गुरुवार, 31 जुलाई 2014

UP Budget 2014-15

वित्तीय वर्ष 2014-2015 के बजट अनुमानों
पर माननीय मुख्य मंत्री जी
का बजट भाषण
माननीय अध्यक्ष महोदय,
माह फरवरी, 2014 में मैंने इस सम्मानित सदन के समक्ष वित्तीय वर्ष 2014-2015 का अन्तरिम बजट प्रस्तुत करते हुए वित्तीय वर्ष के प्रथम चार माहों- अप्रैल से जुलाई, 2014 तक की अवधि हेतु वचनबद्ध खर्चों और चालू योजनाओं के लिए लेखानुदान पारित कराया था । अब मैं आपकी अनुमति से वित्तीय वर्ष 2014-2015 का सम्पूर्ण बजट इस सम्मानित सदन के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ ।
मान्यवर,
उदारीकरण के बाद से भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से औद्योगीकरण पर आधारित रहने लगी और कृषि क्षेत्र को प्रमुख आर्थिक क्षेत्र के बजाय सहयोगी आर्थिक क्षेत्र मान लिया गया । इससे कृषि और ग्रामीण क्षेत्र धीरे-धीरे विकास की मुख्यधारा से कटते जा रहे हैं । इसके फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा, शिक्षा, रोजगार और अन्य नागरिक सुविधाओं का विकास आजादी के 60 वर्षांे बाद भी आबादी की मांग व हमारी सोच के अनुरूप नहीं हो पाया। जोतों के विभाजन और अलाभकारी कृषि तथा गाँवों में निम्न जीवनस्तर के परिणामस्वरूप रोजगार और बेहतर नागरिक सुविधाओं की तलाश में ग्रामीण जनता का शहरों की तरफ पलायन हो रहा है जो शुभ संकेत नहीं है।
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महोदय,
दो तरह की चुनौतियां सरकार के सामने मौजूद हैं-प्रथम यह कि शहरी क्षेत्रों में बढ़ती जनसंख्या को सुचारू जीवन प्रदान करना जिसमें जनता को सुरक्षा, रोजगार, बिजली, पानी, अस्पताल, स्कूल, सड़क और सार्वजनिक परिवहन प्रणाली सुलभ रहे, दूसरा यह कि ग्रामीण क्षेत्र में कृषि को लाभकारी बनाया जाय और ग्रामीण जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार के लिये मूलभूत सुविधायें विकसित की जायें जिससे ग्रामीण क्षेत्र में भी उच्च स्तर की सड़कें, पानी, बिजली, सुरक्षा, शिक्षा व चिकित्सा की सुविधायें सुलभ हों। हमारी सरकार इन चुनौतियों के प्रति पूर्णतया सजग है।
मान्यवर,
बजट केवल एक दस्तावेज या आमदनी और खर्चे का लेखा-जोखा नहीं बल्कि सामाजिक एवं आर्थिक विकास और परिवर्तन का एक सशक्त माध्यम है । हमारा यह बजट एक साधारण बजट न होकर नई आशा और प्रतिबद्धता का बजट है ।
इस बजट में समाज के हर वर्ग के लिये आशा और प्रतिबद्धता का संदेश है । उस रिक्शा चालक के लिये है, जो शहर में शरीर को झुलसा देने वाली धूप में रिक्शा चलाने के लिए मजबूर है । उस छोटे किसान के लिए है जो कड़ी धूप में बैलों की मदद से अपना खेत जोतता है, हमारे नौजवानों के लिये है जिनके बेहतर रोजगार के लिए उनके कौशल (ैापसस) का विकास होना है, अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़े वर्ग के लिये जिन्हें सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति की राह पर तेजी से
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ले जाकर उन्हें विकास की मुख्य धारा से जोड़ना है, महिलाओं को आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिये तथा उद्यमियों के लिए ताकि वे प्रदेश में अधिक से अधिक उद्योग स्थापित करें और रोजगार के अवसर सृजित हों । अल्पसंख्यकों के कल्याण, सामाजिक सुरक्षा और विकास की योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है ।
मान्यवर,
मैं आज इस सम्मानित सदन के माध्यम से प्रदेश की जनता का आह्वाहन करता हूँ कि आइये हम सब मिलकर अविलम्ब गरीबी, कुपोषण, अशिक्षा, बेरोजगारी जैसे अभिशापों को जड़ से समाप्त करने का संकल्प लें । हम यह संकल्प भी लें कि हम पर्यावरण को संरक्षित करने और प्रदूषण पर नियंत्रण के लिये अपना भरपूर योगदान देंगे । हमारा आने वाला कल वर्तमान में हमारी सोच, हमारे विश्वास, हमारी दृष्टि और हमारी कर्मठता पर निर्भर होगा। हमें आज यह प्रण लेना है कि हमें प्रदेश और समाज के विकास के पथ पर मन्थर गति से चलने के बजाय तीव्र गति से दौड़ना है ।
मैं यह विश्वास दिलाता हूँ कि हमारी सरकार जनता के साथ इस प्रयास में बराबर की सहभागी रहेगी और जनता को हर संभव सहायता और प्रोत्साहन प्रदान करेगी । विकास कीे इस दौड़ में आने वाली तमाम बाधाओं और रूकावटों को दूर करने में हम जनता के सहयोग की भी अपेक्षा करते हैं।
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मान्यवर,
मैं इस सदन के सम्मानित सदस्यों के माध्यम से जनता तक यह संदेश पहुंचाना चाहता हूँ कि हमारे लिये यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि हमें अपने आने वाले कल का निर्माण करने के लिये निर्णय लेने का आज उपयुक्त अवसर है ।
मैं जनता से यह भी कहना चाहता हूँ कि मुझे हर उस व्यक्ति पर पूर्ण विश्वास है जिसकी आखों में बेहतर कल के लिए एक सपना है । हम इस सपने को साथ मिलकर पूरा करेंगे ऐसा मेरा दृढ़ विश्वास है ।
मान्यवर,
हमारी सरकार ने अपने कार्यकाल के पिछले दो वर्षों में जनता के हित में तेज गति के साथ प्रदेश को विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाने का अथक एवं सार्थक प्रयास किया है । इसी का परिणाम रहा है कि विगत दो वर्षों में प्रदेश के आर्थिक विकास की दर देश की आर्थिक विकास दर से अधिक रही है।
हमारी सरकार ने अपने सीमित संसाधनों के बावजूद अनेक नई एवं महत्वाकांक्षी योजनायें आरम्भ की हैं । हमने प्रदेश के विकास के लिए एजेण्डा तैयार किया है जिसमें औद्योगिक निवेश हेतु अनुकूल वातावरण सृजित कर निजी निवेश आकर्षित करने, किसानों की आय बढ़ाने हेतु कृषि एवं सिंचाई क्षेत्र के विकास, सड़कों का विकास, ऊर्जा क्षेत्र में सुधार, सभी वर्गों के सामाजिक-आर्थिक विकास हेतु शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, श्रमिकों, युवाओं का उत्थान एवं
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कौशल विकास, ग्राम्य तथा नगरीय विकास की योजनाओं के साथ-साथ प्रशासन तंत्र को कुशल एवं प्रभावी बनाने के प्रयास शामिल हैं ।
उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 20 करोड़ है जिसमें से साढ़े पन्द्रह करोड़ लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। सबसे पहले कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिये कृषि नीति, 2013 का प्रभावी कार्यान्वयन करते हुये उत्पादकता में वृद्धि के लिये आवश्यक व्यवस्थायें की गयी हंै। खेती के अलावा डेयरी, कुक्कुट पालन एवं मत्स्य पालन के व्यवसायों को भी बढ़ावा देने की योजनायें बनायी गयी हैं ।
मुझे यह बताते हुये अपार हर्ष है कि प्रदेश में अवस्थापना और औद्योगिक क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से 12 जून, 2014 को नई दिल्ली में ”निवेशक सम्मेलन“ आयोजित किया गया जिसमें देश विदेश की लगभग 150 कम्पनियों द्वारा भाग लिया गया । यह सम्मेलन अत्यन्त सफल रहा और 23 कम्पनियों ने लगभग 54,606 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये । यह समझौता ज्ञापन खाद्य प्रसंस्करण, विनिर्माण, सौर ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूर संचार आदि विभिन्न क्षेत्रों से सम्बन्धित हैं। इस सम्मेलन में कनाडा, नीदरलैण्ड, तुर्की, पोलैण्ड, इटली और ताइपे देशों के राजनयिकों द्वारा भी भाग लिया गया और प्रदेश में निवेश की सम्भावनाओं को खोजने हेतु बातचीत की। इस प्रकार सरकार द्वारा निवेशकों के साथ सीधा संवाद स्थापित कर प्रदेश में निवेश
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की नई सम्भावनाओं को सृजित करने का प्रयास किया जा रहा है।
कानून व्यवस्था सभ्य समाज के विकास की आधारशिला है । बिना मजबूत कानून व्यवस्था और समाज में शान्ति और न्याय के शासन के किसी भी क्षेत्र में विकास सम्भव नहीं है। उत्तर प्रदेश जनसंख्या के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य है और दूसरे राज्यों की तुलना में पुलिस बल व संसाधनों की कमी है। प्रदेश को मजबूत कानून व्यवस्था देना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिये पुलिस बल में वृद्धि, संचालन और आधुनिकीकरण हेतु 12,400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
अवस्थापना सुविधाओं में बिजली, सड़क और सिंचाई प्रमुख हंै। बिजली का संकट लगभग सभी प्रदेशों में है। प्रदेश में बिजली की व्यवस्था मजबूत करने के उद्देश्य से बिजली की परियोजनाओं के लिये 23,928 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।
गाँवों में घरों में शौचालय निर्माण हेतु संचालित ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम के अंतर्गत अनुदान मद में लगभग 359 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है । गाँवों में घरों में शौचालयों के निर्माण से ग्रामीण जनता, विशेष रूप से बालिकाओं एवं महिलाओं को अत्यधिक सुविधा मिलेगी।
