मध्य प्रदेष का 23 वाँ बामसेफ एवं राश्ट्रीय मूलनिवासी संघ संयुक्त राज्य अधिवेषन भारी सफलता के साथ सम्पन्न!
भोपाल/दै.मू.समाचार
बामसेफ एवं राष्ट्रीय मूलनिवासी संघ म.प्र. का 23वाँ संयुक्त राज्य अधिवेशन दिनांक 14/09/2014 को गांधी भवन पाॅलीटेक्नीक चैराहा श्यामला हिल्स भोपाल में ऊपार सफलता के साथ सम्पन्न हुआ। इस विशाल राज्य अधिवेशन का उदघाटन मा. आजाद सिंह हबास (आई.एफ.एस.) मुख्य वनरक्षक सागर ने किया, इस विशाल राज्य में मुख्य अतिथि मा. सरदार सिंह डंगरा (से.नि.आई.ए.एस) पूर्व अध्यक्ष पिछड़ावर्ग आयोग म.प्र. रहें तथा इस विशाल राज्य अधिवेशन की अध्यक्षता वामन मेश्राम (राष्ट्रीय अध्यक्ष, बामसेफ) ने की। इस विशाल राज्य अधिवेशन का उदघाटन करते हुये मा.आजाद सिंह हबास (आई.एफ.एस.) मुख्य वन रक्षक सागर
म.प्र. ने कहा कि भारत में शासक वर्ग यानि यूरेशियन ब्राह्मणों ने अपना वर्चस्व ईमानदारी से स्थापित नहीं किया बल्कि अपनी व्यवस्था एवं वर्चस्व को बेईमानी, धोखे बाजी करके स्थापित किया हैं जो धोखेबाजी आज से नहीं बल्कि यह काम सदियों से कर रहा है परन्तु आज के समय में उसका धोखेबाजी करने का तरीका बदल चुका है पहले वह छल, कपट का सहारा लिया और 85 प्रतिशत मूलनिवासी बहुजन समाज की समतामूलक व्यवस्था को खत्म किया तथा आज के समय में उसने धोखा धड़ी से अपनी सŸाा का निर्माण किया अभी हाल में सम्पन्न 16वीं लोकसभा के चुनाव हुए लोकसभा चुनाव में इलैक्ट्रानिक वोटिंग में गड़बड़ी करके अपनी सत्ता को स्थापित किया है आज केन्द्र की सत्ता में स्थापित मोदी सरकार इसी इलेक्ट्रानिक धोखाधड़ी का नतीजा हैं जबकि लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान यह किसी ने नहीं सोंचा था। कि भाजपा सत्ता में आने वाली है लेकिन जो 16 मई को चुनाव नतीजे आये तो उन चुनाव परिणामों ने सबको आश्चर्य में डाल दिया जब इसका विश्लेषण किया तो उससे एक रहस्य सामने आया कि भारत में भारत निर्वाचन आयोग की साजिश ने भाजपा को सत्ता पर पहुँचाया है। इसी कड़ी में इस विशाल अधिवेशन को प्रबोधन करते हुए मा. सरदार सिंह डंगरा (से.नि.आई.ए.एस) पूर्व अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग आयोग (म.प्र.) ने कहा कि भारत में इन यूरेशियन ब्राह्मणों की व्यवस्था यदि कायम है वह सिर्फ बेईमानी की वजह से हैं और यह धोखेबाजी तथा कथित रूप से पंण्डित जवाहरलाल नेहरू के समय से शुरू होकर आज तक बराबर चल रही है क्योंकि इस देश में किसी ने इस ब्राह्मणवादी सत्ता एवं व्यवस्था को फलने फुलने का मौका पंण्डित नेहरू ने दिया जिसने बगैर चुनाव लड़े करीब 6 वर्ष तक सत्ता में काबिज रहा जिसने संविधान लागू होने के बाद हुए प्रथम लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा टिकट ब्राह्मणों को देकर जितवाया और जितवाने के बाद लोकतन्त्र के इस पवित्र मन्दिर पर इन यूरेशियन ब्राह्मणों का कब्जा करवाया फिर ऐसे-ऐसे कानूनों का निर्माण किया कि सभी लोकतान्त्रिक संस्थाओं पर इन यूरेशियन विदेशी ब्राह्मणों का कब्जा स्थापित हुआ जबकि यूरेशियन ब्राह्मण इस देश में मात्र 3.5 प्रतिशत हैं जो किसी भी कीमत में शासक नहीं बन सकता है और तो और ये लोग ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव तक किसी भी कीमत में नहीं जीत सकते है जिसकी जानकारी हमारे 85 प्रतिशत मूलनिवासी बहुजन समाज को नहीं है इस काम को हमारा
बामसेफ राष्ट्रीय मूलनिवासी संघ कर रहा है जिसके जन जागरण के लिए इन अधिवेशनों में मूलनिवासी बहुजन समाज के हित की चर्चाये की जाती है। और लागातार होती रहना चाहिए शासक वर्ग के इसी षडयन्त्र से 85 प्रतिशत मूलनिवासी एस.सी/एस.टी/ओबीसी तथा माॅयनोरिटी के लोगों की समस्याओं का समाधान होने की बजाय लागातार बढ़ रही है जो धोखा धड़ी से स्थापित सत्ता का नतीजा है इसी प्रकार से आज ये यूरेशियन ब्राह्मण हमारे आदिवासियों को गुलामी में बनाये रखने के लिए उनको जल जंगल जमीन के संवैधानिक अधिकार से वंचित करने का काम कर रहा है।
