एंजलीना ने 36 साल में किया, मेरी बेटी को जल्दी सोचना होगा'
बुधवार, 15 मई, 2013 को 11:10 IST तक के समाचार
33 साल की शिखा मनचन्दा कैंसर होने के डर से अपने दोनों स्तन ऑपरेशन से हटवा चुकी हैं.
अब उनके सामने दो चुनौतियां हैं. पहली, ऑपरेशन से
अपने दोनों अंडाशय निकलवाना और दूसरी बात, अपनी सात साल की बेटी को बताना
कि उसके शरीर में भी कैंसर पनप सकता है.ठीक वैसे ही जैसे हॉलिवुड अभिनेत्री एंजलीना जोली को अपनी मां का जीन मिला और अनुवांशिक टेस्ट में ये जानकारी सामने आने के बाद उन्होंने अपने क्लिक करें दोनों स्तन हटवाने का फैसला किया.
शादी के बाद अमरीका चली गईं शिखा ने बीबीसी से फोन पर बातचीत में कहा, “एंजलीना ने 36 साल की उम्र में हिम्मत की, लेकिन मेरी बेटी के पास इतना वक्त नहीं होगा, मैं भी अब इस बीमारी के बारे में बहुत जान गई हूं, तो साशा को समय पर टेस्ट करवाने की सलाह दूंगी, फिर जो सामने आए, उसके मुताबिक फ़ैसला लेना होगा.”
‘औरत होने का अहसास जाता रहा’
साशा दो साल की थी जब शिखा ने अपना इलाज शुरू करवाया. शिखा बताती हैं कि पिछले सालों में जैसे जैसे वो ठीक हुईं, साशा भी बहुत समझदार हो गई, वो अपना ख़्याल रखना सीख गई है, स्कूल का काम, होमवर्क वगैरह सब खुद देख लेती है.स्तन हटवाने के ऑपरेशन के बाद शिखा ने कॉस्मेटिक सर्जरी करवाकर क्लिक करें इम्प्लांट लगवाए. वो कहती हैं, “तब मुझे लग रहा था कि बस ये कैंसर चला जाए और मेरे स्तन रहें, मैं औरत दिखती रहूं. पर इन इम्प्लांट्स में कोई अहसास नहीं है, ये बहुत झूठा लगता है, ज़िन्दगी बदल देता है. अब मन पूछता है कि महिलाएं ऐसा करवाती ही क्यों है?”
दरअसल साशा के पैदा होने के डेढ़ साल बाद ही शिखा के दाहिने स्तन में कैंसर पाया गया. स्तन के कुछ टिशू हटाने के लिए ऑपरेशन हुआ, कीमोथेरेपी हुई और स्तन हटवाए बगैर वो लगभग ठीक हो गईं थी.
लेकिन कैंसर होने की वजह का पता नहीं लग पाया था. इसी वजह से डॉक्टरों ने उनकी जेनेटिक टेस्टिंग करवाई और शिखा की ज़िन्दगी बदल गई. क्लिक करें BRCA1 जीन में गड़बड़ी पाए जाने पर डॉक्टरों ने शिखा से कहा कि उन्हें फिर से स्तन कैंसर होने की 90 फीसदी और अंडाशय कैंसर होने की 50 फीसदी संभावना है.
अब शिखा और उनके पति ने फैसला किया है कि उनका दूसरा बच्चा नहीं होगा. फिर भी अपनी अंडाशय हटवाना आसान काम नहीं. शिखा जानती हैं कि इसके बाद मीनोपॉज़ शुरू हो जाएगा.
मीनोपॉज़ आम तौर पर महिलाओं के शरीर में 45 वर्ष की उम्र के बाद आने वाले हार्मोन संबंधी बदलावों की स्थिति को कहते हैं. इनमें उनकी महावारी बंद होना भी शामिल है.
भारत में इलाज
इस सबके बावजूद शिखा अपने आप को खुशकिस्मत मानती हैं, अमरीका में होने की वजह से उन्हें कैंसर के ख़तरे का पता चल सका, अगर भारत में होतीं तो शायद कैंसर होने के बाद ही ये जान पातीं.फिलहाल वो अमरीका में बसे दक्षिण-एशियाई समुदाय में अपनी बीमारी के बारे में जागरूकता फैला रही हैं.
"रहन-सहन का तरीका- यानि जंक फूड खाना, समय पर खाना ना खाना, पूरी नींद ना लेना, देर रात तक काम करना, वज़न बढ़ना और तनाव वगैरह, ये सभी भारत में स्तन कैंसर की दर बढ़ा रहे हैं."
डॉ. सुमीत शाह, सर्जिकल ऑनकॉलोजिस्ट
भारत में महिलाओं में सबसे ज़्यादा होने वाला कैंसर - गर्भाशय (सरविक्स) कैंसर है.
लेकिन भारत सरकार के क्लिक करें नेशनल हेल्थ प्रोफाइल 2010 ने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2020 तक स्तन कैंसर इसकी जगह ले लेगा.
वर्ष 2007 में जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में सभी तरह के कैंसर के पंजीकृत मामलों में 36 फ़ीसदी स्तन और गर्भाशय कैंसर से जुड़े हैं.
वर्ष 2011 में क्लिक करें इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने एक शोध में 1982 से 2005 के दौरान दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और बैंगलोर में रिपोर्ट हुए कैंसर के मामलों का विश्लेषण किया.
इसके मुताबिक भारत के बड़े शहरों में महिलाओं में स्तन कैंसर तेज़ी से बढ़ रहा है और इस 24 साल की अवधि में ऐसे मामले लगभग दोगुने हो गए हैं, वहीं गर्भाशय कैंसर के मामलों में कई जगह 50 फ़ीसदी तक की गिरावट आई है.
जानलेवा बीमारी
उन्होंने बीबीसी को बताया, “रहन-सहन का तरीका- यानी जंक फूड खाना, समय पर खाना ना खाना, पूरी नींद ना लेना, क्लिक करें देर रात तक काम करना, वज़न बढ़ना और तनाव वगैरह, ये सभी भारत में स्तन कैंसर की दर बढ़ा रहे हैं.”
डॉ. शाह बताते हैं कि एक बड़ी चुनौती है जागरुकता फैलाना, क्योंकि ज़्यादातर पीड़ित महिलाएं इलाज करवाने में देर करती हैं.
डॉ. शाह कहते हैं, “स्तन में गांठें महसूस होने पर ही महिला को कैंसर का अंदेशा होता है. अक्सर ये गांठें बहुत छोटी होती हैं और कई बार महसूस होने पर भी महिलाएं इन्हें नज़रअंदाज़ कर देती हैं.”
स्तन कैंसर जानलेवा होता है. इस बीमारी पर जानकारी देने के लिए एक वेबसाइट भी चला रहे डॉ. शाह के मुताबिक इस कैंसर का जल्द इलाज ही मरीज़ को लम्बे समय तक ज़िन्दा रहने में मदद कर सकता है.
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