ब्रिटेन का हाईगेट कब्रिस्तान
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ब्रिटेन सिटी के भीतर के हाईगेट कब्रिस्तान ज्यादातर निजी गिरजाघरों से संबद्ध लोगों के थे लेकिन ये रोज-रोज आने वाले शवों को दफनाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं दे पाते थे। साथ ही, स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदेह माने गये। इतना ही नहीं, मृत लोगों के साथ हमेशा सम्मानजनक बर्ताव नहीं होने की शिकायतें भी थीं ब्रिटेन के उत्तर में स्थित हाईगेट कब्रिस्तान की कहानी किसी हॉरर मूवी से कम नहीं है। स्थानीय लोग बताते हैं कि दिन में बेजान दिखने वाले इस कब्रिस्तान में रात के सन्नाटे में कब्रों में दफन लोग यहां बने दो टावरों के बीच आते-जाते हैं। इस कब्रिस्तान को ब्रिटे न का सबसे भुतहा क्षेत्र माना जाता है । यह दुनिया के टॉप टेन हॉन्टेड प्लेस में भी शुमार है। दिन की रोशनी में हाईगेट कब्रिस्तान आम लोगों को बेहद खूबसूरत जगह लगती है। हाईगेट को गोथिक शिल्पकला का बेजोड़ नमूना माना जाता है। ब्रिटेन पहुंचने वाले पर्यटकों को जो गाइडबुक मिलती है, उसमें भी इसे मनमोहक जगहों की सूची में दिखाया गया है। धरोहरों को बताने वाली पुस्तिका में तो इसे ग्रेड- वन की श्रेणी में रखा गया है। हाईगेट कब्रिस्तान के दो हिस्से हैं- पूर्वी और पश्चिमी। समूचे कब्रिस्तान में करीब एक लाख सत्तर हजार कब्रें हैं, इनमें कई प्रतिष्ठित लोगों की कब्रें भी हैं। साथ ही कुछ ऐसे लोगों की कब्रें भी हैं, जिनकी हत्या के बाद सबूत छिपाने के लिए उन्हें यहां दफन कर दिया गया। हाईगेट कब्रिस्तान लंदन के कैम्डेन, हैरिंगे और इस्लिंगटन इलाके में पड़ता है। इसका सबसे नजदीकी परिवहन लिंक आर्कवे टय़ूब स्टेशन है। कब्रिस्तान के इतिहास पर गौर करें तो पता चलता है कि 1839 में इसकी योजना बनी और तभी से काम शुरू भी हुआ। योजना के मुताबिक, सात बड़े और आधुनिक कब्रिस्तान बनने थे। इसे ‘मैग्निफिशेंट सेवन’ नाम दिया गया था। तब यह समूचा इलाका लंदन के बाहरी छोर पर था। शहर के भीतर मौजूद कब्रिस्तान ज्यादातर निजी गिरजाघरों के संचालकों के अपने थे लेकिन ये रोज-रोज आने वाले शवों को दफनाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं दे सकते थे। शवों को जल्दी दफन न किया जाय, तो वे सेहत के लिए भी हानिकर साबित होते थे। इतना ही नहीं, मृत लोगों के साथ कभी-कभी असम्मानजनक बर्ताव भी होता था। कब्रिस्तान में अंकित नक्काशी में शिल्पकार उद्यमी स्टेफन गियरी का योगदान है। बीस मई, 1839 को हाईगेट कब्रिस्तान लंदन के लॉर्ड बिशप चार्ल्स ब्लोमफील्ड ने ईसाई संत सेंट जेन्स को समर्पित किया। इसकी 15 एकड़ जमीन को र्चच ऑफ इंग्लैंड के इस्तेमाल के लिए सुरक्षित रखा गया और दो एकड़ दूसरे मतावलम्बियों के लिए। यहां शवों को दफन करने का अधिकार एक निश्चित अवधि के लिए एक र्चच को