मंगलवार, 6 मई 2014

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एलियंस ने बनाया था यह शहर या फिर यह ‘वर्जिन’ औरतों की कब्रगाह है? जानिए एक खोए हुए शहर का रहस्य

पोस्टेड ओन: 6 May, 2014 जनरल डब्बा में

यूं तो आज से करीब 100 साल पहले ही इसे खोज लिया गया था लेकिन आज इतने वर्षों बाद भी इस रहस्य से पर्दा नहीं उठ पाया है कि इसे क्यों और किसके लिए बनाया गया था. कोई कहता है यहां भगवान सूर्य को ‘वर्जिन’ औरतों की बलि दी जाती थी तो कोई यह कहता है कि यह स्थान दूसरे ग्रह से पृथ्वी पर आए लोगों ने निर्मित किया है. कुछ लोग तो यहां तक कहते हैं कि यह उन राजकर्मचारियों की कब्रगाह है जिन्हें सेवा समाप्त होने के बाद मार दिया जाता था.



इंका सभ्यता की हकीकत आज तक कोई नहीं समझ पाया. पुरातत्व वैज्ञानिक ना ही इसकी खोज कर पाए हैं और इंका सभ्यता में लिखाई का प्रबंध ना होने के कारण कोई लिखित दस्तावेज भी प्राप्त नहीं हो पाए हैं जिस कारण इस रहस्य को भी नहीं सुलझाया जा सका है कि इंका सभ्यता से संबंधित ऐतिहासिक स्थल माचू पिच्चू का निर्माण क्यों किया गया और क्यों इस स्थान को इतनी जल्दी खाली कर दिया गया.
machu picchu

माचू पिच्चू के अस्तित्व से जुड़ी कई दास्तानें आज भी मौजूद हैं लेकिन सच कौन सी दास्तां है ये कोई नहीं जानता:

लॉस्ट सिटी
माचू पिच्चू की खोज करने वाले हीरम बिंघम का कहना था कि यह स्थान इंका सभ्यता से जुड़ा आखिरी स्थान है और साथ ही ‘विल्काबंबा ला विईजा’ का गुम हो चुका शहर यानि की ‘लॉस्ट सिटी’ है. लेकिन हीरम की इस खोज को अन्य पुरातत्व वैज्ञानिकों ने अपने-अपने तर्क और खोज से नकार दिया.
lost city

वर्जिन ऑफ द सन
इंका सभ्यता के देव भगवान सूर्य को वर्जिन महिलाओं की बलि दी जाती थी. यह स्थान उन अविवाहित औरतों के लिए था जो अपने प्राण भगवान सूर्य को समर्पित कर देती थीं. उनके शवों को यहीं दफना दिया जाता था. इस स्थान पर मिले कंकालों में लगभग सभी कंकाल महिलाओं के थे जिसे आधार बनाकर माचू पिच्चू को वर्जिन ऑफ द सन का नाम दिया गया. परंतु बाद में कुछ कंकाल पुरुषों के भी पाए गए जिसके बाद इस थ्योरी को भी नकारा गया.



राजकर्मचारियों की कब्र
पंद्रहवीं शताब्दी में इंका सम्राट पचाकुटी की सेवा में जितने भी कर्मचारी लगे थे उन्हें माचू पिच्चू में ही दफनाया गया था. इस थ्योरी के अनुसार माचू पिच्चू में शाही मेहमानों के मनोरंजन का पूरा इंतजाम किया जाता था और इस स्थान को सम्राट शाही कोर्ट के तौर पर प्रयोग करता था.
inca
इंसानी बलि का स्थान
माचू पिच्चू को इंसानी बलि के लिए प्रयोग किया जाता था और बहुत हद तक संभव है कि शवों को सही तरीके से दफनाया भी नहीं जाता था. खोजकर्ताओं को यहां कई कंकाल ऐसे भी मिले हैं जिन्हें दफनाया नहीं गया था.
human sacrifice



एलियन द्वारा निर्मित स्थान
सभी अवधारणाओं को नकारते हुए मॉडर्न वैज्ञानिकों का यह कहना है कि माचू पिच्चू का निर्माण दूसरे ग्रह से आए प्राणियों ने किया है. माचू पिच्चू के ग्रांड आर्किटेक्चर का निर्माण एलियन्स ने अपने अनुसार किया है. पेरू वासियों ने इस थ्योरी को भी नकार दिया है क्योंकि उनका कहना है कि उनके पूर्वज इससे भी बेहतरीन आर्किटेक्चर की कला जानते थे.
aliens
ऐसा माना जाता है कि करीब 1430 ई. के आसपास ‘इंकाओं’ ने आधिकारिक कार्यों के लिए माचू पिच्चू का निर्माण किया  था. लेकिन निर्माण के सौ साल बाद जब ‘इंकाओं’ पर स्पेन ने विजय प्राप्त कर ली तो इंका इस स्थान को छोड़कर चले गए थे. स्थानीय लोग इस स्थान से परिचित थे लेकिन दुनिया के सामने यह गोपनीय स्थान तब आया जब एक अमेरिकी इतिहासकार हीरम बिंघम ने वर्ष 1911 में माचू पिच्चू की खोजकर इसे एक पर्यटन स्थल बनाने में सहयोग दिया था.
hiram bingham
इसके बाद वर्ष 1981 में माचू माच्चू को पेरू का ऐतिहासिक-धार्मिक स्थल घोषित कर पहचान दिलवाई गई और 1983 में यूनेस्को ने इस स्थान को वर्ल्ड हेरिटेज यानि विश्व धरोहर का दर्जा दे दिया. परंतु आज तक कोई नहीं जान पाया कि माचू पिच्चू, जिसे वर्ष 2007 में विश्व के सात अजूबों में स्थान दिया गया है, के अस्तित्व की वास्तविकता क्या है.

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