कुक्कुट विकास नीति, 2013 के अन्तर्गत ब्रायलर पैरेन्ट फार्मिंग की 10 इकाई तथा कामर्शियल लेयर फार्मिंग की 80 इकाई स्थापित किये जाने का लक्ष्य है जिससे लगभग 367 करोड़
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अण्डे तथा 9 से 10 करोड़ किलोग्राम कुक्कुट माँस प्रतिवर्ष उत्पादित होगा ।
मान्यवर,
हमारी सरकार ने सामाजिक सुरक्षा की एक नई महत्वाकांक्षी योजना का सूत्रपात इस बजट के माध्यम से किया है।
समाज के सभी वर्गों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में सही प्रतिनिधित्व देते हुए प्रदेश के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र के ऐसे गरीब परिवार, जिनके पास आय के उपयुक्त साधन उपलब्ध नहीं हैं, के जीवन यापन, आर्थिक व सामाजिक उन्नयन हेतु आर्थिक सहायता दिये जाने के उद््देश्य से ”समाजवादी पेंशन योजना“, वित्तीय वर्ष 2014-2015 से प्रारम्भ की जा रही है ।
इसके अंतर्गत 40 लाख परिवारों के एक-एक लाभार्थी को लाभान्वित कराये जाने का लक्ष्य है । योजना के अन्तर्गत प्रत्येक परिवार के मुखिया को न्यूनतम 500 रुपये प्रति माह से प्रारम्भ कर लाभान्वित परिवार की पेंशन में प्रतिवर्ष 50 रुपये की वृद्धि करते हुये पेंशन की अधिकतम धनराशि 750 रुपये प्रतिमाह तक होगी ।
परिवार की महिला मुखिया को एवं महिला मुखिया के न होने की दशा में परिवार के पुरूष मुखिया को लाभार्थी बनाया जायेगा ।
इस योजना के लिये वित्तीय वर्ष 2014-2015 के बजट में 2,424 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
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मान्यवर,
हमारा यह मानना है कि अवस्थापना सुविधाओं में सुधार के बिना, सर्वांगीण और स्थायी विकास सम्भव नहीं है। यहाँ मैं कुछ चुनिंदा योजनाओं व कार्यक्रमों के बारे में बताना चाहँूगा ।
दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर परियोजना से प्रदेश के 12 जनपदों का 36 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र आच्छादित होगा । इस काॅरीडोर के दोनों तरफ 250 किलोमीटर के क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र एवं परिक्षेत्र विकसित किये जायंेगे ।
ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट काॅरिडोर परियोजना कोलकता से शुरू होकर वाराणसी से उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर पूरे प्रदेश से निकलते हुए अमृतसर तक जायेगी । प्रदेश सरकार ने इस सम्बन्ध में भारत सरकार से प्रयास कर इसके समानान्तर औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने का निर्णय कराया है जिससे पूरे प्रदेश को लाभ मिलेगा।
गाजियाबाद शहर में मेट्रो रेल विस्तार कार्यक्रम के अन्तर्गत 1,838 करोड़ रुपये की लागत से 11.11 किलोमीटर लम्बी मेट्रो रेल परियोजना क्रियान्वित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है ।
लखनऊ में चक गंजरिया फार्म में उपलब्ध कुल 846 एकड़ भूमि में से 320 एकड़ भूमि पर अवस्थापना सुविधाओं यथा-100 एकड़ भूमि पर आई0टी0 सिटी, 50 एकड़ भूमि पर भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, 100 एकड़़ भूमि में विश्व स्तरीय कैंसर संस्थान, मेडीसिटी तथा अन्य चिकित्सा सुविधाएं तथा 20 एकड़ भूमि पर पी0पी0पी0 मोड
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पर सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल/कार्डियोलाॅजी सेन्टर, 20 एकड़ भूमि पर आधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण प्लाण्ट व 25 एकड़ भूमि पर प्रशासनिक प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना किये जाने का निर्णय लिया गया है ।
मान्यवर,
हमारी सरकार द्वारा विकास की योजनाओं का लाभ सभी वर्गों तक पहुँचाने के उद््देश्य से हर क्षेत्र में पारदर्शी व्यवस्था बनाई गई है । इसके अलावा ऐसी नीतियाँ बनाई गई हैं जिनसे विकास योजनाओं को समय से पूरा किया जा सके । निश्चित रूप से इन योजनाओं का लाभ प्रदेश के कमजोर वर्गों, महिलाओं, बच्चों, नौजवानों, अल्पसंख्यकों, श्रमिकों तथा किसानों को मिलेगा और उनकी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में सुधार होगा ।
प्रथम चरण में नौजवानों के भविष्य को संवारने तथा उज्जवल बनाने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने लैपटाप वितरण, बेरोजगारी भत्ता, कन्या विद्याधन आदि कुछ कार्यक्रम शुरू किये थे, जिसका अधिकाधिक लाभ नौजवान युवक-युवतियों को मिला है। अब दूसरे चरण में हमारी सरकार की योजना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से निर्धन बस्तियों में जीवन की आधारभूत तथा मूलभूत सुविधायें मुहैया करायी जाय। इन कार्यक्रमों व अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करने तथा पँूजी निवेश को प्रोत्साहित कर प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिये इस बजट में विशेष प्रावधान किये गये हैं।
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सामान्य आर्थिक परिदृश्य
वर्ष 2013-2014 के अग्रिम अनुमान के अनुसार प्रदेश की विकास दर 5.2 प्रतिशत रही जो देश की विकास दर 4.9 प्रतिशत से अधिक है । वर्ष 2012-2013 में प्रदेश की प्रति-व्यक्ति आय 33,137 रुपये थी, जो वर्ष 2013-2014 में बढ़कर 37,579 रुपये हो गयी है ।
प्रदेश की वार्षिक योजना का आकार वर्ष 2011-2012 में 47,000 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2012-2013 में 23 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 57,800 करोड़ रुपये हो गया । इतना ही नहीं, वर्ष 2013-2014 में प्रदेश की वार्षिक योजना का आकार पुनः 20 प्रतिशत बढ़कर 69,200 करोड़ रुपये हो गया जो देश में किसी भी राज्य के लिये सबसे अधिक था।
अभी केन्द्रीय योजना आयोग के स्तर पर राज्य की 2014-2015 की वार्षिक योजना को अन्तिम रूप नहीं दिया जा सका है। फिर भी वार्षिक योजना की नई वित्त पोषण की व्यवस्था के अन्तर्गत आयोजनागत पक्ष में 95,039 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जिसमें लगभग 75 प्रतिशत राशि कृषि, किसान और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की योजनाओं के लिए हंै ।
मान्यवर,
अब मैं आपकी अनुमति से वित्तीय वर्ष 2014-2015 के बजट की संक्षिप्त रूपरेखा इस सम्मानित सदन के समक्ष रखना चाहूँगा ।
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 वित्तीय वर्ष 2014-2015 के लिये प्रस्तुत बजट का आकार दो लाख चैहत्तर हजार सात सौ चार करोड उनसठ लाख रुपये (2,74,704.59 करोड़ रुपये) है जो वर्ष 2013-2014 के बजट के सापेक्ष 24 प्रतिशत अधिक है ।
 इस आकार के बजट को वित्त पोषित करने हेतु बजट में संसाधनों की समुचित व्यवस्था की गई है, जिसमें प्रदेश के स्वयं के कर राजस्व में वर्ष 2013-2014 की अपेक्षा लगभग 17 प्रतिशत की वृद्धि सम्मिलित है ।
 वर्ष 2014-2015 के बजट में बीस हजार नौ सौ सत्तावन करोड़ सैंतालिस लाख रुपये (20,957.47 करोड़ रुपये) की नई योजनायें सम्मिलित की गई हैं ।
 अवस्थापना सुविधाओं, यथा-सड़क, सेतु, सिंचाई एवं ऊर्जा के विकास, सुदृढ़ीकरण एवं रख-रखाव की योजनाओं के लिये उनचास हजार एक सौ आठ करोड़ रुपये (49,108 करोड़ रुपये) की व्यवस्था की गई है जो वर्ष 2013-2014 से लगभग 82 प्रतिशत अधिक है ।
 त्वरित आर्थिक विकास कार्यक्रमों के लिए 1,000 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
 कृषि एवं सम्बद्ध सेवाओं के लिये सात हजार छः सौ पच्चीस करोड़ रुपये (7,625 करोड़
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रुपये) की व्यवस्था की गयी है जो वर्ष 2013-2014 से 15 प्रतिशत अधिक है।
 शिक्षा के विस्तार एवं गुणवत्ता में सुधार की योजनाओं के लिये इकतालिस हजार पाँच सौ अड़तीस करोड़ रुपये (41,538 करोड़ रुपये) की व्यवस्था की गयी है जो वर्ष 2013-2014 से 15 प्रतिशत अधिक है।
 चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार एवं विस्तार हेतु चैदह हजार तीन सौ सतहत्तर करोड़ रुपये (14,377 करोड़ रुपये) की व्यवस्था की गई है जो वर्ष 2013-2014 की तुलना में लगभग 34 प्रतिशत अधिक है ।
 अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, विकलांग, अल्पसंख्यक तथा सामान्य वर्ग के गरीब व्यक्तियों के कल्याण की योजनाओं के लिये पच्चीस हजार पाँच सौ बाईस करोड़ रुपये (25,522 करोड़ रुपये) की व्यवस्था की गयी है, जो वर्ष 2013-2014 की तुलना में लगभग 26 प्रतिशत अधिक है ।
राजकोषीय परिदृश्य
 राज्य सरकार द्वारा वित्तीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबन्धन अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है । राज्य लगातार राजस्व बचत की स्थिति में है । राजकोषीय घाटा सकल घरेलू राज्य उत्पाद का 2.97 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है। इसी प्रकार राज्य की ऋणग्रस्तता भी वर्ष 2014-2015 में