दिया गया। लिटिल विन्डमिल स्ट्रीट, सोहो की एलिजाबेथ जैक्सन पहली शख्सियत थीं जिन्हें यहां 26 मई, 1839 में सबसे पहले दफन किया गया। दूसरे मैग्नीफिशेंट सेवन की तरह हाईगेट भी मृत लोगों को दफनाने की पसंदीदा जगह थी। यह कब्रिस्तान खूबसूरती के कारण प्रशंसनीय लगता है। साथ ही, दर्शनीय भी। धनी लोगों की मौत के बाद उन्हें शाही अंदाज में दफनाने के बाद यहां गोथिक गुंबद और दूसरे निर्माण करवाये गये। कब्रिस्तान छोटी पहाड़ियों पर है और इसकी ढलान दक्षिण की ओर है। इसके बगल में वाटरलो पार्क है। 1854 में पूर्व का समूचा असली हिस्सा स्वैन्स लेन के पार इसी कब्रिस्तान तक है। आज भी इसके पश्चिमी हिस्से पर शवों को दफनाने का काम होता है। कब्रिस्तान जंगली सुनसान क्षेत्र नहीं है। कब्रिस्तान की जमीन पर काफी हरी-भरी है। साथ ही, यहां जंगली फूलों के पौधे भी उग आये हैं। सबसे ज्यादा भुतहा हरकतों के लिए जो कब्र र्चचा में है, वह है द हाईगेट वैम्पायर, जो असल में वैम्पायर के चलते र्चचा में नहीं है बल्कि एक भूत की छाया के चलते डरावनी जगह है। यह छाया सात फुट लंबी और कई टुकड़ों में बंटी पुरुष आकृति है। उसकी आंखें मनमोहक हैं और वह लंबे काले कोट और हाई हैट पहने दिखता है। जिन लोगों ने उसे देखा है उनका दावा है कि वह हवा में अचानक हल्की आकृति का दिखता और क्षणभर में गायब हो जाता है। 1960 से लेकर अब तक दर्जनों आकृतियां यहां दिखी हैं। कुछ लोगों का इनसे आमना-सामना भी हुआ है। रोचक घटनाएं एक बार किसी व्यक्ति की कार कब्रिस्तान के नजदीक दुर्घटनाग्रस्त हो गयी। कार में बैठा व्यक्ति बताता है कि दुर्घटना के बाद चमकीली लाल आंखों वाला एक गूल (मौत आदि में रुचि रखने वाला डाकू प्रवृत्ति का पिशाच) कब्रिस्तान के लोहे के दरवाजे से उसे देख रहा था। एक बूढ़ी पागल औरत एक बार कब्रिस्तान की कब्रों के इर्द-गिर्द दौड़ती दिखी थी। उसके भूरे बाल कंधे के पीछे उड़ रहे थे। वह अपने उस बच्चे को खोज रही थी जिसकी उसने ही कथित रूप से हत्या कर दी थी। कब्रिस्तान में काले कफन से लिपटी आकृति जड़वत खड़ी आकाश की ओर एकटक देखे जा रही थी। जब एक व्यक्ति इस आकृति के करीब आया, तो वह गायब तो हो गयी लेकिन थोड़ी ही देर बाद कुछ दूरी पर दोबारा शून्य में टकटकी लगाये दिखी। यहां एक बिजने समैन को भूत का साया दिखा तो वह डर गया। उसका कहना है कि उसने यहां देखा कि कोई आकृति कंटीले बाड़ से कूदी और उसके सामने आ गयी। इतना ही नहीं, उसने अपने हाथ से कान, आंख और लंबी नाक की ओर इशारा किया। बाद में जब बिजनेसमैन ने इसकी र्चचा की तो पता चला कि भूत का वह साया कोई और नहीं, ब्रिटेन का बदमाश स्प्रिंग-हील्ड जैक था। यहां के स्थानीय निवासी ने हाईगेट में नर्स की प्रेतछाया देखी थी। उस समय वह कब्रों के ऊपर से उड़ रही थी। कमलेश |
रविवार, 23 सितंबर 2012
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