सोमवार, 22 सितंबर 2014

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सहारनपुन/दै.मू.समाचार
राष्ट्रव्यापी जन-जागरण अभियान के अतंर्गत सहारनपुर में बामसेफ एवं भारत मुक्ति मोर्चा का संयुक्त मण्डलीय अधिवेशन दिनाँक 17 सितम्बर 2014 को सन्त रैदास छात्रावास, देहरादून रोड़, सहारनपुर में भारी सफलता के साथ सम्पन्न हुआ। इस विशाल  मण्डल स्तरीय अधिवेशन के उद्घाटक मा. डा. रोशन लालजी (से.नि.पुलिस अध्यीक्षक) रहंे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मा. वामन मेश्राम साहब (राष्ट्रीय अध्यक्ष बामसेफ, भारत मुक्ति मोर्चा) ने की। इस विशाल अधिवेशन का उद्घाटन करते हुए मा. रोशन लालजी (से.नि.मुख्य चिकित्सा अधिकारी) ने कहा कि भारत में आज तक जितनी सरकारे बनी वे सभी शासक वर्ग की ही रही हैं इन सरकारों ने जो बजट तैयार किया वह केवल पूंजीपतियों के लिये बनाया हैं इस तैयार बजट का 90 प्रतिशत धन केवल शाासक वर्ग अपने लोगों को रईस बनाने के लिए रखा जाता हैं जिसके आज के समय में जितने भी पूंजीपति हैं वे सभी शासक वर्ग के ही लोग  है। जिन्होने देश में लोकतन्त्र स्थापित करके अपने तथा कथित लोगों को मालामाल बनाने के काम किया हैं। इसी कड़ी में आगे अपने प्रबोधन में मा. के.के.पुष्कर (से.नि.पुलिस अधीक्षक) ने कहा कि देश की सत्ता पर काबिज शासक वर्ग ने सन् 2014 का जो बजट लोकसभा में पारित किया जिसमें मूलनिवासी समाज कल्याण तथा उत्थान के लिए कुछ भी नही किया हैं। इसलिए यह खूनी बजट है जिसके माध्यम से मूलनिवासी समाज की हिस्सेदारी समाप्त करने का षड्यन्त्र कर रहा हैं। शासक वर्ग ने देश की तथा कथित आजादी से आज तक मूलनिवासी समाज की समस्याओं का समाधान करने के बजाय उनको जानबूझकर पैदा कर रहा हैं। इसी विशाल अधिवेशन को अपने अध्यक्षीय प्रबोधन करते हुए मा.वामन मेश्राम साहब (राष्ट्रीय अध्यक्ष
बामसेफ एवं भारत मुक्ति मोर्चा) ने कहा कि शासक वर्ग यदि यूरेशियन ब्राह्मणों ने इस देश में धोखेबाजी से अपनी सत्ता एवं व्यवस्था को कायम करके रखा हुआ शासक वर्ग ने हमेशा ही अपनी सत्ता कायम रखने के लिए सबसे पहले वैलेट बोक्स में छेड़खानी करके अपनी सत्ता का गलत इस्तेमाल किया जिसमें वोट पड़ने वाले वैलेटपेपर से भरे बक्सो को खाली करके एक ही पार्टी के समर्थन में अपने लोगों के द्वारा मुहर लगाकर वैलेटपेपर डाल दिया जाता था। इसके बाद शासक वर्ग ने अपनी सत्ता एवं वर्चस्व को बचाने के लिए बूथ केप्चरिंग का सहारा लिया इन षड्यन्त्रों की जानकारी हमारे मूलनिवासी लोगों को आज तक नहीं है। जबकि इसकी जानकारी 85 प्रतिशत मूलनिवासियों को होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि जानकारी ही सबसे बड़ा हथियार हैं इसी षडयन्त्र के तहत शासक वर्ग ने अब धोखेबाजी का एक नया फण्डा अपनाया है जिसे हम इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन कहते हैं जबकि इस वोटिंग मशीन का प्रयोग इस देश में शुरू होने वाला था तभी तुरन्त ही हैदराबाद के एक्सपर्ट हरिप्रसाद जी ने सबसे पहले यह अशंका व्यक्त किया कि इस मशीन में गडबड़ी हो सकती है तो इस षडयन्त्र की जाँच कराने की वजाय इस षडयन्त्र को उॅजागर करने की अर्थात सच बोलने पर इस शासक वर्ग यानि यूरेशियन ब्राह्मणों ने हरी प्रसाद (जो की हैदराबाद के रहने वाले हैं) को इन बदमास लोगों ने जेल में डाल दिया। जो आज भी जेल में हैं। इसका प्रमाण 16 वीं लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिला क्योकि इस चुनाव में यह कोई भी आदमी नहीं कह रहा था कि इस लोकसभा चुनाव में भाजपा की सरकार बनने वाली है सभी लोग यह कह रहे थे कि देश में तीसरे मोर्चा की सरकार बनने वाली है जिससे इन विदेशी यूरेशियन ब्राह्मणों की बड़ी तकलीफ हुई उसका उन्होंने काट ढुढना शुरू किया 16 मई 2014 को आये चुनाव परिणामों से सबको आश्चर्य हुआ सभी लोग हैरान रह गये जब इसका विश्लेषण किया गया तो पता चला कि शासक वर्ग ने वोटिंग मशीन में गड़बड़ी करके अपनी सत्ता को बचाया है। दुनिया के जिन देशों ने इस वोटिंग मशीनों को बनाया है उन्हीं देशो में ही इनका चुनाव में उपयोग नही होता हैं क्योंकि आज अमेरिका, जापान, अस्टेªलिया, सिंगापुर आदि विकसित राष्ट्रों में इसी ई.