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निर्धारित सीमा (सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 41.9 प्रतिशत) से काफी कम (27.8 प्रतिशत) अनुमानित है। राज्य सरकार द्वारा ऋण लेने की निर्धारित सीमा के अन्दर ही ऋण लिया जाना प्रस्तावित है। इन्हीं सभी प्रयासों का परिणाम है कि राज्य लगातार राजकोषीय स्थायित्व बनाए रखने में सफल रहा है।
मान्यवर,
विभागवार बजट प्रस्तावों को प्रस्तुत करने के पूर्व मैं, बजट में सम्मिलित कतिपय महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और योजनाओं के बारे में इस सम्मानित सदन को बताना चाहूँगा ।
किसानों के लिए
 सहकारी चीनी मिल संघ की सदस्य मिलों पर गन्ना किसानों के बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान हेतु 400 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
 प्रदेश में गन्ने की औसत उपज एवं चीनी परता में वृद्धि किये जाने के उद्देश्य से चार वर्षांे में सम्पूर्ण बीज बदलाव का कार्यक्रम बनाया गया है जिसमें लगभग 350 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय होने का अनुमान है ।
 सहकारी गन्ना समितियों को सोसाइटी कमीशन की प्रतिपूर्ति हेतु 252 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
 नेशनल क्राॅप इन्श्योरेन्स योजना हेतु 95 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
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 भूमि सेना योजना के लिये 100 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
 विगत कई वर्षों के बाद किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है । वर्ष 2012-2013 में कुल 85 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण के लक्ष्य के सापेक्ष 104 लाख मीट्रिक टन तथा वर्ष 2013-2014 में 83 लाख मीट्रिक टन के लक्ष्य के सापेक्ष 101 लाख मीट्रिक टन की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी ।
 रसायनिक उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण के लिये 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है ।
 वर्ष 2014-2015 में 90 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें खरीफ के अन्तर्गत 36 लाख मीट्रिक टन एवं रबी के अन्तर्गत 53 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण किये जाने का लक्ष्य है ।
ग्रामीण क्षेत्रों का विकास
 प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों के लिये 2593 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। योजना के द्वितीय चरण के अन्तर्गत प्रदेश के 3000 किलोमीटर मार्गों के उच्चीकरण का लक्ष्य है ।
 लखनऊ से आगरा तक 6 लेन के लगभग 300 कि0मी0 लम्बे एक्सप्रेस वे का निर्माण कराने की योजना पर कार्यवाही गतिमान है ।
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योजना हेतु 3280 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
 लोहिया ग्रामीण आवास योजना के अन्तर्गत 1500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
 डाॅ0 राम मनोहर लोहिया योजना के अन्तर्गत चयनित ग्रामों की अनजुड़ी बसावटों में संपर्क मार्गों के निर्माण एवं पुनर्निर्माण हेतु 800 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
 इन्दिरा आवास योजना हेतु 1,800 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
 सी0सी0 रोड एवं के0सी0 ड्रेन तथा इण्टर लाॅकिंग टाइल्स हेतु 487 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
 श्री रामशरण दास ग्राम सड़क योजना में संपर्क मार्गों के निर्माण हेतु 50 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
 ग्रामीण पेयजल हेतु 1598 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
विशेष क्षेत्र कार्यक्रम
 विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के अन्तर्गत पूर्वांचल की विशेष परियोजनाओं हेतु 291 करोड़ रुपये तथा बुन्देलखण्ड की विशेष योजनाओं के लिये 758 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है । इस योजना के अन्तर्गत पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड के पिछड़े क्षेत्रों के विकास हेतु
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सिंचाई कार्यों, मार्र्गाें/सेतुओं का निर्माण, जलापूर्ति एवं अन्य विभिन्न कार्य आवश्यकतानुसार कराये जाते हैं।
 बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 07 जनपदों यथा-झांसी, ललितपुर, जालौन, महोबा, हमीरपुर, बाँदा तथा चित्रकूट में सूखा राहत के लिये मल्टी सेक्टोरल एप्रोच के आधार पर कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं ।
 क्षेत्र में सूखे की समस्या के निदान हेतु जल प्रबन्धन तथा विकास कार्यों को त्वरित गति से क्रियान्वित करने हेतु त्वरित आर्थिक विकास योजना संचालित है। योजना के अन्तर्गत सड़क, पुल, पेयजल तथा स्वच्छता, विद्युत व्यवस्था, आदि को प्राथमिकता दी जायेगी।
शहरी क्षेत्रों का विकास
 राज्य वित्त आयोग की संस्तुति के अन्तर्गत प्रदेश की समस्त नगरीय निकायों के लिये 6,648 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
 तेरहवें वित्त आयोग की संस्तुतियों के अन्तर्गत प्रदेश की समस्त नागर स्थानीय निकायों के विकास के लिए 909 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
 नागर स्थानीय निकायों को उनके क्षेत्रान्तर्गत अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं तात्कालिक आवश्यकता के कार्यों हेतु उनकी मांग पर ब्याज रहित ऋण के रूप में धनराशि स्वीकृत किये जाने
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की नया सवेरा नगर विकास योजना हेतु वर्ष 2014-2015 में 900 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
 आदर्श नगर योजना के अन्तर्गत 150 करोड़ रुपये, नगरीय सीवरेज योजना हेतु 75 करोड़ रुपये, नगरीय पेयजल कार्यक्रम के लिए 150 करोड़ रुपये, नगरीय सड़क सुधार योजना के लिए 100 करोड़ रुपये तथा नगरीय जल निकासी योजना के लिए 75 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
 लखनऊ नगर के लिए मेट्रो रेल के संचालन हेतु लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड का गठन किया जा चुका है । परियोजना के त्वरित क्रियान्वयन हेतु अग्रतर कार्यवाही की जा रही है । मेट्रो रेल परियोजना को गति प्रदान करने हेतु 95 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
कमजोर वर्गों के लिए
 वृद्धावस्था/किसान पेंशन योजना हेतु 1,613 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
 राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना हेतु 419 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
 निराश्रित विधवाओं के भरण पोषण तथा उनके बच्चों को शिक्षा आदि की व्यवस्था हेतु रुपये 607 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है।
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 नेत्रहीन, मूक बधिर एवं शारिरिक रूप से विकलांगों को उनके भरण पोषण हेतु 316 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
 विकलांग बच्चों की समेकित शिक्षा योजना के लिये 105 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
शहरी गरीबों के लिये
 मेहनतकशों, जिनकी आय रुपये 200 प्रतिदिन की दैनिक आय सीमा तक है, को आसरा योजना के अन्तर्गत निःशुल्क आवास उपलब्ध कराये जाने की योजना संचालित है।
इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2013-2014 में 22 जनपदों में स्वीकृत 8,076 आवासों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। वित्तीय वर्ष 2014-2015 के बजट में योजना में रुपये 335 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है, जिससे लगभग 8,500 आवासों के निर्माण का लक्ष्य है।
 नगरीय क्षेत्रों में अल्पसंख्यक बाहुल्य बस्तियों एवं अन्य मलिन बस्तियों में, जहाँ सड़कों और मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, में इण्टरलाकिंग सड़क, नाली निर्माण, जल निकासी इत्यादि मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के सृजन हेतु 375 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
 प्रदेश के रिक्शा चालकों को निःशुल्क मोटर/बैटरी/सौर ऊर्जा चालित अत्याधुनिक
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रिक्शा दिये जाने की योजना हेतु 300 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है जिससे लगभग 60 हजार रिक्शा चालक लाभान्वित होगें।
 शहरों को स्लम मुक्त करने की राजीव आवास योजना जो प्रदेश के 21 शहरों में संचालित है, हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
