भारत में पाक और श्रीलंका से ज्यादा भुखमरी: रिपोर्ट
शुक्रवार, 12 अक्तूबर, 2012 को 01:00 IST तक के समाचार
विश्व खाद्य उत्पादन पर एक ताजा
रिपोर्ट के अनुसार भारत में मजबूत आर्थिक प्रगति के बावजूद भुखमरी की
समस्या से निपटने की रफ्तार बहुत धीमी है.
विश्व भुखमरी सूचकांक के मुताबिक इस समस्या से निपटने में अफ्रीका दक्षिण एशिया से कहीं आगे दिखता है.अमरीका के अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति और शोध संस्थान और कन्सर्न वर्ल्डवाइड ने 79 देशों को लेकर ये विश्व भुखमरी सूचकांक तैयार किया है जिसमें भारत को 65वें स्थान पर रखा गया है.
'पिछड़ता भारत'
"भारत मजबूत आर्थिक प्रगति के बावजूद विश्व भुखमरी सूचकांक में पिछड़ रहा है. 1996 से 2001 के बीच वहां कुछ बेहतरी देखने को मिली थी लेकिन अब वो लगभग 1996 के स्तर पर आ पहुंचा है."
विश्व भुखमरी सूचकांक संबंधी रिपोर्ट
भारत के बारे में इस रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत मजबूत आर्थिक प्रगति के बावजूद विश्व भुखमरी सूचकांक में पिछड़ रहा है. 1996 से 2001 के बीच वहां कुछ बेहतरी देखने को मिली थी लेकिन अब वो लगभग 1996 के स्तर पर आ पहुंचा है.”
ये रिपोर्ट कहती है कि समूचे तौर पर देखा जाए तो दुनिया भर में उपजाऊ जमीन घटती जा रही है जबकि आबादी बढ़ रही है.
इसमें दुनिया के ऐसे 20 देशों की पहचान की गई है जहां भुखमरी खतरनाक स्तर तक पहुंच रही है.
इस सूचकांक में देशों को उनकी अल्पपोषित आबादी के अनुपात, सामान्य से दुबले पांच साल से कम उम्र के बच्चों के अनुपात और पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर के आधार पर अंक दिए गए हैं.
कहां सबसे ज्यादा भुखमरी
रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशिया और सब-सहारा क्षेत्र के देश सबसे ज्यादा भुखमरी के शिकार हैं.रिपोर्ट कहती है कि हैती में स्थिति सुधर रही थी लेकिन 2010 के विनाशकारी भूकंप ने फिर से उसे पिछली स्थिति में पहुंचा दिया है.
पिछले एक दशक में भुखमरी से निपटने में इस रिपोर्ट में अफ्रीका की तारीफ की गई है. इसकी वजह वहां युद्धों में आई कमी है. साथ ही वहां की सरकारें बच्चों की सेहत को सुधारने पर ध्यान दे रही हैं.
दूसरी तरफ दक्षिण एशिया में भारत ही ऐसा देश है जहां कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है, जबकि उसकी आर्थिक प्रगति और सफल उच्च-तकनीकी उद्योग दुनिया को चमत्कृत कर रहे हैं.
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