हापुड़/दै.मू.समाचार
दिनांक 18/09/2014 को बामसेफ एवं भारत मुक्ति मोर्चा का संयुक्त ऐतिहासिक मेरठ मण्डल का अधिवेशन गाँधी सीनियर बेसिक स्कूल आदर्शनगर काॅलोनी, हापुड़ के प्रांगण में बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय-वामन मेश्राम साहब जी की अध्यक्षता में
सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस अधिवेशन का उदघाटन डाॅ.अयूब मंसूरी (प्रवक्ता-जमात ए इस्लामी हिन्द) ने किया और उन्होंने कहा कि साथियों जब आंग्रेजो से गाँधी ने हम लोगों से साथ सहयोग लेकर भारत को आजाद कराया जब मुस्लिम समाज के 33 प्रतिशत लोग सरकारी नौकरी में थे और देश के आजादी में 67 वर्ष में से करीब 55 वर्ष कांग्रेस का शासन रहा है ओैर हम सभी ने कांग्रेस को वोट दिया है। इस 67 वर्ष की आजादी में यदि वर्तमान में देखें तो मुलसमान आज मात्र लगभग एक प्रतिशत सरकारी नौकरी में है। मुस्लिम समाज में भी यदि ओबीसी मुस्लिम जो भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 9 प्रतिशत है, उसकी स्थिति और भी खराब है। साथियों इतना विकास किया है इन शासक वर्ग या ब्राह्मणों ने विकास किया है। आज यदि आप देखें तो ब्राह्मण देश में अल्पसंख्यक हैं और देश में जगह-जगह पर विस्फोट करा रहा है और बदनाम मुस्लिमांे को किया जा रहा है। आज हमारे समाज के सबसे ज्यादा लोग जेलों में, अस्पतालों में, आपको देखने को मिलेगे। सच्चर कमीशन ने भी यह खुलासा किया है कि आज भारत में मुसलमानों की स्थिति अनुसूचित जाति से भी बदŸार हो गयी है। साथियों यदि आप अपनी स्थिति में सुधार करना चाहते हैं तो देश में बामसेफ के द्वारा चलाये जा रहे जनआन्दोलन में हम सब को साथ-सहयोग करना होगा।
इस अवसर पर माननीय चै. नरेन्द्र कुमार ग्राम-प्रधान दादरी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि साथियों आज भी भारत में ओबीसी की स्थिति बद से बदतर है ब्राह्मण कभी नहीं चाहता कि देश में ओबीसी को हक अधिकार मिलें। भारत मंे यदि हमें किसी ने कुछ दिया है तो वे डाॅ. भीमराव अम्बेडकर जी हैं जिन्होंने संविधान लिखते समय सबसे पहले ओबीसी के लिए आरक्षण के लिए अनुच्छेद 340, अनुसूचित जाति के लिए 341 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 342 लिखा। तब नेहरू ने संविधान सभा में डाॅ. अम्बेडकर से कहाकि ये ओबीसी वर्ग क्या है? तुम केवल अपनी बात करो। यदि वर्तमान में देखा जाये तो 52 प्रतिशत पिछड़ी जाति को 1992 में विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार ने 27 प्रतिशत आरक्षण दिया परन्तु उसमें इन्हींे ब्राह्मणी सोच के लोगों ने क्रीमीलेयर लगाया। साथियों अभी तो ओबीसी के बहुत सारे लोगों को क्रीमीलेयर का मतलब भी पता नहीं है। साथियों 22 वर्ष पहले जब हमारे लिए आरक्षण लागू किया गया। उस समय पिछड़ी जाति सरकारी नौकरी में 3.7 प्रतिशत थे परन्तु इन 22 वर्षों में कितनी वृद्धि हुई मात्र 1 प्रतिशत वृद्धि। इस प्रकार से 27 प्रतिशत आरक्षण पूरा करने में 270 वर्ष और 52 प्रतिशत पिछड़ी जाति को 540 वर्षों तक अभी और इंतजार करना होगा यही है हमारी प्रगति रिर्पोट। साथियों बामसेफ ने जाति आधारित जनगणना का अभियान 2010-11 में चलाया और विषय बनाकर पूरे देश में चर्चा करायी। यदि अब ओबीसी वर्ग जागता है और उसको अपना हक एवं अधिकार लेना है। तो बामसेफ व भारत मुक्ति मोर्चा के आन्दोलन में साथ-सहयोग करना होगा आशा है साथ सहयोग करेंगे।
इस अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए मा.वामन मेश्राम साहब ने इस अवसर पर कहा कि यह मण्डलीय महाअधिवेशन हापुड़ जनपद के हापुड़ नगर के आदर्शनगर काॅलोनी में किया जा रहा है और अधिवेशन का विषय इलेक्ट्राॅनिक वोटिंग मशीन (ई.वी.एम.) के द्वारा चुनावी लोकतंत्र की हत्या एवं मानव अधिकारों का उल्लंघन एक बहस पर जानकारी देने से पूर्व वेद प्रकाश (पूर्णकालिक प्रचारक,
बामसेफ) की निर्मम हत्या करने वालों को हम छोड़ने वाले नहीं है। हम उनके हत्यारों को जब तक सजा नहीं मिल जाती तब तक
हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक नहीं छोड़ेंगे। इसमें चाहे जो खर्च आए हम संगठन के लोग उसे वहन करेंगे और वेद प्रकाश के परिवार को पूर्ण संरक्षण देंगे। उन्होंने हापुड़ में सभी कार्यकर्ताओं को तत्काल उसके बच्चों को परिवार की आर्थिक मदद करने को कहा और बच्चे का 1 लाख का बीमा कराने की संगठन के कार्यकर्Ÿााओं ने जिम्मेदारी ली और बच्चे की समस्त पढ़ाई का खर्चा भी संगठन लेता है।
विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि साथियों वर्तमान में जो 16वीं लोकसभा का चुनाव हुआ है। इस चुनाव के परिणाम सभी अखबारों और टी.वी. चैनलों में ये विश्लेषण आ रहा था। कि इस चुनाव में सप्रग व एन.डी.ए. घटक दलों को पूर्ण बहुमत मिलने वाला नहीं है। तीसरे मोर्चे की सरकार बनेगी फिर ऐसा कैसे हो गया कि बसपा, सपा, बीजू जनता दल, लोजपा, लोकदल, यानि सभी मूलनिवासियों की पाट्रियों की सीटें घटी हैं और कुछ पार्टियों का तो अपना अस्तित्व बचाने के लिए वर्तमान में संघर्ष करना पड़ रहा हैं। साथियों अभी जो चुनाव हुआ उसमें ई.वी.एम इलैक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से हुआ जबकि इस मशीन को बनाने वाले देश जापान में खुद पेपर टेªल वोंटिग मशीन के द्वारा होता हैं, जर्मनी, फ्रंास, आस्ट्रेलिया, नार्वे, स्वीडन, रूस, चीन आदि देशों में चुनाव बैलेट पेपर से होता हैं। ये भारत से ज्यादा विकसित देश भी ई.वी.एम. से चुनाव नही कराते क्योंकि वहाँ के लोगों को पता हैं कि इस वोेंटिग मशीन में गड़बड़ी की जा सकती है। इसलिए उन्हें इस पर भरोसा नही हैं इसलिए वहाँ चुनाव बैलेट पेपर से होता हैं। जबकि भारत में ब्राह्मणों ने वोटिग मशीन में चुनाव आयोग द्वारा गड़बड़ी कराकर लोकतंत्र की हत्या कर दी हैं। इस मशीन को चैलेंज करते हुए हरिप्रसाद नाम के साॅफ्टवेयर इंजीनियर ने कहा कि मै आपके सामने दूर बैठकर इस मशीन में पड़े वोटों को बदला सकता हूँ। भारत की सरकार ने प्रोत्साहन देने के बजाय उसे महाराष्ट्र मे बुलाकर जेल में डाल दिया।अध्यक्ष जी ने लोगों को समझाते हुए कहा कि जब हम दुकान से सामान खरीदते हैं ए.टी.एम. से पैसे निकालते है तो मशीन से पर्ची निकलती है। इस प्रकार यदि हम अपनी वोट किसी भी पार्टी को देते हैं तो हमें ई.वी.एम. मशीन से पता चलना चाहिए कि हमने जो बटन दबाया क्या मेरा वोट उसी को गया जिसके सामने का बटन दबाया था परन्तु भारत के चुनाव आयोग ने इस दिशा में काम नहीं किया बल्कि कहा कि सरकार इस पर आने वाले खर्च की वहन नहीं कर सकती। इसलिए साथियों इस दिशा में हम लोग काम कर रहें हैं कि चुनाव मंे पेपर ट्रेल मशीन का प्रयोग किया जाये क्योंकि 16वीं लोकसभा में बहुत बड़ी संख्या में गड़बड़ी की गयी इसलिए हमने इस गड़बड़ी को भारत के 6 लाख गाँवों तक जानकारी देनी होगी। तभी लोकतंत्र पुनः स्थापित हो सकता हैं। हमें इस काम को पूरे भारत के प्रत्येक नागरिक को यह जानकारी पहुँचाने का कार्य करेंगे जिस से भारत मंे लोकतंत्र स्थापित हो। उसके लिए कार्य करेंगे इसके लिए आप लोगों को
बामसेफ एवं भारत मुक्ति मोर्चा का साथ-सहयोग करना होगा।
कार्यक्रम में मा. सोमवीर सिंह नागर, वेद प्रकाश केन, महिपाल सिंह, टेक चंद, जयपाल सिंह यादव, डाॅ. सीमा निगम, चैधरी नरेन्द्र कुमार आदि ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये। मंच का संचालन डाॅ. अरूण कुमार ने किया और कार्यक्रम के अंत में समापन सूरजपाल सिंह मण्डल अध्यक्ष,
बामसेफ ने कार्यक्रम में आये सभी लोगों, पुलिस प्रशासन के सहयोग कर्ताओं को धन्यवाद देते हुए किया। इस अधिवेशन में ओमपाल सिंह, मिथलेश रानी, प्रमोद कुमार, हीरालाल, राजवीर सिंह, मुकेश कुमार (रेलवे), विनोद कुमार, सिद्धार्थ राव गौतम, नन्दलाल, डाॅ. अशोक कुमार, डाॅ. संजय पाल सिंह, सूरज खरवार, जौनी, मुकेश कुमार (एड.) चंचल कुमार, गजेन्द्र सिंह, हिटलर (एड.), एस.एस.निप्रा, विक्रम सिंह, अंशुल सावंत, राहुल कुमार, रविन्द्र कुमार, प्रेम दिनकर, आर.बी. सिंह, रमेश चंद, शक्ति सिंह, हरि रत्न गौतम, दिनेश कुमार, रामश्रंगार बौद्ध, हरीश गौतम ने अधिवेशन में सहयोग किया। इस अधिवेशन में हजारों की संख्या में लोग विभिन्न जनपदों तथा हापुड़ के कार्यकत्र्ता उपस्थित रहें। इस अवसर पर सभी जिलांे से माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को 2 लाख 10 हजार रूपये का जन आंदोलन निर्माण निधि के रूप भेंट किया गया।
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