दाल रोटी खाओ और प्रभु के गुण गाओ! |
दाल रोटी योजना
राजेश कश्यप
एक पुरानी कहावत ‘दाल रोटी खाओ और प्रभु के गुण गाओ’ को हकीकत में चरितार्थ करने के लिए हरियाणा सरकार ने बड़ी धूमधाम से ‘दाल रोटी योजना’ का श्रीगणेश कर दिया है। गत 20 अगस्त, 2013 को स्व. राजीव गांधी के जन्मदिन पर पानीपत जिले के एस.डी. विद्या मन्दिर स्कूल में आयोजित भव्य समारोह में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक-2013’ के तहत ‘दाल रोटी योजना’ नाम से शुभारंभ किया। योजना की शुरूआत मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से पानीपत जिले की एक लाभार्थी महिला बीरमति को राशन वितरित करके की। उल्लेखनीय है कि यह यूपीए अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी की अति महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना से प्रदेश के कुल 49.89 प्रतिशत अर्थात 126.49 लाख लोग, जिसमें 54.6 प्रतिशत अर्थात 90.28 लाख ग्रामीण और 41.05 प्रतिशत अर्थात 36.21 लाख शहरी लोग लाभान्वित होंगे। इस योजना को प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए लागू किया गया। इसके लिए मुख्यमंत्री द्वारा एक योजनाबद्ध तरीके जिलानुसार सांसदों, विधायकों और मंत्रियों को जिम्मेदारियां दी गईं थीं।
किसने कहां से ‘दाल रोटी योजना’ की शुरूआत की?
1. पानीपत – भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, मुख्यमंत्री
2. अंबाला – हरमोहिन्द्र सिंह चट्ठा, वित्तमंत्री
3. मेवात – कैप्टन अजय यादव, बिजली एवं वन मंत्री
4. करनाल – रणदीप सुरजेवाला, उद्योग मंत्री
5. पलवल – महेन्द्र प्रताप, राजस्व मंत्री
6. महेन्द्रगढ़ – किरण चौधरी, आबकारी एवं कराधान मंत्री
7. सिरसा – परमवीर सिंह, कृषि मंत्री
8. रोहतक -श्रीमती गीता भुक्कल, शिक्षामंत्री
9. भिवानी – राव नरेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य मंत्री
10. जीन्द – सांगवान, सहकारिता मंत्री
11. रेवाड़ी – पं. शिव चरण शर्मा, श्रम एवं रोजगार मंत्री
12. हिसार – सुखबीर कटारिया, कृषि एवं सहकारिता और खेल मंत्री
13. झज्जर – अनीता यादव, सीपीएस
14. फरीदाबाद – राव दान सिंह, सीपीएस
15. सोनीपत – धर्मवीर एवं जयवीर, सीपीएस
16. कुरूक्षेत्र – प्रहल्लाद सिंह गिल्लाखेड़ा, सीपीएस
17. यमुनानगर – रामकिशन फौजी, सीपीएस
18. पंचकूला – सुलतान सिंह, सीपीएस
19. कैथल – राम किशन गुज्जर, सीपीएस
20. फतेहाबाद – विनोद भ्याणा, सीपीएस
21. गुड़गांव – फूलचंद मुलाना, 20 सूत्री कार्यक्रम उपाध्यक्ष
क्या है ‘दाल रोटी योजना’?
प्रदेश में ‘दाल रोटी योजना’ ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक-2013’ के तहत शुरू की गई है। इस योजना के तहत हरियाणा के 126.49 लाख लोगों को सस्ती दर पर अनाज उपलब्ध करवाकर उन्हें भोजन का अधिकार देना सुनिश्चित किया गया है। इस योजना के तहत हरियाणा प्रदेश के 49.89 प्रतिशत यानी 126.49 लाख लोगों को मात्र 3 रूपये प्रति किलो चावल, 2 रूपये प्रति किलो गेहूँ और केवल एक रूपये प्रति किलो मोटा अनाज प्रतिमाह प्रदेश के सभी 9174 राशन डिपुओं के माध्यम से उपलब्ध करवाया जायेगा। इसके साथ ही प्रदेश के 12.84 लाख बीपीएल परिवारों को 20 रूपये प्रति किलो की दर से 2.5 किलो दाल प्रतिमाह उपलब्ध करवाई जायेगी। हालांकि, हरियाणा एवं पंजाब हाईकोर्ट द्वारा दाल के टेंडर पर रोक लगाने की वजह से प्रदेश में दाल का वितरण शुरू नहीं किया गया है। यदि सरकार कोशिशें सफल रहती हैं तो सितम्बर माह से दाल का वितरण भी शुरू हो जायेगा। इसके अलावा 13.50 रूपये प्रति किलो की दर से दो किलो चीनी और 6 लीटर मिट्टी का तेल (केरोसीन) भी उपलब्ध करवाया जायेगा।
कौन-कौन ‘दाल रोटी योजना’ का लाभ उठाने के पात्र हैं?
