शादी को जीवन और मृत्यु के बीच की एक कड़ी माना जाता है। हमारे समाज में शादी का अलग-अलग तरीका होता है और आज हम आपको उन तरीको से अवगत कराएंगे तो आइए जानें शादी करने के उन तरीको के बारे में जिसे जानकर आप जरूर चौंक जाएंगे ।
पूरे महीने रोती है दुल्हन
चीन के सिचुआन में एक परंपरा है कि शादी से पहले दुल्हन को पूरा एक
महीना रोना पड़ता है। इस रस्म को जियो टांग कहा जाता है। एक महीने तक रात
में आधा घंटा रोना होता है। दुल्हन के साथ पहले दस दिन उसकी मां और बाद के
10 उसकी दादी और आखिरी दिनों में परिवार की सभी महिलाएं लगातार रोने का काम
करती हैं।
दुल्हन का अपहरण
दुल्हनों का अपहरण करने की परंपरा आज भी किर्गिस्तान में कायम है। यह रस्म शादी के पहले होती है। पुरुष जिस महिला के साथ अपनी सारी जिंदगी बिताना चाहता है, वह उसका किडनैप कर देता है। यह परंपरा रोमानिया समाज में जीवित है। शादी में कोई दहेज ना मांगे और लड़की के घरवाले लड़की के पसंद के लड़के से शादी करवाने को राजी ना हो, इसलिए यह परंपरा है।
दुल्हनों का अपहरण करने की परंपरा आज भी किर्गिस्तान में कायम है। यह रस्म शादी के पहले होती है। पुरुष जिस महिला के साथ अपनी सारी जिंदगी बिताना चाहता है, वह उसका किडनैप कर देता है। यह परंपरा रोमानिया समाज में जीवित है। शादी में कोई दहेज ना मांगे और लड़की के घरवाले लड़की के पसंद के लड़के से शादी करवाने को राजी ना हो, इसलिए यह परंपरा है।
हंसना मना है
शादी के दौरान दुल्हा-दुल्हन को हंसना मना होता है। जी हां कांगो समाज में शादी की रस्म पूरी होने के बाद ही दोनों को हंसने की इजाजत दी जाती है। यह रस्म शादी में ही नहीं, बल्कि शादी के दौरान होने वाली अन्य रस्मों पर भी लागू होती है।
शादी के दौरान दुल्हा-दुल्हन को हंसना मना होता है। जी हां कांगो समाज में शादी की रस्म पूरी होने के बाद ही दोनों को हंसने की इजाजत दी जाती है। यह रस्म शादी में ही नहीं, बल्कि शादी के दौरान होने वाली अन्य रस्मों पर भी लागू होती है।
दुल्हन के सिर की हजामत
प्राचीन स्पार्टन्स समाज में शादी से पहले दुल्हन के सिर की हजामत की जाती है। इस समाज में दुल्हन भाग कर कहीं छिप जाती है और दुल्हा उसे ढूंढकर लाता है। तब माना जाता है कि शादी की रस्में पूरी हुई हैं।
प्राचीन स्पार्टन्स समाज में शादी से पहले दुल्हन के सिर की हजामत की जाती है। इस समाज में दुल्हन भाग कर कहीं छिप जाती है और दुल्हा उसे ढूंढकर लाता है। तब माना जाता है कि शादी की रस्में पूरी हुई हैं।
दुल्हन को जलील करना
यहां दुल्हन को जलील और प्रताड़ित किया जाता है। जी हां मसाई संस्कृति में शादी का तरीका दुनिया में सबसे अलग है। सगाई के समय लड़की को एक बुजुर्ग के साथ भेजा जाता है, जहां उसके ससुरालवाले उसका स्वागत, उसको जलील करके, मारके और उसके सिर पर गोबर लगाकर करते हैं। वहीं एक और रस्म के तहत लड़की का पिता भी उस पर थूकता है।