अधिवक्ताओं के लिए
 अधिवक्ताओं के कल्याणार्थ वित्तीय वर्ष 2014-2015 में 40 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रस्ताव है ।
कानून व्यवस्था
प्रदेश में जनसामान्य को सुरक्षा प्रदान करने हेतु पुलिस द्वारा कठोर प्रयास किये जा रहे हैं, जिसके फलस्वरूप कानून व्यवस्था की स्थिति सुदृढ़ है ।
महिलाओं के उत्पीड़न की रोकथाम के लिये हेल्पलाईन 1090 की शुरूआत की गई है, जिस पर तत्काल मदद उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था है । महिलाओं के विरूद्ध घटित हिंसा की घटनाओं की रोकथाम के उद््देश्य से दण्ड विधि (संशोधन) अधिनियम-2013 लागू किया गया है, जिसमें विशेष रूप से प्रत्येक थाने में एक महिला पुलिस अधिकारी/पुलिस कर्मी हमेशा उपलब्ध रहने की व्यवस्था की गयी है । पुलिस महानिदेशक कार्यालय में एक वरिष्ठ महिला अधिकारी के अधीन विशेष
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प्रकोष्ठ व प्रत्येक जिलों में इसी प्रकार एक प्रकोष्ठ की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
बच्चों के अधिकार, देख-रेख एवं संरक्षण के सम्बन्ध में प्रत्येक थाने में बाल कल्याण अधिकारी एवं विशेष किशोर पुलिस इकाई का गठन किया गया है ।
प्रदेश के सभी जनपदों में सड़क दुर्घटनाओं आदि की सूचना देने हेतु स्थापित टोल फ्री ट्रैफिक हेल्पलाईन के टेलीफोन नम्बर 1073 को क्रियाशील कर दिया गया है तथा उसे मोबाइल सेवा से जोड़ने की कार्यवाही गतिमान है ।
सभी जनपदों में साइबर क्राइम यूनिट का गठन किया गया है । वर्तमान में साइबर क्राइम के सम्बन्ध में 138 पुलिस उपाधीक्षकों/उपनिरीक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है ।
पुलिस बल के आधुनिकीकरण जिसमें आवासीय एवं अनावासीय भवनों का निर्माण तथा उपकरणों एवं वाहनों का क्रय सम्मिलित है, के लिये 745 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
कृषि
बारहवीं पंचवर्षीय योजना में कृषि क्षेत्र की विकास दर 5.1 प्रतिशत प्राप्त करने का लक्ष्य है । उक्त लक्ष्य को प्राप्त किये जाने हेतु वर्ष 2014-2015 में खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य 594 लाख मीट्रिक टन एवं तिलहन उत्पादन का लक्ष्य 12 लाख मीट्रिक टन रखा गया है ।
वर्ष 2014-2015 में 61 लाख कुन्तल बीज वितरण का लक्ष्य है जिसमें खरीफ के अन्तर्गत 10
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लाख कुन्तल एवं रबी के अन्तर्गत 51 लाख कुन्तल है तथा बीज प्रतिस्थापन दर लगभग 39 प्रतिशत प्राप्त करने का लक्ष्य है ।
नेशनल फूड सेक्योरिटी मिशन योजना के लिये लगभग 178 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
उत्तर प्रदेश सोडिक भूमि सुधार परियोजना तृतीय हेतु 200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है ।
कृषि विपणन यार्ड के निर्माण एवं विकास के लिये 88 करोड़ रुपये तथा सहकारी समितियों के माध्यम से अतिरिक्त भण्डारण क्षमता के विकास हेतु 70 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है ।
प्रमाणित बीजों के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु अनुदान के लिये 81 करोड़ रुपये, संकर बीजों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये 35 करोड़ रुपये तथा संकर मक्का बीज प्रोत्साहन योजना के लिये 25 करोड़ रुपये की सब्सिडी की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान को बढ़ावा दिये जाने के उद््देश्य से प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में भौतिक एवं तकनीकी अवसंरचना के सुदृढ़ीकरण एवं संवर्धन हेतु 227 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग
इस पेराई सत्र में प्रदेश में चीनी मिलों द्वारा 6,978 लाख कुन्तल गन्ने की पेराई कर 647 लाख कुन्तल चीनी का उत्पादन किया गया है और गन्ना
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किसानों को 11,668 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जा चुका है । पेराई सत्र 2012-2013 के देय गन्ना मूल्य के भुगतान में सहकारी क्षेत्र की मिलों का शत-प्रतिशत तथा निजी क्षेत्र की मिलों का 99.8 प्रतिशत भुगतान कराया जा चुका है ।
चीनी मिल क्षेत्रों में विपणन सुविधाओं के विकास हेतु अन्तग्र्रामीण सड़कों का निर्माण कराये जाने के निमित्त लगभग 37 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है तथा पूर्व निर्मित सम्पर्क मार्गों के सुदृढ़ीकरण के लिये 17 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
चीनी उद्योग आसवनी एवं को-जेनरेशन प्रोत्साहन नीति, 2013 के अन्तर्गत जनपद शाहजहाँपुर और जौनपुर में नई चीनी मिलों की स्थापना की कार्यवाही चल रही है।
ग्राम्य विकास
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बेराजगारी की समस्या को कम करने के साथ-साथ अवस्थापना सुविधाओं को सुदृृढ़ करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है ।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के अन्तर्गत वर्ष 2014-2015 में लगभग 41 लाख परिवारों को 2018 लाख मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य है ।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन प्रदेश के 22 जिलों के 22 विकासखण्डों में इन्टेन्सिव रूप से तथा
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शेष 800 विकास खण्डों में नाॅन इन्टेन्सिव रूप से संचालित की जा रही है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत वर्ष 2014-2015 में 500 या उससे अधिक आबादी वर्ग की सभी जुड़ सकने योग्य बसावटों और सोनभद्र, चन्दौली, मिर्जापुर में 250 से अधिक आबादी वर्ग की सभी बसावटों को पक्की सड़कों से जोड़े जाने का लक्ष्य है ।
पंचायती राज
तेरहवें वित्त आयोग की संस्तुतियों के अनुसार जिला पंचायतों को सहायता प्रदान किये जाने हेतु अनुदान के लिये 666 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है । ब्लाॅक पंचायतों के लिये 333 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है । ग्राम पंचायतों को अनुदान हेतु 2,332 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
राज्य वित्त आयोग की संस्तुति के अन्तर्गत प्रदेश की पंचायती राज संस्थाओं के लिये 4,390 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है।
पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि से पोषित कार्यक्रमों के लिये 853 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
ग्रामीण क्षेत्रों में अन्त्येष्टि स्थलों के विकास हेतु 100 करोड़ रुपये की नई योजना प्रस्तावित है ।
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सहकारिता
अधिकोषण योजना के अन्तर्गत गैर लाईसेंस प्राप्त जिला सहकारी बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक से बैंकिंग लाईसेंस प्राप्त किये जाने हेतु सहायतार्थ 610 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
प्रारम्भिक सहकारी कृषि ऋण समितियों के माध्यम से कृषकों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराये जाने हेतु समितियों को अनुदान के लिये 50 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
कृषि ऋण राहत योजना के अंतर्गत 129 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
दुग्ध विकास
उत्तर प्रदेश वर्ष 2013-2014 में 242 लाख मी0 टन दुग्ध उत्पादन के साथ देश में प्रथम स्थान पर रहा । वर्ष 2014-2015 में दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य 300 लाख मी0 टन है ।
लखनऊ में 05 लाख लीटर, कानपुर में 10 लाख लीटर, वाराणसी में 05 लाख लीटर तथा इटावा में 05 लाख लीटर दैनिक दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता के डेरी प्लाण्टों की स्थापना का लक्ष्य है।
“ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध विकास कार्यक्रमों हेतु अवस्थापना सुविधा” योजनान्तर्गत बल्क मिल्क कूलर एवं आटोमैटिक मिल्क कलेक्शन यूनिटों की स्थापना की जा रही है ।
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मत्स्य
हमारी सरकार द्वारा मत्स्य पालन व्यवसाय को कृषि का दर्जा दिये जाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है । इससे मत्स्य पालन में पँूजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा तथा जल संसाधनों के उपयोग, बीमा सुरक्षा, विपणन आदि में कृषि की भाँति प्रोत्साहन प्राप्त होगा ।
सक्रिय मत्स्य पालकों के आवास विहीन 1,600 परिवारों के लिये निःशुल्क आवास उपलब्ध कराये जाने की योजना के अन्तर्गत प्रति आवास हेतु राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता की राशि को 75,000 रुपये प्रति आवास से बढ़ाकर लोहिया आवास की भाँति 1 लाख 60 हजार रुपये कर दिया गया है।
सिंचाई