वी.एम. का प्रयोग नहीं किया जाता है क्योंकि वहाँ की मूलनिवासी जनता को इस वोटिंग मशीन पर विश्वास ही नहीं है इसलिये वहाँ पर इनका प्रयोग नहीं होता है। लेकिन हमारे देश में इन ई.वी.एम. का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है जबकि इसमे यहाँ पर गड़बड़ी की आशंका व्यक्त की जा चुकी है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में भी इस प्रकार की याचिका का फैसला तमाम विशेषज्ञों के द्वारा ई.वी.एम में होने वाली गड़बड़ी को सत्यापित किया और भारत निर्वाचन 8 अक्टूबर 2013 को आदेश दिया कि इस वोटिंग को बगैर वोट सत्यापन के प्रावधान किये यूज न किया जाये तो फिर भी भारत निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में इस बात का शपथ पत्र दिया कि चुनाव में पेपर टेªल वाली वोटिंग मशीनों का उपयोग किया जायेगा। लेकिन भारत निर्वाचन आयोग ने 16वंी लोकसभा चुनाव मंे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की परवाह न करके बिना वोट प्रमाणित करने वाली मशीन यूज किया नतीजा आपके सामने है। इस कार्यक्रम मंे भारी संख्या मंे लोगांे की उपस्थित रही है। इस कार्यक्रम के अन्त में माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को आन्दोलन निर्माण निधि के रूप में 2 लाख रूपये की थैली भेंट की गयी।
देश मंे 85 प्रतिशत मूलनिवासियांे की बढद्य़ती जाग्रति से शासक वर्ग यानि यूरेशियन ब्राह्मणांे के बेचैनी हो रही है। दिनांक 17/9/2014 को  बामसेफ एवं भारत मुक्ति मोर्चा का संयुक्त मण्डल स्तरीय अधिवेशन सन्त रविदास छात्रावास, सहारनपुर मंे ऐतिहासिक सफलता के साथ सम्पन्न हुआ इस कार्यक्रम अधिवेशन का उद्घाटन मा.विक्रम चन्द्र (से.जिला गन्ना अधिकारी) ने किया इस कार्यक्रम मंे मुख्य अतिथि मा.के.के.पुष्कर (से.नि.पुलिस अधीक्षक) एवं विशेष अतिथि मा.सत्यवीर आर्य (प्रधानाचार्य, भूतेश्वर इण्टर काॅलेज सहारनपुर) रहे। वक्ता के रूप में मा. बृजगोपाल (प्रान्तीय महामंत्री शिक्षक संगठन), मा.सीताराम सहगल (जिलाध्यक्ष शिक्षक संगठन) मा.सोमवीर नागर (क्षेत्रीय अध्यक्ष रोडवेज) मा.अमल्का अख्तर, मा. इंजि.अजीत सिंह, मा.अतर सिंह के साथ बामसेफ प्रदेश प्रभारी सचिन तोरणे, मा.इंजि.डी.पी.सिंह, मा.राजेश्वर दयाल, मा.विनोद तेजियान (मण्डल को-आडिनेटर, बीएमपी) तथा मा.इन्तखा आजाद ने भी अधिवेशन को संबोधित किया। इस विशाल अधिवेशन की खास बात ये रही कि कार्यक्रम स्थल पूर्ण रूप से खचा-खच भरा हुआ था और लोग बसांे, टैक्टर-ट्राली तथा अन्य साधनांे एवं भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को सुनने और मैदान में जगह न मिलने के कारण मुख्य मार्ग के दोनांे ओर खड़े होकर वक्ताओं के विचारांे को सुन रहे थे। इससे यह साबित होता है कि मूलनिवासी समाज मंे तेजी से जाग्रति बढ़ रही है। जिससे दुश्मन यानि यूरेशियन विदेशी ब्राह्मण की नींद  हराम हो रही है।
इस विशाल अधिवेशन का संचालन प्रेमचन्द्र योग ने किया इस कार्यक्रम को सफल बनाने मंे पूर्णकालि कार्यकर्ता गोपाल शाब्दी व अशोक कुशवाहा का विशेष योगदान तथा मा.चन्द्र किरण (मण्डल अध्यक्ष, बामसेफ) के द्वारा दूर दराज से आये महिला, युवा तथा पुरूषांे का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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