इस विशाल राज्य स्तरीय अधिवेशन को प्रबोधन करते हुए अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में वामन मेश्राम साहब ने कहा कि इस अधिवेशन में जो दो विषय चर्चा के लिए रखे गये हैं उन पर विस्तार चर्चा करना जरूरी है और चर्चा करना क्यों जरूरी है? क्योंकि चर्चा करने से मूलनिवासी समाज में जानकारी फैलती हैं आज के समय में देश में शासक वर्ग की अनियंत्रित सत्ता के चलते मूलनिवासियों को संवैधानिक अधिकारों को छीनने का कार्य क्रम शुरू किया है देश में विकाश के नाम पर तथा आर्थिक उन्नति के नाम पर आदिवासियों को अधिकार वंचित करने का कार्यक्रम चल रहा है जिस क्षेत्र में आदिवासियों की संख्या अधिक है वहाँ पर शासक वर्ग ने जो सवैधानिक प्रावधान है उनको आज तक लागू नहीं किया और अब अपने औद्योगिक तथा उद्योगपतियों को उस क्षेत्र में स्थापित करने के लिए विकाश के नाम पर उन निर्दोष भोलेभाले आदिवासीयों को जबरन उन क्षेत्रों से विस्थापित करने की नीति लागू कर रहा है। जबकि उन क्षेत्रों में शासक वर्ग संवैधानिक प्रावधान के अनुसार कोई भी कार्य वाही या गतिविधि करने का अधिकार नहीं रखता है ऐसे क्षेत्रों के लिए संविधान में 5वीं व 6वीं सूची का प्रावधान किया गया है जिसे शासक वर्ग ने आज तक लागू नहीं किया है और संविधान के उल्लंघन करते हुए उनकों जल, जंगल और जमीन के वास्तविक हक एवं अधिकार से वंचित कर रहा है। ऐसा शासक वर्ग क्यों कर रहा है क्योंकि इन क्षेत्रों में 89 प्रकार के खनिज तत्व पाये जाते है। जिनकी अन्तराष्ट्रीय बाजार में की मत अरबों खरबों में होती है। इसलिए शासक अपने लोगों को यहाँ स्थापित करने का षडयन्त्र करके अपने उच्च जातियों को मालामाल बनाना चाहता हैं जब ऐसी जगहों को आदिवासी खाली नहीं करते है तो
नक्सलवाद के नाम पर उनको खत्म कर दिया जाता है यही शासक वर्ग के विकाश नीति की असलियत है। देश में शासक वर्ग ने अपनी सत्ता एवं व्यवस्था को कायम करने के लिए हमेशा ही कोई न कोई षड्यन्त्र किया है शासक वर्ग सत्ता पर कब्जा करने के लिए चुनाव में सबसे पहले रेंगिग का षडयन्त्र किया जिसमें चुनाव में जो वैलेट बाॅक्स वोट पड़ने के बाद जिला अधिकारी की देख रेख में रखे जाते है उसमें धोखा धड़ी करके उसमें पड़े वोटो को खाली करके नये वैलेट पेपर एक ही पार्टी के पक्ष में मुहर लगाकर डालदिये जाते थे जो एक प्रकार का षडयन्त्र था फिर उसके बाद शासक वर्ग ने सत्ता हासिल करने के लिए बूथ कैप्चरिंग का काम करके धोखेबाजी करने का काम किया और अब शासक वर्ग यानि इन यूरेशियन ब्राह्मणों ने 2009 से एक प्रकार धोखेबाजी का नया फण्डा निकाला है वह है ई-इलैक्ट्राकि, वी-वोटिंग, एम-मशीन अर्थात इलैक्ट्रानिक मशीन का षडयन्त्र किया है 16वीं लोकसभा के चुनाव में निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश उल्लंघन करके चुनाव में ई.वी.एम. का प्रयोग किया जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इलैक्ट्रनिक वोटिंग में मशीन हो सकने वाली गड़बड़ी को अपने सामने विशेषज्ञों को बुलाकर सत्यापन किया फिर उसने 8 अक्टूबर 2013 को एक निर्णय दिया कि चुनाव में इन इलैक्ट्रानिक मशीनों का प्रयोग न किया जायें यदि किया जाय तो पेपरट्रेल लगी मशीन का इस्तेमाल हो जिससे चुनाव पार्दर्शी एवं निष्पक्ष सम्पन्न हों तो इस आदेश पर भारत निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में लिखित शपथ पत्र दिया कि हाँ ऐसी ही किया जायेगा लेकिन 16वीं लोक चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग ने सभी अदालती आदेशों का उल्लंघन करके अपनी सुनिशचित साजिश से इन वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जिसने भारी मात्रा में धोखाधड़ी हुई उसी धोखाधड़ी का परिणाम आपके सामने है कि आज सत्ता में मोदी के रूप में संघ सवार हैं जो देश का सत्यानाश करने का कार्यक्रम शुरू कर चुका है आज देश में साम्प्रदायिक हिंसा एवं महिलाओं के खिलाफ हिंसा की आग में पूरा राष्ट्र जलने लगा है ये वही संघ है जिसके रग रग में जातिवाद भेदभाव वर्ण व्यवस्था तथा असमानता बसती है जो केवल तथा कथित रूप से ब्राह्मणवादी पाखण्ड अन्धविशवास को फैलाने वाला हैं जिसका भाग्य और भगवान पर ज्यादा भरोसा है जिसे सत्ता का पूर्ण समर्थन हासिल है सत्ता चाहे कांग्रेस की हो या फिर भाजपा की हो दोनों दलो की आपस में सांठगांठ रहती है कि एक बार सत्ता सुख तम लोगों के लिए और एक बार सत्ता सुख हम लोगों के लिए उसी षडयन्त्र के तहतही आज भाजपा सत्ता में हैं।
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