सिंचाई और बाढ़ की योजनाओं के लिये 7,587 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
लघु, मध्यम तथा मुख्य सिंचाई की कई नई योजनायें प्रस्तावित हैं जिनके लिये 1323 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है जिसमें बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकासी की नयी योजनाओं के लिये 389 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
डाॅ0 राममनोहर लोहिया नवीन राजकीय नलकूप निर्माण परियोजना, डाॅ0 राममनोहर लोहिया राजकीय नलकूप आधुनिकीकरण परियोजना तथा डाॅ राम मनोहर लोहिया नलकूप पुनर्निर्माण योजना हेतु 356 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
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वाराणसी के तीन घाटों मालवीय घाट, राज नारायण घाट एवं लोहिया घाट के निर्माण हेतु 30 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
लघु सिंचाई
वर्तमान में प्रदेश का लगभग 77.98 प्रतिशत सिंचित क्षेत्र लघु सिंचाई साधनों से सिंचित है ।
वर्ष 2014-2015 में लघु सिंचाई की विभिन्न योजनाओं के लियेे 338 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है, जिससे लगभग 1.98 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन किये जाने का लक्ष्य है ।
सामुदायिक ब्लास्ट वेल के निर्माण हेतु 89 करोड़ रुपये, चेक डैमों के निर्माण के लिये 80 करोड़ रुपये तथा मध्यम गहरे नलकूपों के निर्माण हेतु 69 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
ऊर्जा
वर्तमान सरकार ने वर्ष 2012 में कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात् विद्युत के क्षेत्र में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने तथा प्रदेश की जनता को आवश्यकता के अनुसार विद्युत उपलब्ध कराने की दिशा में युद्ध स्तर पर कार्य किया है । प्रदेश में अभी भी विद्युत की मांग एवं आपूर्ति में लगभग 2,000 मेगावॅाट का अन्तर है । इस अन्तर को समाप्त करने तथा भविष्य में विद्युत की मांग में होने वाली वृद्धि के लिये आवश्यक विद्युत व्यवस्था हेतु अनेकों कदम उठाये गये हैं ।
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वर्ष 2016-2017 से ग्रामीण क्षेत्रों को 18 घण्टे तथा शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टे बिजली उपलब्ध कराये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिये आवश्यक पारेषण एवं वितरण लाइनों का निर्माण किया जायेगा । इन कार्यों पर लगभग 22,000 करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित है ।
सार्वजनिक क्षेत्र में स्थापित की जा रही अनपरा ‘डी‘ तापीय परियोजना जिसकी क्षमता 1,000 मेगावाट है वर्ष 2014 में पूर्ण हो जायेगी तथा इससे विद्युत प्राप्त होने लगेगी ।
बारा, इलाहाबाद में स्थापित की जा रही 1,980 मेगावाट क्षमता की तापीय परियोजना भी लगभग पूर्ण है । इस परियेाजना की प्रथम इकाई से नवम्बर, 2014 तक तथा शेष 2 इकाईयों से जून, 2015 तक विद्युत उत्पादन प्रारम्भ हो जायेगा ।
ललितपुर में स्थापित की जा रही 1,980 मेगावाट क्षमता की परियोजना का कार्य भी दिसम्बर, 2014 तक पूर्ण हो जायेगा । परियेाजना की प्रथम इकाई से दिसम्बर, 2014 तक तथा दूसरी इकाई से जून, 2015 तक विद्युत उत्पादन प्रारम्भ हो जायेगा ।
एन0टी0पी0सी0 के साथ संयुक्त उपक्रम के अन्तर्गत स्थापित की जा रही 1,320 मेगावाट क्षमता की मेजा तापीय परियोजना से वर्ष 2016 में 916 मेगावाट बिजली प्रदेश को मिलने लगेगी ।
प्रदेश में गैर विद्युतीकृत लगभग 1,34,000 मजरों के विद्युतीकरण का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है तथा इसके लिये 7,282 करोड़ रुपये की
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योजनायें स्वीकृत हो चुकी हैं । यह कार्य अगले 2 वर्ष में पूर्ण कर लिया जायेगा ।
ग्रामीण क्षेत्रों में निजी नलकूपों के ऊर्जीकरण के लिये किसानों को एक वर्ष से अधिक इन्तजार करना पड़ता है। योजना बनाई जा रही है कि पूर्व से लम्बित सभी नलकूपों का ऊर्जीकरण तत्काल कर दिया जाय एवं भविष्य में भी किसानों द्वारा आवेदन करने पर नलकूपों का ऊर्जीकरण बिना किसी विलम्ब के हो सके ।
अतिरिक्त ऊर्जा
हमारी सरकार ने चीनी उद्योग आसवनी एवं को-जेनरेशन प्रोत्साहन नीति, 2013 प्रख्यापित की जिसमें बगास से संचालित को-जेनरेशन इकाईयों की स्थापना पर विशेष बल दिया जा रहा है जिससे को-जेनरेशन संयंत्रों की वर्तमान स्थापित क्षमता को बढ़ाकर 1,500 मेगावाॅट किये जाने की योजना है।
प्रदेश में विद्युत उत्पादन एवं आपूर्ति के अन्तर के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा सौर ऊर्जा नीति-2013 प्रख्यापित की गयी है । इस नीति के अनुसार मार्च 2017 तक 500 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा विद्युत उत्पादन परियोजनाओं की स्थापना का लक्ष्य है ।
व्यक्तिगत, संस्थागत तथा सरकारी भवनों में रूफटाॅप सोलर पाॅवर प्लाण्ट की स्थापना हेतु रूफटाॅप सोलर पाॅवर प्लाण्ट नीति 2014-2015 बनायी जा रही है ।
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सड़क एवं यातायात
प्रदेश में सड़कों, पुलों और सम्पर्क मार्गों के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 15,100 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
सड़कों के अनुरक्षण कार्यों के लिये 2,492 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
जिला मुख्यालयों को 04 लेन से मार्ग से जोड़ा जाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता का कार्यक्रम है । इसके अन्तर्गत 14 जिला मुख्यालयों को 04 लेन से जोड़ने हेतु मार्गो का निर्माण किया जाना है। अब तक 09 जनपदों हेतु कार्यों की स्वीकृति निर्गत करा दी गई है तथा मार्ग निर्माणाधीन हैं। वर्ष 2014-2015 में जिला मुख्यालयों को 04 लेन से जोड़े जाने हेतु 655 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है।
वर्तमान में लगभग 2,100 किलोमीटर राज्य मार्ग सिंगल लेन के हैं, जिसमें से लगभग 1,550 किलोमीटर राज्य मार्गो के चैड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण का कार्य प्रगति में है। वर्ष 2014-2015 में 100 किलोमीटर राज्य मार्गो को दो लेन चैड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण किया जायेगा । राज्य राजमार्गो के चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 667 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
वित्तीय वर्ष 2014-2015 में प्रदेश में 500 से अधिक आबादी की समस्त अवशेष अनजुड़ी बसावटें, जो प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कोर नेटवर्क में सम्मिलित नहीं हैं, को पक्के सम्पर्क मार्गों से जोड़े जाने की योजना है ।
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ग्रामीण अंचलों में पुलों के निर्माण हेतु 1,084 करोड़ रुपये तथा रेलवे उपरिगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 465 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
भारत-नेपाल सीमावर्ती जिलों में सड़कों के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 765 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
आवास एवं शहरी नियोजन
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के सन्तुलित, सुनियोजित एवं सुस्थिर विकास तथा समाज के समस्त वर्गों को उनकी आर्थिक क्षमतानुसार विकसित भूमि, आवास, रोजगार के अवसर एवं स्वच्छ पर्यावरण आदि उपलब्ध कराये जाने के उद््देश्य से ‘राज्य शहरी आवास एवं पर्यावास नीति-2014‘ निर्गत की गयी है ।
प्रदेश की तीव्र गति से बढ़ रही नगरीय जनसंख्या को ध्यान में रखते हुये ‘सबके लिए आवास योजना‘ के अन्तर्गत 52,000 आवासीय भवन एवं भूखण्ड उपलब्ध कराने का लक्ष्य है ।
लखनऊ विकास क्षेत्र एवं प्रदेश के समस्त विकास क्षेत्रों एवं नगर क्षेत्रों में अवस्थापना विकास हेतु 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
लखनऊ में जय प्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
नगरीय परिवहन परियोजना के अन्तर्गत गठित होने वाले डेडिकेटेड अरबन ट्रांसपोर्ट फण्ड की स्थापना हेतु 225 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है ।
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शहरी क्षेत्रों में अन्त्येष्टि स्थलों के विकास हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
आगरा पेयजलापूर्ति परियोजना हेतु वित्तीय वर्ष 2014-2015 में 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
जे0एन0एन0यू0आर0एम0 कार्यक्रम के यू0आई0जी0 (न्ण्प्ण्ळण्) एवं यू0आई0डी0एस0एस0 एम0टी0 (न्ण्प्ण्क्ण्ैण्ैण्डण्ज्ण्) कार्यांशों हेतु क्रमशः 800 करोड़ रुपये तथा 1,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