यहां दुल्हन को जलील और प्रताड़ित किया जाता है। जी हां मसाई संस्कृति में शादी का तरीका दुनिया में सबसे अलग है। सगाई के समय लड़की को एक बुजुर्ग के साथ भेजा जाता है, जहां उसके ससुरालवाले उसका स्वागत, उसको जलील करके, मारके और उसके सिर पर गोबर लगाकर करते हैं। वहीं एक और रस्म के तहत लड़की का पिता भी उस पर थूकता है।
टॉयलेट में बना जूस पीना
फ्रांस की संस्कृति में शादी की अजीबोगरीब रस्म है जिसे ला सूप कहते हैं। जैसे ही नया जोड़ा हनीमून पर जाता है, सभी गेस्ट पार्टी के बचे हुए खाने को इकट्ठा करके एक नए टॉयलेट के चेंबर में डालते हैं और उसमे पानी डाल कर उसका जूस बनाते है। यह जूस दुल्हन के परिवारवालों को पीना पड़ता है।
फ्रांस की संस्कृति में शादी की अजीबोगरीब रस्म है जिसे ला सूप कहते हैं। जैसे ही नया जोड़ा हनीमून पर जाता है, सभी गेस्ट पार्टी के बचे हुए खाने को इकट्ठा करके एक नए टॉयलेट के चेंबर में डालते हैं और उसमे पानी डाल कर उसका जूस बनाते है। यह जूस दुल्हन के परिवारवालों को पीना पड़ता है।
व्हेल मछली का दांत
फिजी समाज में शादी की रस्म कुछ अलग ही है। इसमें लड़के वाले को दुल्हन के पिता को व्हेल मछली का दांत देना पड़ता है, यह इस बात का प्रतीक होता है कि लकड़े वाले संपन्न घर के हैं। यह परंपरा तबुआ के नाम से प्रचलित है।
फिजी समाज में शादी की रस्म कुछ अलग ही है। इसमें लड़के वाले को दुल्हन के पिता को व्हेल मछली का दांत देना पड़ता है, यह इस बात का प्रतीक होता है कि लकड़े वाले संपन्न घर के हैं। यह परंपरा तबुआ के नाम से प्रचलित है।
दुल्हा, दुल्हन पर काला रंग
स्कॉट समाज में शादी को तब तक पूरा नहीं माना जाता, जब तक की दुल्हा और दुल्हन पर काला रंग नहीं डाल देते। काला रंग दोनों पर अचानक डाला जाता है। यह इसलिए किया जाता है ताकि नवविवाहित जोड़ा का जीवन सुखी हो।
स्कॉट समाज में शादी को तब तक पूरा नहीं माना जाता, जब तक की दुल्हा और दुल्हन पर काला रंग नहीं डाल देते। काला रंग दोनों पर अचानक डाला जाता है। यह इसलिए किया जाता है ताकि नवविवाहित जोड़ा का जीवन सुखी हो।
तीन दिन तक शौचायल बंद
इंडोनेशिया के टीडॉन्ग संस्कृति में शादी की एक अनोखी रस्म है। यहां शादी के बाद तीन दिनों तक नवविवाहित जोड़े को शौचालय नहीं जाने दिया जाता है।
इंडोनेशिया के टीडॉन्ग संस्कृति में शादी की एक अनोखी रस्म है। यहां शादी के बाद तीन दिनों तक नवविवाहित जोड़े को शौचालय नहीं जाने दिया जाता है।
पेड़ से शादी
भारत के कुछ प्रांत में यह परंपरा है कि यदि कोई लड़की मांगलिक है, तो उसे पेड़ से शादी करनी पड़ती है। लड़की की शादी पीपल के पेड़ से की जाती है ताकि उसमें जो भी दोष हो खत्म हो जाए और शादी की संभावनाएं बनी रहे। इसी तरह भारत के कुछ हिस्सों में प्रेत बाधा दूर करने के नाम पर लड़की की कुत्तों से भी शादी करवाते है।
भारत के कुछ प्रांत में यह परंपरा है कि यदि कोई लड़की मांगलिक है, तो उसे पेड़ से शादी करनी पड़ती है। लड़की की शादी पीपल के पेड़ से की जाती है ताकि उसमें जो भी दोष हो खत्म हो जाए और शादी की संभावनाएं बनी रहे। इसी तरह भारत के कुछ हिस्सों में प्रेत बाधा दूर करने के नाम पर लड़की की कुत्तों से भी शादी करवाते है।
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