‘दाल रोटी योजना’ के पात्रांे के लिए हरियाणा सरकार ने कुछ मानदण्ड तय किये हैं। जो भी परिवार इन मानदण्डों को पूरा करते हैं, वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
ग्रामीण क्षेत्र के लिए निर्धारित मानदण्ड:
1. भारत सरकार की वर्तमान नीति के तहत अंत्योदय अन्न परिवार स्वतः शामिल होंगे।
2. केन्द्रीय बी.पी.एल. तथा राज्य बी.पी.एल. परिवार स्वतः प्राथमिक परिवार की श्रेणी में शामिल होंगे।
3. बेघर परिवार।
4. वह परिवार, जिसका मुखिया विकलांग हो।
5. सभी भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार।
6. सभी किसान परिवार, जिनके पास 5 एकड़ तक किसी भी तरह की जमीन हो।
7. सभी परिवार जिसकी मुखिया विधवा, अकेली महिला (अविवाहित/अलक/परित्यक्त) हो।
8. अति संवेदनशील व्यवसायिक परिवार, जिनका मुख्य आय का साधन निम्न से है:
-कृषि।
-हस्तशिल्प मजदूर।
-अंशकालिक व पूर्णकालिक घरेलू सेवा।
-कचरा उठाने वाले।
-गैर-कृषि स्वयं उद्यमी।
-भीख/दान/भीख संग्रह।
-अन्य जैसा निर्दिष्ट किया जाए।
ग्रामीण क्षेत्रों के निम्न परिवार योजना का लाभ के पात्र नहीं होंगे:
1. सभी करदाता।
2. सभी वैट दाता।
3. सभी सेवा कर दाता।
4. सभी व्यवसायिक कर दाता।
5. कोई भी परिवार, जिसके पास किसी भी प्रकार की 5 एकड़ से अधिक जमीन हो।
6. चौपहिया वाहन का स्वामी।
7. कोई भी परिवार, जिसका अपना उद्योग सरकार द्वारा पंजीकृत हो।
8. यंत्रीकृत चौपहिया कृषि यंत्र का स्वामी।
9. भारत सरकार, राज्य सरकार और संघ राज्य क्षेत्र व उसके बोर्डों/निगमों/उद्यमों/उपक्रमों/अन्य स्वायत निकाय जैसे विश्वविद्यालय इत्यादि, नगर निगमों/नगर परिषदों/नगर पालिकाओं व सुधार न्यास इत्यादि के कर्मचारियों को छोड़कर अन्य कर्मचारी जैसे अनुबन्धित/कार्मिक/दैनिक वेतन भोगी।
10. कोई भी घर, जिसकी वार्षिक आय सभी मदों से 2 लाख रूपये से अधिक हो।
11. कोई भी परिवार जो सरकार द्वारा निर्धारित किये जाने वाले किसी अन्य मापदण्ड के अनुसार पात्र न हो।
शहरी क्षेत्र के लिए निर्धारित मानदण्ड:
1. भारत सरकार की वर्तमान नीति के तहत अंत्योदय अन्न परिवार स्वतः शामिल होंगे।
2. केन्द्रीय बी.पी.एल. तथा राज्य बी.पी.एल. परिवार स्वतः प्राथमिक परिवार की श्रेणी में शामिल होंगे।
3. सभी परिवार जो कच्चे मकान में रह रहे हैं।
4. बेघर परिवार।
5. वह परिवार, जिसका मुखिया विकलांग व्यक्ति हो।
6. सभी परिवार जिसकी मुखिया विधवा, अकेली महिला (अविवाहित/अलक/परित्यक्त) हो।
7. भारत सरकार, राज्य सरकार और संघ राज्य क्षेत्र व उसके बोर्डों/निगमों/उद्यमों/उपक्रमों/अन्य स्वायत निकाय जैसे विश्वविद्यालय इत्यादि, नगर निगमों/नगर परिषदों/नगर पालिकाओं व सुधार न्यास इत्यादि के कर्मचारियों को छोड़कर अन्य कर्मचारी जैसे अनुबन्धित/कार्मिक/दैनिक वेतन भोगी व्यवसायिक रूप से कमजोर परिवार जैसे:
-कचरा उठाने वाला।
-भिखारी।
-घरेलू कामकाजी।
-सड़क पर फेरी लगाने वाले/मौची/फेरी वाला/सड़क पर अन्य सेवाएं उपलब्ध करवाने वाले।
-निर्माण मजदूर/प्लम्बर/राजमिस्त्री मजदूर/सफेदी करने वाला/वैल्डर/सुरक्षा गार्ड/कुली एवं अन्य स्तर पर बोझा ढ़ोने वाले कामगार।