नदी प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रम में अन्तर्गत प्रदेश की नदियों गंगा, यमुना तथा गोमती के तट पर स्थित नगरों में नदी प्रदूषण नियंत्रण के कार्यों की बजट व्यवस्था हेतु 83 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
‘झील संरक्षण योजना‘ हेतु 66 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास
प्रदेश में औद्योगिक एवं अवस्थापना विकास को गति प्रदान करने, वर्तमान योजनाओं का लाभ जन-जन तक सुलभ कराने और उद्यम स्थापना एवं क्रियान्वयन संबंधी समस्याओं के निराकरण हेतु अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-2012 लागू की गयी है ।
उ0प्र0 के सभी क्षेत्रों में सामान्य रूप से और विशेष रूप से पिछड़े क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश अवस्थापना विकास कोष का गठन किया गया है ।
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सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन
प्रदेश सरकार की प्रोत्साहन नीति के फलस्वरूप, वर्ष 2013-2014 में 45,164 सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों की स्थापना हुई है, जिसमें लगभग 3,042 करोड़ रुपये का पूँजी निवेश हुआ तथा लगभग 4,81,000 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध हुआ ।
लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन की नयी योजनाओं के लिये लगभग 73 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है ।
हथकरघा वस्त्रोद्योग
वाराणसी और आगरा में बुनकर बाजारों की स्थापना के लिये 15 करोड़ रुपये की नयी योजना प्रस्तावित है ।
सरकार द्वारा बुनकरों के स्वास्थ्य के लिये आई0सी0आई0सी0आई0 (प्ण्ब्ण्प्ण्ब्ण्प्ण्) लोम्बार्ड बीमा कम्पनी के माध्यम से प्रदेश में स्वास्थ्य बीमा योजना चलाई जा रही है ।
खादी एवं ग्रामोद्योग
प्रत्येक न्याय पंचायत में एक खादी ग्रामोद्योग इकाई की स्थापना करने के उददेश्य से वर्ष 2014-2015 में 375 करोड़ रुपये संस्थागत पूॅंजीनिवेश से 7,500 इकाईयों की स्थापना का लक्ष्य है ।
इसके अतिरिक्त, अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के लिए 425 इकाईयों की स्थापना का
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लक्ष्य है, जिससे 10,200 लाभार्थियों को स्वरोजगार के अवसर सुलभ होंगे ।
सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्राॅनिक्स
प्रदेश में आई0टी0 (प्ण्ज्ण्)/आई0टी0ई0एस0 (प्ण्ज्ण्म्ण्ैण्) उद्योगों की स्थापना एवं विकास के दृष्टिगत सरकार द्वारा आई0टी0 नीति 2012 घोषित की गयी है। आई0टी0 नीति 2012 में दिये गये प्रावधानों के अनुरूप सर्वप्रथम लखनऊ में आई0टी0 सिटी की स्थापना की जा रही है । इसी के अनुरूप आगरा में भी आई0टी0 सिटी की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है ।
आई0टी0 सिटी के अतिरिक्त प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर आई0टी0 पाक्र्स स्थापित किये जाने की कार्यवाही गतिमान है ।
समाज कल्याण
छात्रवृत्ति वितरण में पारदर्शिता एवं समयशीलता लाने हेतु छात्रवृत्ति योजना का पूर्ण कम्प्यूटरीकरण किया गया है । वित्तीय वर्ष 2014-2015 में अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति के लिये 2,073 करोड़ रुपये तथा सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति के लिये 722 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
आश्रम पद्यति विद्यालयों के लिये 135 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
सरकार प्रदेश के पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों की पत्नियों एवं उनके आश्रितों के कल्याण एवं
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पुनर्वास की योजनाओं के लिये 30 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
पिछड़ा वर्ग कल्याण
पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति योजनाओं के लिये वित्तीय वर्ष 2014-2015 के बजट में 1,096 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिये छात्रावास निर्माण हेतु 24 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
अल्पसंख्यक कल्याण
अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति योजनाओं के लिये 919 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
अरबी-फारसी मदरसा आधुनिकीकरण योजना के लिये 240 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
अरबी पाठशालाओं के लिये 316 करोड रुपये के अनुदान की व्यवस्था प्रस्तावित है।
अल्पसंख्यक समुदाय के कब्रिस्तान/अन्त्येष्टि स्थल की चहारदीवारी के निर्माण के लिये 200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
विकलांग कल्याण
प्रदेश के विभिन्न जनोपयोगी सार्वजनिक कार्यालय/भवनों में विकलांग जन के सुगम आवागमन/आसान पहुँच हेतु सुविधा प्रदान करने
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की दृष्टि से सिपडा योजना हेतु रुपये 25 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित की गयी है ।
तीन समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों के भवन निर्माण हेतु प्रति विद्यालय 5 करोड़ रुपये की दर से 15 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
महिला एवं बाल कल्याण
राजीव गांधी किशोरी बालिका सशक्तिकरण योजना “सबला” के लिये 320 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
अनुपूरक पोषाहार योजना के लिये 3,344 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
समन्वित बाल विकास योजना के अन्तर्गत मेडिसिन किट्स, वेतन, मानदेय आदि पर व्यय हेतु 1,618 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
बेसिक शिक्षा
प्राथमिक शिक्षा हेतु 2014-2015 के बजट में 29,380 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
इसमें सर्वशिक्षा अभियान हेतु 7,715 करोड़ रुपये की व्यवस्था तथा प्राथमिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन कार्यक्रम हेतु 1,685 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत मानक के अनुसार असेवित बस्तियों में विद्यालयों की स्थापना का संतृप्तीकरण लगभग पूर्ण हो गया है । ऐसी असेवित बस्तियाॅं जो किन्हीं कारणों से छूट गयी हैं, उनमें नवीन प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय
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की स्थापना का लक्ष्य है । इसके अतिरिक्त पूर्व से संचालित विद्यालयों में बच्चों के बैठने हेतु समुचित व्यवस्था के लिये लगभग 6,475 अतिरिक्त कक्षा-कक्षों का निर्माण भी प्रस्तावित है ।
वित्तीय वर्ष 2013-2014 में कक्षा 1-8 तक के लगभग समस्त छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें एवं यूनीफार्म उपलब्ध करायी गयी । वित्तीय वर्ष 2014-2015 में समस्त छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें तथा यूनीफार्म के दो सेट दिया जाना प्रस्तावित है ।
माध्यमिक शिक्षा
माध्यमिक शिक्षा की योजनाओं के लिये 7,880 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा के स्तर को सुधारने तथा सुदूर क्षेत्रों में भी शिक्षा के विकास हेतु राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान का क्रियान्वयन किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत प्रत्येक 5 किलोमीटर की परिधि में हाईस्कूल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है,जिसकी पूर्ति के लिये लगभग 3,375 नये माध्यमिक विद्यालयों की आवश्यकता होगी।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिये 200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के छात्रावास निर्माण हेतु 200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है ।
प्रदेश में तीन नये सैनिक स्कूलों की स्थापना के लिये 6 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
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ई-बुक्स का क्रय/ई-लाइब्रेरी की स्थापना हेतु 2.50 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है।
उच्च शिक्षा
उच्च शिक्षा हेतु 2,269 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है ।
प्रदेश में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के उद््देश्य से अराजकीय महाविद्यालयों को अनुदान दिये जाने हेतु 1,534 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अंतर्गत माॅडल डिग्री काॅलेजों की स्थापना के लिये 142 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, सिद्धार्थनगर तथा इलाहाबाद में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु क्रमशः 20 करोड़ रुपये एवं 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
