वर्ष 2013 के विश्व जनसंख्या दिवस का विषय : किशोरावस्था में गर्भधारण
विश्व जनसंख्या दिवस प्रतिवर्ष11 जुलाई को मनाया जाता है. वर्ष 2013 के विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का उद्देश्य परिवार नियोजन की महत्ता, लड़के -लड़की के बीच समानता , गरीबी उन्मूलन और मातृत्व स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरुकता पैदा करना है.
वर्ष 2013 का संयुक्त राष्ट्र विश्व जनसंख्या दिवस का मुख्य विषय रखा गया-किशोरावस्था में गर्भधारण.
विश्व की जनसंख्या पांच अरब तक होने से प्रेरित होकर संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के शासी परिषद ने 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की शुरूआत 1989 में की थी. इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक आबादी के मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है.
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या बढ़कर 1 अरब 21 करोड़ हो गई है. दशक 2001-11 के दौरान जनसंख्या की वृद्धि दर 17.64 प्रतिशत रही, जबकि उससे पहले के दशक 1991-2001 के दौरान जनसंख्या वृद्धि दर 21.15 प्रतिशत थी. 1911-1921 दशक को छोड़कर 2001-2011 पहला दशक है जिसमें पिछले दशक की तुलना में वास्तव में आबादी में कम वृद्धि हुई जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में आबादी में अधिक वृद्धि हुई.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा जनसंख्या स्थिरता कोष जनसंख्या वृद्धि के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया. इसमें सभ्य समाज, अनुसंधानकर्ता, नीति-निर्माता, राजनीतिज्ञ और विकास-विशेषज्ञ आदि जैसे समाज के सभी वर्गों के लोग भाग लिया.
जनसंख्या स्थिरता कोष
सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अधीन स्थापित जनसंख्या स्थिरता कोष (राष्ट्रीय जनसंख्या स्थिरीकरण निधि) को एक स्वायत्त सोसाइटी के रूप में पंजीकृत किया गया है. इसका लक्ष्य ऐसे क्रियाकलाप करना एवं उन्हें प्रोत्साहित करना है जिनका उद्देश्य धारणीय आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप स्तर पर वर्ष 2045 तक जनसंख्या स्थिर करना हो.
जनसंख्या स्थिर कोष का सामान्य निकाय केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में कार्य करता है और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, विद्यालय शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, महिला एवं बाल विभाग, योजना आयोग, ग्रामीण विकास मंत्रालयों के सचिव, राज्य स्वास्थ्य सचिव जे.एस.के. के सामान्य निकाय के सदस्य हैं. इसके अतिरिक्त, इसके सामान्य निकाय में जनसाख्यिक, उद्योग और व्यापार गैर-सरकारी संगठनों, चिकित्सा और परिचिकित्सा संघों, आम, नागरिकों, संस्थाओं आदि के प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं जनसंख्या स्थिरता कोष से आशा की जाती है कि वह एक सिविल सोसाइटी के आंदोलन के रूप में कार्य करे.
विदित हो कि भारत विश्व का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है और यहां स्वास्थ्य, परिवार और पोषण से संबंधित कई चुनौतियां हैं. चीन विश्व का पहला सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है.
विश्व के सर्वाधिक जनसंख्या वाले प्रथम दस देशों की सूची
देश | जनसंख्या | क्षेत्रफल(वर्ग किमी) |
चीन | 1,339,190,000 | 9,596,960.00 |
भारत | 1,270,272,105 | 3,287,590.00 |
अमेरिका | 309,975,000 | 9,629,091.00 |
इंडोनेशिया | 234,181,400 | 1,919,440.00 |
ब्राजील | 193,364,000 | 8,511,965.00 |
पाकिस्तान | 170,260,000 | 803,940.00 |
नाइजीरिया | 170,123,000 | 903,768.00 |
बांग्लादेश | 164,425,000 | 144,000.00 |
रूस | 141,927,297 | 17,075200.00 |
जापान | 127,380,000 | 377,835.00 |
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