिक्षा, समान शिक्षा एवं उच्च शिक्षा एवं विदेशों में शिक्षा पर होने वाला खर्च को सरकार द्वारा वहन किया जाएगा, ऐसा प्रावधान बहुजन मुकित पार्टी सरकारी बजट में करेगी और करवायेगी।
(6) देश के नगरों, महानगरों में 12 करोड़ लोग झुग्गी झोपडि़यों में रहने वाले लोग एससीएसटीओबीसीमायनोरिटीज वर्गो से संबंधित है। उनके स्थार्इ आवास के लिए जमीनों की व्यवस्था के लिए भारत की कोर्इ भी राजनीतिक पार्टी लड़ार्इ नहीं लड़ रही है, बलिक उनको वहाँ से शहरी सौन्दर्यीकरण के नाम पर विस्थापित कर देते हैं। बहुजन मुकित पार्टी 12 करोड़ झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले मूलनिवासियों की लड़ार्इ लड़ेगी।
(7) 65 सालों की तथाकथित आजादी में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारें आदिवासी की 5वीं एवं छठीं अनुसूचि को लागू नहीं किया। उस 5वीं एव छठीं अनुसूचि को लागू कराने का काम बहुजन मुकित पार्टी करेगी।
(8) आतंकवाद के नाम पर निर्दोष मुसलमानों को जेलों में बंद करके समस्त मुसलमानों में भय का वातावरण शासक वर्ग नेनिर्माण किया है। इंडिया टुडे के सर्वे के आधार पर मुसलमानों जेलों में ज्यादा बाहर कम मुसलमान हैं। बहुजन मुकित पार्टी मुसलमानों के मान-सम्मान और सुरक्षा की लड़ार्इ लड़ेगी।
(9) केन्द्र सरकार के सच्चर कमीशन के नाम पर राज्य सरकारों ने मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण के नाम पर केवल मात्र वोट के लिए बेवकूफ बनाया है। वोट लेने के बाद उसका कोर्इ भी
अमलीकरण नहीं किया है। लेकिन बहुजन मुकित पार्टी मुसलमानों के साथ सहयोग से काम करेगी।
(10) केन्द्र सरकार ने सच्चर कमीशन को लागू करने का काम न करके मुसलमानों के साथ धोखा किया है। लेकिन बहुजन मुुकित पार्टी सच्चर कमीशन और मिश्रा कमीशन को लागू करेगी।
(11) एफडीआर्इ के माध्यम से देश को बेचने का कार्यक्रम है। इस देश में खुदरा, किराना व्यापार का भी खात्मा करने का भी कार्यक्रम है। इसका बहुजन मुकित पार्टी संपूर्ण विरोध करेगी और अवसर मिलते ही खुदरा-किराना व्यापार एवं छोटे उधोगों के लिए विशेष प्रावधान करेगी।
(12) जितने भी सरकारी विभागों में ठेकेदारी प्रथा, सफार्इ मजदूरों के साथ-साथ मजदूरों का शोषण करने के लिए ठेकेदारी प्रथा अर्थात कान्ट्रेक्ट सिस्टम लागू करने की नीति को बहुजन मुकित पार्टी निरस्त करेगी।
(13) भारतीय संविधान में लेबर्स (मजदूरों) के लिए जितने भी कानून का प्रावधान है उनको सख्ती से बहुजन मुकित पार्टी लागू करेगी और निजी कम्पनियों से करवायेगी।
(14) आज के दौर में सभी राजनैतिक पार्टियां उधोगपतियों से फण्ड लेकर चुनाव लड़ती हैं और पार्टी का खर्च चलाती है। इसलिए वह पार्टियां उधोगपति के लिए कानून बनाती है और बजट में स्पेशल पैकेज की व्यवस्था करती है। इसकी वजह से भ्रष्टाचार फैलता है और राजनीतिक पार्टियाँ सŸाा में आने के बाद उनके विरूद्ध कोर्इ कार्यवाही नहीं करती, न ही उनके खिलाफ कोर्इ कानून बनाती है। बहुजन मुकित पार्टी समाज के साथ सहयोग और समर्थन से सरकार बनायेगी ताकि किसी पूँजीपति या उधोगपतियों के दबाव में न आ सके और अवसर मिलते ही इनके खिलाफ कानून बनायेगी और कानूनी कार्यवाही करेगी।
(15) बिजली कम्पनियों का प्रार्इवेटार्इजेशन करके सरकार
उधोगपतियों, पूँजीपतियों को जनता को लूूटने की खुली छूट दी हुर्इ है। बहुजन मुकित पार्टी सŸाा में आने के बाद निजी बिजली कम्पनियों के साथ जितने भी सरकारी विभागों को निजीकरण हुआ है उन विभागों का राष्ट्रीयकरण किया जायेगा, जिससे निजी कम्पनियों के शोषण से मुकित मिलेगी।
(16) महिलाओं को उनकी संख्या के अनुपात में शासन-प्रशासन में भागीदारी सुनिशिचत करेंगे।
(17) 16 नवम्बर 1992 को सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया, उस निर्णय के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने 1998 जातियों को ही ओबीसी के तौर पर मान्यता दी और 1745 को ओबीसी मानने से ही इंकार कर दिया। इस अन्यायकारी निर्णय को बहुजन मुुकित पार्टी कानून बनाकर निरस्त करेगी और सभी ओबीसी जातियों को बराबरी का दर्जा देगी।
(18) दुनिया में सबसे अच्छी और उपजाऊ जमीन भारत में है। खेती के उत्पादन के लिए दुनिया का सबसे बेहतरीन वातारवण भारत में है। फिर भी पिछले 66 सालों में लाखों किसानों ने खुदखुशी की है। अगर केन्द्र और राज्य सरकारें 10 या उससे ज्यादा प्रतिशत बजट का प्रावधान किसान और खेती पर करती है तो किसानों के हालात में परिवर्तन आ जायेगा। बहुजन मुकित पार्टी किसान एवं मूलनिवासी भूमि पुत्रों के लिए 10 प्रतिशत से ज्यादा (आवश्यकतानुसार) बजट में प्रावधान करेगी।
प्रेस कांफ्रेंस में वी.एल. मातंग राष्ट्रीय अध्यक्ष बीएमपी, अमानुल्लाह खान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीएमपी. अरूण कुमार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीएमपी, डा. एस.अकमल राष्ट्रीय महासचिव बीएमपी, जितेन्द्र कुमार राष्ट्रीय महासचिव, पुखराज चौहान राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बीएमपी, एडवोकेट कमलचन्द प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा प्रदेश, राजेश कुमार प्रजापति प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली प्रदेश आदि नेता उपसिथत थें।
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