-स्वीपर/सफाई कर्मचारी/माली।
-घरेलू कामगार/कारीगर/हस्तशिल्प मजदूर/दर्जी।
-यातायात मजदूर, ड्राईवर/कंडक्टर/ड्राईवर व कंडक्टर के सहायक/गाड़ी खींचने वाले/रिक्शा खींचने वाले।
-दुकान पर काम करने वाले, सहायक/छोटी जगह पर चपरासी/सहायक/डिलीवरी सहायक/परिचर/वेटर।
-इलैक्ट्रीशियन/मैकेनिक/कलपुर्जे जोड़ने वाला/रिपेयर करने वाले मजदूर।
-धोबी/चौकीदार।
-कहीं से कोई आय नहीं।
-अन्य जैसा निर्दिष्ट किया जाए।
शहरी क्षेत्रों के निम्न परिवार योजना का लाभ के पात्र नहीं होंगे:
1. सभी करदाता।
2. सभी वैट दाता।
3. सभी सेवा कर दाता।
4. सभी व्यवसायिक कर दाता।
5. कोई भी परिवार, जिसके पास किसी भी प्रकार की 5 एकड़ से अधिक जमीन हो।
6. कोई भी सदस्य राज्य के नगर निगम व नगर परिषद के अधीन 250 वर्ग गज या इससे अधिक स्थान मंे बने घर या 1500 वर्ग फीट से अधिक अतिरिक्त स्थान पर बने फलैट का स्वामी।
7. कोई भी परिवार वातानुकुलित (ए.सी.) या चौपहिया वाहन का स्वकाी।
8. भारत सरकार, राज्य सरकार और संघ राज्य क्षेत्र व उसके बोर्डों/निगमों/उद्यमों/उपक्रमों/अन्य स्वायत निकाय जैसे विश्वविद्यालय इत्यादि, नगर निगमों/नगर परिषदों/नगर पालिकाओं व सुधार न्यास इत्यादि के कर्मचारियों को छोड़कर अन्य कर्मचारी जैसे अनुबन्धित/कार्मिक/दैनिक वेतन भोगी।
9. कोई भी घर, जिसकी वार्षिक आय सभी मदों से 2 लाख रूपये से अधिक हो।
10. कोई भी परिवार जो सरकार द्वारा निर्धारित किये जाने वाले किसी अन्य मापदण्ड के अनुसार पात्र न हो।
योजना से जुड़े प्रदेश-स्तरीय कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. हरियाणा प्रदेश की कुल जनसंख्या 2,53,53,081 है, जिसमें 1,35,05,130 पुरूष और 1,18,47,951 महिलाएं शामिल हैं।
2. हरियाणा में कुल 51,06,275 घर हैं, जिनमें 35,44,484 ग्रामीण और 15,61,791 शहरी घर शामिल हैं।
3. हरियाणा में ‘अंत्योदय अन्न योजना’, बीपीएल तथा राज्य के बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या 54.41 लाख है, जिसकी प्रतिशतता 21.42 है।
4. नई योजना के तहत अब लाभार्थियों की संख्या 130.86 लाख होगी और इनकी प्रतिशतता 51.6 हो जायेगी।
5. इस योजना के अंतर्गत आने वाले नए लाभार्थी 76.45 लाख हैं, जिनकी प्रतिशतता 30.18 है। इस प्रकार, लाभार्थियों की कुल प्रतिशतता 21.42 से बढ़कर 30.18 हो गई है।
6. हरियाणा में ग्रामीण लाभार्थियों की संख्या 38.6 लाख होगी, जिनकी प्रतिशतता 23.35 है।
7. इस योजना के अंतर्गत नए लाभार्थियों की संख्या 85.29 लाख हो जायेगी, जिनकी प्रतिशतता 51.59 है।
8. वर्तमान में शहरी लाभार्थियों की संख्या 15.81 लाख है, जिनकी प्रतिशतता 17.51 लाख बनती है।
9. नई योजना के तहत शहरी लाभार्थियों 45.57 लाख हो जायेगी, जिनकी प्रतिशतता 51.66 है।
10. इस योजना के तहत अतिरिक्त शहरी लाभार्थियों की संख्या 29.76 लाख होगी, जिनकी प्रतिशतता 33.75 लाख बनेगी।
11. नई योजना के बाद ग्रामीण लाभार्थियों की संख्या 2.2 गुणा बढ़ोतरी होगी, जबकि शहरी लाभार्थियों की संख्या में 2.9 गुणा बढ़ोतरी होगी।
12. आईसीडीएस व मिड-डे-मिल योजना के तहत 6-14 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चों को पका हुआ पोषाहार या घर ले जाने के लिए राशन की सुविधा रहेगी।