ई-बुक्स का क्रय/ई-लाइब्रेरी की स्थापना हेतु 2.50 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है।
प्राविधिक शिक्षा
प्रदेश में वर्तमान में 110 सरकारी पाॅलीटेक्निक और 306 निजी पाॅटीटेक्निक संचालित हैं । सत्र 2014-2015 से 08 और नवीन राजकीय पाॅलीटेक्निक संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जाना प्रस्तावित है।
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वर्ष 2013-2014 में डिग्री स्तर के 02 तकनीकी विश्वविद्यालय को संविलीन कर उसे पूर्ववत उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय के नाम से स्थापित किया गया है एवं मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कालेज, गोरखपुर को विश्वविद्यालय बनाया गया है।
प्रत्येक मण्डल में एक राजकीय इंजीनियरिंग कालेज स्थापित किया जाना राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है जिसके अन्तर्गत जनपद सोनभद्र, कन्नौज एवं मैनपुरी में एक-एक इंजीनियरिंग कालेज स्थापित किया जा रहा है तथा बरेली मण्डल के जनपद बदायँू में भी एक राजकीय इंजीनियिरिंग कालेज की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
व्यावसायिक शिक्षा
वर्तमान में प्रदेश में 217 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित हंै, जिनकी प्रशिक्षण क्षमता 69,014 है ।
16 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान विश्व बैंक फण्डिंग के अन्तर्गत तथा 115 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पी0पी0पी0) येाजना के अन्तर्गत उच्चीकृत किये जा रहे हैं ।
वित्तीय वर्ष 2014-2015 में प्रमुख रूप से प्रदेश की असेवित तहसीलों/विकास खण्डों में 20 नये राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना किये जाने का लक्ष्य है ।
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चिकित्सा शिक्षा
चिकित्सा शिक्षा हेतु 2,513 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
लखनऊ जनपद में उच्चस्तरीय सुपर स्पेशिलिटी कैंसर संस्थान के लिये 68 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
डाॅ0 राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट आॅफ साइंसेज के संचालन हेतु 184 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ को विकसित किये जाने हेतु 400 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ की रोगी सेवाओं का विस्तारण करते हुये गत वर्ष इमरजेंसी मेडिसिन विभाग तथा आप्थलमिक सेण्टर की स्थापना करने का निर्णय लिया गया । इस संस्थान के संचालन एवं निर्माण कार्यों हेतु 368 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर में मस्तिष्क ज्वर की महामारी के रोकथाम हेतु 500 शैय्या वाले बाल रोग चिकित्सा संस्थान की स्थापना हेतु 68 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
मेडिकल काॅलेज, झाँसी के सुदृढ़ीकरण, अधूरे निर्माण कार्यों को पूरा करने, आवश्यक उपकरणों की स्थापना एवं उच्चस्तरीय चिकित्सालय की स्थापना हेतु 60 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
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मेडिकल काॅलेज, आजमगढ़ के संचालन हेतु 42 करोड़ रुपये एवं मेडिकल काॅलेज, बाँदा में इसी वर्ष बाह्य रोग तथा अन्तः रोगी विभागों को संचालित किए जाने हेतु 71 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
जनपद गौतमबुद्धनगर में सुपर स्पेशिलिटी बाल चिकित्सालय एवं पोस्ट ग्रेजुएट शैक्षणिक संस्थान, नोएडा तथा चिकित्सा विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा की स्थापना प्रस्तावित है ।
जनपद चन्दौली में एक और मेडिकल काॅलेज स्थापित किया जाना प्रस्तावित है । जनपद जौनपुर तथा बदायूँ में मेडिकल काॅलेज की स्थापना की कार्यवाही गतिमान है ।
चिकित्सा,स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की योजनाओं के लिये 12,192 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के कार्यान्वयन के लिये 3,867 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
वर्ष 2011 की जनगणना को आधार मानते हुये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के निर्माण/स्थापना की नीति निर्धारित की गयी है जिसके अन्तर्गत हर 30,000 की आबादी पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 1 लाख की आबादी पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित करने का मानक है । इसके अन्तर्गत 729 नये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं 1681 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के
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निर्माण/स्थापना का लक्ष्य है जिसे आगामी 03 वर्षो में पूर्ण किया जायेगा।
मातृ मृत्यु दर वर्ष 2010-2011 में 345 प्रति लाख जीवित जन्म से घटकर वर्तमान में 300 प्रति लाख जीवित जन्म हो गई है।
मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिये मुख्य रूप से जननी सुरक्षा योजना तथा जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं । गर्भवती महिलाओं को घर से चिकित्सा इकाई तक एवं प्रसवोपरान्त चिकित्सा इकाई से घर तक पहँुचाने हेतु निःशुल्क परिवहन सुविधा 102 एम्बुलेन्स सेवा 2013-2014 से प्रारम्भ की गई है।
रोगियों को सुचारू एवं निरन्तर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु प्रदेश के 112 राजकीय चिकित्सालयों में स्वतंत्र विद्युत फीडर की स्थापना करायी जा चुकी है।
प्रदेश में 108 ई0एम0टी0एस0 (म्ण्डण्ज्ण्ैण्) समाजवादी स्वास्थ्य सेवा के संचालन हेतु 77 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
राष्ट्रीय एड्स एवं एस0टी0डी0 नियंत्रण कार्यक्रम हेतु लगभग 89 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है ।
जिला संयुक्त चिकित्सालयों में विशिष्ट चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराये जाने हेतु मशीने एवं उपकरण और संयंत्रों के क्रय के लिये 144 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
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प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के भवनों के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 50 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है । सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के निर्माण कार्यों तथा उपकरणों के क्रय हेतु 159 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
आयुर्वेदिक एवं यूनानी काॅलेजों तथा चिकित्सालयों के निर्माण कार्यों एवं उपकरणों के क्रय हेतु 25 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है ।
कारागार प्रशासन एवं सुधार
वित्तीय वर्ष 2014-2015 के बजट में जिला कारागार, रामपुर के लिये 20 करोड़ रुपये तथा जिला कारागार इटावा के निर्माण हेतु 20 करोड़ रुपये तथा जिला कारागार, मुरादाबाद के लिये 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है । जिला कारागारों के उच्चीकरण, नवीनीकरण और चालू कार्यों के लिए 140 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
वन
उत्तर प्रदेश विभिन्न प्रकार के वनों, वन्य जीवों एवं जैव विविधता से परिपूर्ण प्रदेश है । इनके संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु हमारी सरकार सतत् प्रयत्नशील व तत्पर है ।
प्रदेश में वर्ष 2013-2014 में लगभग 6 करोड़ से अधिक पौधों का रोपण किया गया ।
प्रदेश के प्रत्येक जनपद में वर्ष 2013-2014 में हरित पट््टी (ग्रीन बेल्ट) का विकास किया गया है । इस ग्रीन बेल्ट वृक्षारोपण में कुल 607 स्थलों
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पर 2951 हेक्टेयर क्षेत्र में 18 लाख पौधों का रोपण किया गया ।
मैनपुरी में समान पक्षी विहार परियोजना हेतु भूमि की व्यवस्था के लिये 25 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान प्रस्तावित है ।
मैनपुरी, इटावा, लखनऊ, उन्नाव, कन्नौज व बदायूँ को पूर्ण रूप से हराभरा किये जाने हेतु “टोटल फाॅरेस्ट कवर योजना” के लिये 20 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
पर्यावरण
पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत पर्यावरण की दृष्टि से अपघटित क्षेत्रों का इकोलाॅजिकल (म्बवसवहपबंस) विकास, प्रदूषण नियंत्रण और अपशिष्ट प्रबन्धन इत्यादि की समस्याओं से संबंधित व्यवहारिक क्षेत्रों में शोध को प्रोत्साहन दिया जायेगा।
उद्योगों को पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण हेतु प्रोत्साहित करने के उद््देश्य से इण्डस्ट्री स्पेसिफिक डाक्यूमेण्ट (प्दकनेजतल ैचमबपपिब क्वबनउमदज) तैयार कराया जायेगा।
नदियोें एवं झीलों में हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के उद््देश्य से प्रदूषणकारी स्रोतों की पहचान हेतु रिमोट सेन्सिंग आधारित अध्ययन प्रस्तावित हैं ।
