की बड़ी त्रासदियां, देखें तस्वीरें
भारत के मध्य प्रदेश में 3 दिसंबर 1984 को एक ऐसी घटना घटी जिसे याद कर आज भी रुह कांप उठती है। ये घटना थी भोपाल गैस त्रासदी। दुनिया के सबसे बड़े हादसों में से एक है ये एक औद्योगिक दुर्घटना थी। इस दिन सुबह भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने से एक ज़हरीली गैस का रिसाव हुआ जिससे लगभग 15000 से अधिक लोगों की जान गई और बहुत सारे लोग अनेक तरह की शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन के भी शिकार हुए। भोपाल गैस काण्ड में मिथाइलआइसोसाइनाइट (मिक) नामक जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। इसका इस्तेमाल कीटनाशक बनाने के लिए किया जाता था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस दुर्घटना के कुछ ही घंटों के भीतर तीन हज़ार लोग मारे गए थे। लेकिन हमेशा की तरह यह सिर्फ सरकारी आंकड़ा था और मरने वाली की संख्या और भी ज्यादा थी। घोर लापरवाही के कारण गैस कार्बाइड कारखाने से मिथाइल आइसोसायनाइड गैस का रिसाव हुआ था।
चीनी अकाल 20वीं सदी का सबसे बड़ा अकाल था चीन का 1958-61 का ग्रेट लीप फॉरवर्ड अकाल। इस अकाल का कारण था प्राकृतिक आपदाएं और माओ जेडोंग की सांप्रदायिक नीतियां। अनुमान के मुताबिक इन तीन सालों के दौरान 45 मिलियन लोगों की मौत हुई।
थ्री माइल आईलैंड न्यूक्लियर हादसा
28 मार्च 1979 को हैरिसबर्ग में थ्री माइल आईलैंड न्यूक्लियर एक परमाणु दुर्घटना हुई। इससे एक रेडिएशन निकला था। जिससे कई मवेशियों की मौत हुई, प्रीमेच्योर डेथ और बच्चे गंभीर बीमारियों के साथ जन्मे।
हिरोशिमा हादसा
आज से 66 वर्ष पहले अमेरिका ने 6 अगस्त, 1945 के दिन जापान के हिरोशिमा नगर पर ‘लिटिल मैन’ नामक युरेनियम बम गिराया था. इस बम के प्रभाव से 13 वर्ग कि.मी. में तबाही फ़ैल गयी थी. हिरोशिमा की 3.5 लाख आबादी में से एक लाख चालीस हज़ार लोग एक झटके में मरे गए थे. ये सब सैनिक नहीं थे. इनमें से अधिकाँश साधारण नागरिक, बच्चे, बूढ़े, औरतें, थीं. इसके बाद भी अनेक वर्षों तक अनगिनत लोग विकीर्ण के प्रभाव से मरते रहे।
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रूस के शेरनोबिल में न्यूक्लियर पावर पावर प्लांट में धमाका
26 अप्रैल 1986 को यूक्रेनियन सोवीयत सोशलाइट रिपब्लिक के शेरनोबिल प्लांट में एक धमाका हुआ था जिसमें हीरोशिमा हादसे के मुकाबले चार हजार गुना ज्यादा रेडियोएक्टिव मटीरियल का रिसाव हुआ। इस घटना के बाद कई बच्चे गंभीर बीमारियों के साथ जन्मे, लोगों को कैंसर जैसी भयानक बीमारियां हुईं और कैंसर से करीब एक लाख लोगों की मौत हो गई। ये इलाका करीब 200 सालों तक खेती सहित किसी भी गतिविधि के लिए सुरक्षित नहीं है।
लंदन का जानलेवा कोहरा
1952 में उद्योगों के प्रदूषण की वजह से लंदन में हफ्तों तक काफी कोहरा रहा। कोहरे और ठंड से निजात पाने के लिए लोगों ने कोयले जरूरत से ज्यादा जलाए जिससे वातावरण में जहरीली गैस फैल गई और करीब 12 हजार लोगों की जानें ले गई।
अल मिशराक फायर
24 जून 2003 को अल मिशराक दुनिया की 10 सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है। इसमें एक इराकी सल्फर प्लांट पर हमला किया गया था, जो करीब एक महीने तक जलता रहा। इससे लगातार निकल रही सल्फर डाइओक्साइड वातावरण में फैलती रही। सल्फर डाइऑक्साइड से लोगों को सांस संबंधी समस्या होती है और एसिड रेन का भी खतरा रहता है जिससे फसलें नष्ट होती हैं।
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द ब्लैक डेथ
1347 में एक महामारी ने पूर्वी एशिया को पूरी तरह तबाह कर दिया था। क्रिमीया प्रायद्वीप का काफा जो आज फीडोसिया कहलाता है, जेनोवा के लोगों का व्यापार का एक बड़ा केन्द्र था। मंगोल लोग, इस बड़े व्यापार केन्द्र पर कब्ज़ा करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने इस शहर पर धावा बोल दिया। लेकिन उनकी फौज में प्लेग फैल गया और उन्हें भागने पर मजबूर होना पड़ा। उनके जाने से पहले यहां भी प्लेग फैल गया। ये फौज जहां-जहां गई, प्लेग वहां-वहां फैलता गया। यह बीमारी उत्तर अफ्रीका, स्पेन, इटली, इंग्लैंड, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, हंगरी, जर्मनी और स्विटजर्लैंड जैसे देशों में तेजी से फैलने लगी। महज ढाई साल के अंदर ही करीब 2.5 करोड़ लोग इस बीमारी की भेंट चढ़ गए। इस बीमारी को ब्लैक डेथ का नाम दिया गया। लोगों ने इसे भगवान का प्रकोप माना। उनके धार्मिक विश्वास ने बीमारी को और बढ़ावा दिया। यूरोप में बार-बार फसलें खराब होने की वजह से लोगों को अच्छी खुराक नहीं मिल सकी, जिसकी वजह से उनके शरीर इस बीमारी से नहीं जूझ पाए।
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला
11 सितंबर 2001 की सुबह न्यू यॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर अल कायदा ने विमानों से हमला कि्या था। अल कायदा ने अपहरण किए गए चार में दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से टकरा दिया। इस घटना में विमान में मौजूद सभी यात्री और ट्विन टावर में मौजूद कई लोग मारे गए। दोनों इमारतें दो घंटे के अंदर ढह गई। पास की इमारतें नष्ट हो गईं और अन्य को नुकसान पहुंचा। अपहरणकर्ताओं ने तीसरे विमान को वाशिंगटन डी॰सी॰ के बाहर, आर्लिंगटन, वर्जीनिया में पेंटागन में टकरा दिया। अपहरणकर्ताओं द्वारा वाशिंगटन डी॰सी॰ की ओर ले जाए जा रहे चौथे विमान के कुछ यात्रियों और उड़ान चालक दल ने विमान का नियंत्रण फिर से वापस ले लिया। विमान ग्रामीण पेंसिल्वेनिया में शैंक्सविले के पास एक खेत में जा टकराया। किसी भी विमान में कोई भी जिंदा नहीं बचा। इस घटना में 19 अपहरणकर्ताओं सहित करीब 3000 लोग मारे गए। उस घटना को याद कर लोग आज भी सिहर उठते हैं।