ओबीसी का तीन हिस्से में होगा बंटवारा
नई दिल्ली। आरक्षण का समान अवसर देने के लिए केंद्र सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को तीन श्रेणियों में बांट सकती है। मिली जानकारी के अनुसार पिछड़ा वर्ग आयोग ने केंद्रीय सूची में पिछड़े वर्ग की तीन समूह में बांटने के लिए केंद्र सरकार की सहमति का इंतजार कर रहा है। इससे 27 फीसदी के आरक्षण में हरेक समूह का अंश सीमित किया जा सकेगा।
उच्चस्तरीय सूत्रों के मुताबिक पिछड़ा वर्ग आयोग और सामाजिक न्याय मंत्रालय की इस मामले को लेकर बातचीत बेहद नाजुक दौर में पहुंच चुकी है। नेशनल पैनल यह सुनिश्चित किए जाने की पहल की वकालत कर रहा है कि अच्छी आर्थिक स्थिति वाले ओबीसी का अन्य पिछड़े वर्ग के ज्यादा जरूरतमंदों के अधिकारों और सुविधाओं पर अधिकार नहीं होना चाहिए।
पिछड़ा वर्ग आयोग ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा है, चूंकि केंद्रीय सूची में ओबीसी का किसी तरह का वर्गीकरण नहीं किया गया है, इसलिए इस कैटेगिरी में सबसे संपन्न वर्ग ही फायदे में है। इससे अन्य पिछड़ा वर्ग में सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोगों को नुकसान होता है।
बताया जाता है कि पिछड़ों के बीच अगड़ों ने 27 फीसदी के मंडल कोटा पर एकाधिकार जमाया हुआ है, क्योंकि पिछड़ों के बीच पिछड़े अपनी कमजोर शिक्षा और खराब आर्थिक स्थिति के चलते मजबूत स्थिति वाले पिछड़े वर्ग के लोगों से मुकाबला नहीं कर पाते। इसी के चलते अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को तीन समूहों में बांटने की पहल की चर्चा शुरू हुई।ज्ञात हो कि बिहार में ओबीसी की अच्छी खासी संख्या है।
उच्चस्तरीय सूत्रों के मुताबिक पिछड़ा वर्ग आयोग और सामाजिक न्याय मंत्रालय की इस मामले को लेकर बातचीत बेहद नाजुक दौर में पहुंच चुकी है। नेशनल पैनल यह सुनिश्चित किए जाने की पहल की वकालत कर रहा है कि अच्छी आर्थिक स्थिति वाले ओबीसी का अन्य पिछड़े वर्ग के ज्यादा जरूरतमंदों के अधिकारों और सुविधाओं पर अधिकार नहीं होना चाहिए।
पिछड़ा वर्ग आयोग ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा है, चूंकि केंद्रीय सूची में ओबीसी का किसी तरह का वर्गीकरण नहीं किया गया है, इसलिए इस कैटेगिरी में सबसे संपन्न वर्ग ही फायदे में है। इससे अन्य पिछड़ा वर्ग में सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोगों को नुकसान होता है।
बताया जाता है कि पिछड़ों के बीच अगड़ों ने 27 फीसदी के मंडल कोटा पर एकाधिकार जमाया हुआ है, क्योंकि पिछड़ों के बीच पिछड़े अपनी कमजोर शिक्षा और खराब आर्थिक स्थिति के चलते मजबूत स्थिति वाले पिछड़े वर्ग के लोगों से मुकाबला नहीं कर पाते। इसी के चलते अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को तीन समूहों में बांटने की पहल की चर्चा शुरू हुई।ज्ञात हो कि बिहार में ओबीसी की अच्छी खासी संख्या है।
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