खेल एवं युवा कल्याण
प्रदेश में खेल अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु 128 करोड़ रुपये की तथा स्पोट्र्स कालेजों को अनुदान, स्टेडियम के अनुरक्षण,
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प्रशिक्षण एवं खिलाडि़यों को पुरस्कार योजनाओं हेतु 38 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
प्रदेश में एक खेल एवं शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 20 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान योजना हेतु 115 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
संस्कृति
प्रदेश में कला एवं संस्कृति के प्रदर्शन हेतु खुले मंच, चित्रकूट में प्रेक्षागृह, आजमगढ़ में हरिऔध कला केन्द्र, इलाहाबाद में जनेश्वर मिश्र पुस्तकालय की स्थापना, मथुरा-वृृन्दावन के मध्य आॅडिटोरियम का निर्माण, भारत रत्न बिस्मिल्ला खाँ की स्मृति में संग्रहालय एवं मकबरा स्थल के विकास की योजनायें प्रस्तावित हैं ।
पर्यटन
प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये कई नयी योजनायें बजट में प्रस्तावित हैं जिनके लिये 64 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है । इनमें उत्तर प्रदेश ट्रवेल मार्ट, 2014 प्रदेश के ऐतिहासिक एवं पौराणिक स्थलों का पर्यटन हेतु विकास तथा अन्य कई पर्यटन स्थलों का विकास सम्मिलित हैं ।
पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के अन्दर निजी वायुसेवा में तीन सीटों को अन्डरराइट करने हेतु बजट में 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
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न्याय
माननीय उच्च न्यायालय, लखनऊ बंेच, लखनऊ के गोमतीनगर में निर्माणाधीन नवीन भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है । इसका निर्माण कार्य वर्ष 2015 के अन्त तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है । वित्तीय वर्ष 2014-2015 में इस कार्य के लिये 370 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु 200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
न्यायिक अधिकारियों के आवासीय भवनों के निर्माण हेतु 100 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
प्रदेश के नवसृजित जनपदों में न्यायालय भवनों के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु वित्तीय वर्ष 2014-15 में रुपये 30 करोड़ की धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
भ्रष्टाचार सम्बन्धी मामलों की सुनवाई हेतु प्रदेश में 22 नये न्यायालयों की स्थापना की गयी है ।
लम्बित वादों के निस्तारण हेतु 31-03-2015 तक के लिए इवनिंग कोटर्स चलाये जाने हेतु वित्तीय वर्ष 2014-2015 में 68 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।
राजकोषीय सेवायें
वाणिज्य कर
वाणिज्य कर प्रदेश के कर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत है । वाणिज्य कर विभाग का वर्ष
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2014-2015 का राजस्व संग्रह लक्ष्य शासन द्वारा रुपये 47,500 करोड़ निर्धारित किया गया है जो 2013-2014 की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है।
आबकारी शुल्क
वित्तीय वर्ष 2014-2015 हेतु 14500 करोड़ रुपये की प्राप्तियों का लक्ष्य प्रस्तावित है, जो वित्तीय वर्ष 2013-2014 की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है ।
स्टाम्प एवं पंजीकरण
वित्तीय वर्ष 2014-2015 हेतु प्राप्तियों का लक्ष्य 12,723 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है जो वित्तीय वर्ष 2013-2014 की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक है ।
वाहन कर
वित्तीय वर्ष 2014-2015 हेतु प्राप्तियों का लक्ष्य 3950 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है जो वित्तीय वर्ष 2013-2014 की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है ।
वित्तीय वर्ष 2014-2015 के बजट अनुमान
मान्यवर,
अब मैं वित्तीय वर्ष 2014-2015 के बजट अनुमानों के बारे में प्रमुख बिन्दुओं का उल्लेख करना चाहँूगा ।
प्राप्तियाँ
 वर्ष 2014-2015 में दो लाख सत्तर हजार पाँच सौ तिहत्तर करोड़ रुपये
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(2,70,573 करोड़ रुपये) की कुल प्राप्तियाँ अनुमानित हैं ।
 कुल प्राप्तियों में दो लाख छब्बीस हजार चार सौ उन्नीस करोड़ रुपये (2,26,419 करोड़ रुपये) की राजस्व प्राप्तियाँ तथा चैवालिस हजार एक सौ चैवन करोड़ रुपये (44,154 करोड़ रुपये) की पँूजीगत प्राप्तियाँ सम्मिलित हैं ।
 वर्ष 2014-2015 में राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का अंश एक लाख सत्तावन हजार पाँच सौ दो करोड़ रुपये (1,57,502 करोड़ रुपये) है । इसमें केन्द्रीय करों में राज्य का अंश छिहत्तर हजार पाँच सौ दो करोड़ रुपये (76,502 करोड़ रुपये) सम्मिलित है ।
व्यय
 वर्ष 2014-2015 में कुल व्यय दो लाख चैहत्तर हजार सात सौ पाँच करोड़ रुपये (2,74,705 करोड़ रुपये) अनुमानित है ।
 कुल व्यय में एक लाख सत्तानवे हजार चार सौ पच्चीस करोड़ रुपये (1,97,425 करोड़ रुपये) राजस्व लेखे का व्यय है तथा सतहत्तर हजार दो सौ अस्सी करोड़ रुपये (77,280 करोड़ रुपये) पँूजी लेखे का व्यय है, जिसमें पूंजीगत परिव्यय पचपन हजार नौ सौ छियासी करोड़ रुपये (55,986 करोड़ रुपये) है ।
 वर्ष 2014-2015 के बजट में पचानवे हजार उन्तालिस करोड़ रुपये (95,039 करोड़ रुपये) आयोजनागत व्यय अनुमानित है ।
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राजस्व बचत
वर्ष 2014-2015 में अट्ठाईस हजार नौ सौ चैरानवे करोड़ रुपये (28,994 करोड़ रुपये) की राजस्व बचत अनुमानित है ।
राजकोषीय घाटा
वित्तीय वर्ष 2014-2015 में अट्ठाईस हजार चार सौ ग्यारह करोड़ रुपये (28,411 करोड़ रुपये) का राजकोषीय घाटा अनुमानित है जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है ।
समेकित निधि
समेकित निधि की प्राप्तियों से कुल व्यय घटाने के पश्चात् वर्ष 2014-2015 में घाटा चार हजार एक सौ बत्तीस करोड़ रुपये (4,132 करोड़ रुपये) अनुमानित है ।
लोक लेखे से समायोजन
वर्ष 2014-2015 में लोक लेखे से चार हजार पाँच सौ सत्तर करोड़ रुपये (4,570़ करोड़ रुपये) की शुद्ध प्राप्तियाँ अनुमानित हैं ।
समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम
वर्ष 2014-2015 में समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम चार सौ अड़तीस करोड़ रुपये (438 करोड़ रुपये) अनुमानित है ।
अन्तिम शेष
वर्ष 2014-2015 में प्रारम्भिक शेष चार हजार पाँच सौ नब्वे करोड़ रुपये (4,590 करोड़ रुपये) को हिसाब में लेते हुये अन्तिम शेष पाँच हजार
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अट्ठाईस करोड़ रुपये (5,028 करोड़ रुपये) होना अनुमानित है ।
मान्यवर,
मैं मंत्रि-परिषद के अपने सभी माननीय सदस्यों का अत्यन्त आभारी हँू कि उनके सहयोग एवं परामर्श से तथा सभी विभागों में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सहायता से बजट प्रस्तुत करने में सक्षम हो सका हँू । मैं प्रमुख सचिव, वित्त और वित्त विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रति अपना आभार प्रकट करता हँू, जिन्होंने इस बजट को तैयार करने में बहुमूल्य सहायता प्रदान की है । मैं, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र, लखनऊ के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति भी इस हेतु आभार प्रकट करता हँू । राजकीय मुद्रणालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी मैं धन्यवाद ज्ञापन करता हँू कि उन्होंने बजट साहित्य का मुद्रण समय से किया । महालेखाकार, उत्तर प्रदेश एवं उनके अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति भी मैं उनके द्वारा दिये गये सहयोग के लिये अपना आभार प्रकट करता हँू ।
इस बजट के माध्यम से हमारा प्रयास है कि प्रदेश के किसान, युवा वर्ग, बेरोजगार, बालिकायें एवं महिलायें, अल्पसंख्यक, विपन्न, असहाय, कमजोर और पिछड़े वर्गों के लोग भी जीवन और भविष्य के प्रति आशान्वित हो सकें और एक नई ऊर्जा के
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साथ स्वयं तथा समाज की उन्नति के लिये कृतसंकल्प होकर विकास के एक नये युग का सृजन कर सकें । मैं प्रदेश के हर वर्ग/समुदाय का आह्वान करता हँू कि आइये हम सब मिलकर उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के संकल्प को साकार करें ।
इन शब्दों के साथ, मान्यवर, मैं विनम्रतापूर्वक वित्तीय वर्ष 2014-2015 का प्रदेश का बजट प्रस्तुत करता हँू ।
ज्येष्ठ 30, शक संवत् 1936
तदनुसार,
दिनाँक: 20 जून, 2014

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