13. यदि इस योजना के तहत लाभार्थियों को सस्ती दर पर अनाज नहीं मिलता है तो हरियाणा सरकार ने ‘खाद्य सुरक्षा भत्ता’ के तहत 350 रूपये प्रतिमाह मुआवजे के तौरपर देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही सरकार ने राशन डिपो स्तर पर होने वाली चूक शिकायत केन्द्र पर दर्ज होने पर भी यह मुआवजा देने की घोषणा की है।
14. योजना के तहत सस्ता अनाज न मिलने की शिकायतें लाभार्थी सरकार द्वारा जारी टोल फ्री नंबरों 18001802087 और 18001023406 पर भी दर्ज करवा सकते हैं।
‘खाद्य सुरक्षा विधेयक’ की धारा-31 के प्रावधान:
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के अनुसार खाद्य सुरक्षा विधेयक की धारा-31 के प्रावधान के अनुसार उत्पादकों का विशेष ख्याल रखा गया है। इन प्रावधानों में कृषि क्षेत्र पुनरोद्धार तथा छोटे तथा सीमांत किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाये गये है। कृषि निवेश में वृद्धि, जिसमें अनुसंधान एवं विकास, विस्तार सेवाएं, माइक्रो तथा माइनर सिंचाई, उत्पादन वृद्धि तथा उत्पादकता में ऊर्जा, किसानों को लाभकारी मूल्य दिलवा कर उसकी आजीविका को सुरक्षित करना, लागत, सिंचाई, बिजली तथा फसली बीमा और खाद्यान्न उत्पादन के लिए भूमि एवं जल के अनैच्दिक विविधीकरण पर निषेध तथा खरीद, भण्डार तथा हस्तक्षेप संबंधी गतिविधियां और अन्य सुरक्षित एवं पर्याप्त पेयजल, स्वच्छता, स्वास्थ्य देखभाल, पोषण, किशोरी लड़कियों को स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुविधाएं आदि शामिल हैं। विधेयक के धारा-31 के प्रावधान किसानों को उनकी उत्पादों के लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए उनकी अध्यक्षता में प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन द्वारा गठित मुख्यमंत्रियों के समूह की सिफारिशों पर आधारित हैं।
योजना पर किसका क्या है कहना?
‘‘खाद्य सुरक्षा विधेयक, 2013 यूपीए सरकार का एक महान कदम है, जो इतिहास में सुनहरी अक्षरों में लिखा जायेगा। महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश की आजादी के लड़ाई लड़ी गई थी और उनका सपना था कि देश में कोई भी व्यक्ति बिना भूख, वस्त्र या छत्त के न रहे। यूपीए सरकार ने मनरेगा के तहत रोजगार का अधिकार दिया और अब खाद्यान्न का अधिकार एक महत्वपूर्ण कदम है।‘‘
-भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, मुख्यमंत्री, हरियाणा सरकार।
‘‘खाद्य सुरक्षा योजना चुनावी स्टंट है। कांग्रेस को सिर्फ चुनाव के वक्त वोट बटोरने के लिए ही आम आदमी की याद आती है। अनन-फानन में शुरू की गई अधूरी योजना का प्रदेश की दस फीसदी जनता को भी लाभ नहीं मिलेगा।’’
-अशोक अरोड़ा, प्रदेशाध्यक्ष, इंडियन नैशनल लोकदल।
‘‘योजना गरीबों के हित में न होकर गरीब विरोधी है। इस योजना के लागू होने के बाद बीपीएल परिवारों को सार्वजनिक वितरणी प्रणाली के तहत प्रति परिवार मिल रहा 35 किलोग्राम राशन घटकर मात्र 25 किलोग्राम हो जायेगा।’’
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